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कोटा में 3 घंटे में 250 पुलिसकर्मियों ने छात्र को ढूंढ़कर बचाई जान, यूपी पुलिस से मिला था सुसाइड का इनपुट

कोटा पुलिस को यूपी पुलिस से एक इनपुट मिला कि कोटा में पढ़ रहा एक छात्र सुसाइड कर सकता है, जिसके बाद तत्तपरता दिखाते हुए 250 पुलिसकर्मियों की टीम ने छात्र को 3 घंटे के अंदर ढूंढ़ निकाला, सिटी एसपी ने कहा कि अगर पुलिस थोड़ी देर और लगाती तो छात्र सुसाइड कर सकता था.

पुलिसकर्मियों ने छात्र को ढूंढ़कर बचाई जान
पुलिसकर्मियों ने छात्र को ढूंढ़कर बचाई जान
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 11, 2024, 3:08 PM IST

Updated : Feb 11, 2024, 3:50 PM IST

पुलिसकर्मियों ने छात्र को ढूंढ़कर बचाई जान

कोटा. कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने आने वाले विद्यार्थियों में सुसाइड की टेंडेंसी देखी जाती है. इसी को लेकर यहां पर कई तरह के प्रोग्राम जिला प्रशासन और पुलिस की तरफ से चलाए जा रहे हैं और इन छात्रों के अवसाद में जाने से रोकने के लिए भी पुलिस और प्रशासन प्रयासरत है. इसी बीच शनिवार को कोटा पुलिस को यूपी पुलिस से इनपुट मिला कि एक बच्चा सुसाइड कर सकता है, ऐसे समय में उसकी तलाश में पुलिस के 250 से ज्यादा अधिकारी और जवान जुट गए और उस छात्र को 3 घंटे के अंदर ढूंढ़ लिया. बाद में छात्र की काउंसलिंग करवाