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बरसात की रात खुफिया विभाग के दारोगा का मर्डर, सबूत बह गए पानी में! सीसीटीवी भी दे गया धोखा - Ranchi Police Investigation

Anupam Kachhap murder case. रांची में दारोगा मर्डर केस में अब तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग पाया है और अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर हैं. कई सवाल पुलिस के लिए अब तक पहेली बनी हुई है.

Ranchi Police Investigation
जांच के दौरान रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा और मृत दारोगा की फाइल फोटो. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 13, 2024, 8:09 PM IST

रांचीः झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच के सब इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप के हत्यारों को पुलिस किसी भी कीमत पर गिरफ्तार करना चाहती है. इसके लिए एक दर्जन अफसर भी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, लेकिन 12 दिन बीत जाने के बाद भी बरसात की उस भयानक रात की कहानी बाहर निकल कर नहीं आ सकी है, जिस रात अनुपम को मार डाला गया था.

जानकारी देते रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा. (वीडियो-ईटीवी भारत)

सवाल पर सवाल, पर जवाब एक भी नहीं

स्पेशल ब्रांच के सब इंस्पेक्टर अनुपम की हत्या किसने की? ऐसा क्या हुआ कि एक पुलिस वाले को चार गोलियां मार कर हत्या की गई? क्या अनुपम के दोस्त ही उसके हत्यारे हैं या फिर अनुपम किसी आपराधिक गिरोह की साजिश का शिकार हुआ. यह सभी सवाल न सिर्फ आम लोगों के दिमाग में कौंध रहे हैं, बल्कि अनुपम के परिवार के साथ-साथ रांची पुलिस के अफसरों के दिमाग में भी यही सवाल घूम रहा है. लेकिन 12 दिन बीत जाने के बाद भी अनुपम की हत्या किन वजह से की गई इसका खुलासा नहीं हो पाया है.

अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगा कोई सुराग

अनुपम केस में पुलिस को अब तक एक भी ऐसा साक्ष्य हाथ नहीं लगा है जिसकी बदौलत हत्यारों तक पहुंचा जा सके. जाहिर सी बात है एक पुलिस वाले की हत्या हुई है तो पुलिस किसी भी कीमत पर अपराधियों को सलाखें को पीछे पहुंचाना चाहती है, लेकिन चाहने और प्रयास करने के बावजूद 12 दिनों के बाद भी नतीजा सिफर है, समय बीतता जा रहा है और लोगों की बेचैनी भी मामले को लेकर बढ़ती जा रही है.

केस में अब तक 50 से अधिक से हुई पूछताछ

अनुपम हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए रांची पुलिस के द्वारा एक दर्जन पुलिस अफसरों की टीम को लगाई गई है.पिछले 12 दिनों में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर चुकी है, जिनमें 14 से अधिक वैसे लोग थे जो अनुपम के साथ दो अगस्त की रात पार्टी में शामिल थे.

कॉल डंप से भी नहीं मिला कोई सुराग

गौरतलब है कि पार्टी से लौटने के समय ही अनुपम की हत्या की गई थी.अनुपम मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए कांके से लेकर संग्रामपुर और जिस होटल में पार्टी आयोजित की गई थी वहां एक सप्ताह पहले और हत्या की रात कितने फोन एक्टिव थे सबका कॉल डंप निकाला गया. 100 से अधिक लोगों के सीडीआर निकाले गए, लेकिन अनुपम के हत्यारों का सुराग अब तक नहीं मिल पाया है.

जांच जारी है, पकड़े जाएंगे हत्यारेः एसएसपी

अनुपम हत्याकांड केस की रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं.रात भर जाग कर केस के हर छूटे पहलू को खंगाल रहे हैं, लेकिन अनुपम मर्डर केस एक ब्लाइंड मर्डर केस में तब्दील हो चुका है, जिसे सुलझाने के लिए पुलिस अपनी पूरी ताकत लगा चुकी है. एसएसपी चंदन सिन्हा के अनुसार पुलिस मामले की जांच कर रही है. उम्मीद है कि जल्द ही हत्यारे पकड़े जाएंगे.

बरसात ने बिगाड़ा पुलिस का काम

अनुपम हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में लगी पुलिस की सबसे बड़ी दुश्मन बरसात बनी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताता है कि 2 अगस्त की रात 1 से 2 के बीच कांके रिंग रोड में अनुपम की गोली मारकर हत्या की गई.जिस रात अनुपम की हत्या की गई उस दिन पूरी रात मूसलाधार बारिश हो रही थी.आलम यह था की रांची के कई इलाकों में पानी भर गया था.एनडीआरएफ तक को रेस्क्यू के लिए उतारना पड़ा था और उसी रात अनुपम की हत्या कर दी गई.भारी बारिश की वजह से वारदात वाले स्थल से हर तरह के साक्ष्य धूल गए हैं, न कोई फिंगर प्रिंट मिला और न ही किसी के अन्य तरह के निशान.

सीसीटीवी फुटेज भी नहीं आया काम

रांची रिंग रोड में दर्जनों सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन दो अगस्त की रात हुई तेज बारिश की वजह से कोई भी तस्वीर क्लियर नहीं है. जिससे घटना के समय आने-जाने वाले लोगों की पहचान नहीं हो पा रही है. साथ ही रिंग रोड से गुजरने वाले वाहनों की पहचान में भी मुश्किल आ रही है. सीसीटीवी के फुटेज काम न आना पुलिस के लिए भारी मुसीबत बन गई है.

सड़क किनारे खून से लथपथ पड़ा मिला था अनुपम

गौरतलब हो कि कांके थाना क्षेत्र के रिंग रोड स्थित इंडियन होटल में दो अगस्त की रात स्पेशल ब्रांच के एक दूसरे सब इंस्पेक्टर पवन की बर्थ-डे पार्टी थी. इस पार्टी में सब इंस्पेक्टर अनुपम को भी बुलाया गया था. पार्टी में सभी दोस्त अपनी-अपनी कार से आए थे. वहीं अनुपम अपनी मोटरसाइकिल से होटल पहुंचा था.पार्टी खत्म होने के बाद अनुपम को चूड़ी टोला स्थित अपने बैचमेट के घर जाना था.सभी दोस्त अपनी-अपनी कार से अपने घर की ओर चले गए ,जबकि दोस्त पवन अपनी कार से निकलकर अनुपम को पीछे-पीछे अपने घर आने को कहा.

कुछ देर बाद पवन जब चूड़ी टोली स्थित अपने घर पहुंच गया, लेकिन काफी देर तक जब अनुपम उसके घर नहीं आया तो उसने फोन किया. मगर अनुपम ने फोन नहीं उठाया. जिससे उसे संदेह हुआ और वह उसके मोबाइल लोकेशन के जरिए ढूंढते हुए देर रात 2.30 बजे संग्रामपुर पहुंचा.वहां पवन ने देखा कि अनुपम मुंह के बल सड़क किनारे खून से लथपथ हालत में पड़ा है. जिसके बाद उसे वह अपनी गाड़ी में उठाकर रिम्स ले गया, जहां जांच के बाद मौजूद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद पवन ने इसकी जानकारी कांके पुलिस को दी.'

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जानकारी देते रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा. (वीडियो-ईटीवी भारत)

सवाल पर सवाल, पर जवाब एक भी नहीं

स्पेशल ब्रांच के सब इंस्पेक्टर अनुपम की हत्या किसने की? ऐसा क्या हुआ कि एक पुलिस वाले को चार गोलियां मार कर हत्या की गई? क्या अनुपम के दोस्त ही उसके हत्यारे हैं या फिर अनुपम किसी आपराधिक गिरोह की साजिश का शिकार हुआ. यह सभी सवाल न सिर्फ आम लोगों के दिमाग में कौंध रहे हैं, बल्कि अनुपम के परिवार के साथ-साथ रांची पुलिस के अफसरों के दिमाग में भी यही सवाल घूम रहा है. लेकिन 12 दिन बीत जाने के बाद भी अनुपम की हत्या किन वजह से की गई इसका खुलासा नहीं हो पाया है.

अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगा कोई सुराग

अनुपम केस में पुलिस को अब तक एक भी ऐसा साक्ष्य हाथ नहीं लगा है जिसकी बदौलत हत्यारों तक पहुंचा जा सके. जाहिर सी बात है एक पुलिस वाले की हत्या हुई है तो पुलिस किसी भी कीमत पर अपराधियों को सलाखें को पीछे पहुंचाना चाहती है, लेकिन चाहने और प्रयास करने के बावजूद 12 दिनों के बाद भी नतीजा सिफर है, समय बीतता जा रहा है और लोगों की बेचैनी भी मामले को लेकर बढ़ती जा रही है.

केस में अब तक 50 से अधिक से हुई पूछताछ

अनुपम हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए रांची पुलिस के द्वारा एक दर्जन पुलिस अफसरों की टीम को लगाई गई है.पिछले 12 दिनों में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर चुकी है, जिनमें 14 से अधिक वैसे लोग थे जो अनुपम के साथ दो अगस्त की रात पार्टी में शामिल थे.

कॉल डंप से भी नहीं मिला कोई सुराग

गौरतलब है कि पार्टी से लौटने के समय ही अनुपम की हत्या की गई थी.अनुपम मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए कांके से लेकर संग्रामपुर और जिस होटल में पार्टी आयोजित की गई थी वहां एक सप्ताह पहले और हत्या की रात कितने फोन एक्टिव थे सबका कॉल डंप निकाला गया. 100 से अधिक लोगों के सीडीआर निकाले गए, लेकिन अनुपम के हत्यारों का सुराग अब तक नहीं मिल पाया है.

जांच जारी है, पकड़े जाएंगे हत्यारेः एसएसपी

अनुपम हत्याकांड केस की रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं.रात भर जाग कर केस के हर छूटे पहलू को खंगाल रहे हैं, लेकिन अनुपम मर्डर केस एक ब्लाइंड मर्डर केस में तब्दील हो चुका है, जिसे सुलझाने के लिए पुलिस अपनी पूरी ताकत लगा चुकी है. एसएसपी चंदन सिन्हा के अनुसार पुलिस मामले की जांच कर रही है. उम्मीद है कि जल्द ही हत्यारे पकड़े जाएंगे.

बरसात ने बिगाड़ा पुलिस का काम

अनुपम हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में लगी पुलिस की सबसे बड़ी दुश्मन बरसात बनी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताता है कि 2 अगस्त की रात 1 से 2 के बीच कांके रिंग रोड में अनुपम की गोली मारकर हत्या की गई.जिस रात अनुपम की हत्या की गई उस दिन पूरी रात मूसलाधार बारिश हो रही थी.आलम यह था की रांची के कई इलाकों में पानी भर गया था.एनडीआरएफ तक को रेस्क्यू के लिए उतारना पड़ा था और उसी रात अनुपम की हत्या कर दी गई.भारी बारिश की वजह से वारदात वाले स्थल से हर तरह के साक्ष्य धूल गए हैं, न कोई फिंगर प्रिंट मिला और न ही किसी के अन्य तरह के निशान.

सीसीटीवी फुटेज भी नहीं आया काम

रांची रिंग रोड में दर्जनों सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन दो अगस्त की रात हुई तेज बारिश की वजह से कोई भी तस्वीर क्लियर नहीं है. जिससे घटना के समय आने-जाने वाले लोगों की पहचान नहीं हो पा रही है. साथ ही रिंग रोड से गुजरने वाले वाहनों की पहचान में भी मुश्किल आ रही है. सीसीटीवी के फुटेज काम न आना पुलिस के लिए भारी मुसीबत बन गई है.

सड़क किनारे खून से लथपथ पड़ा मिला था अनुपम

गौरतलब हो कि कांके थाना क्षेत्र के रिंग रोड स्थित इंडियन होटल में दो अगस्त की रात स्पेशल ब्रांच के एक दूसरे सब इंस्पेक्टर पवन की बर्थ-डे पार्टी थी. इस पार्टी में सब इंस्पेक्टर अनुपम को भी बुलाया गया था. पार्टी में सभी दोस्त अपनी-अपनी कार से आए थे. वहीं अनुपम अपनी मोटरसाइकिल से होटल पहुंचा था.पार्टी खत्म होने के बाद अनुपम को चूड़ी टोला स्थित अपने बैचमेट के घर जाना था.सभी दोस्त अपनी-अपनी कार से अपने घर की ओर चले गए ,जबकि दोस्त पवन अपनी कार से निकलकर अनुपम को पीछे-पीछे अपने घर आने को कहा.

कुछ देर बाद पवन जब चूड़ी टोली स्थित अपने घर पहुंच गया, लेकिन काफी देर तक जब अनुपम उसके घर नहीं आया तो उसने फोन किया. मगर अनुपम ने फोन नहीं उठाया. जिससे उसे संदेह हुआ और वह उसके मोबाइल लोकेशन के जरिए ढूंढते हुए देर रात 2.30 बजे संग्रामपुर पहुंचा.वहां पवन ने देखा कि अनुपम मुंह के बल सड़क किनारे खून से लथपथ हालत में पड़ा है. जिसके बाद उसे वह अपनी गाड़ी में उठाकर रिम्स ले गया, जहां जांच के बाद मौजूद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद पवन ने इसकी जानकारी कांके पुलिस को दी.'

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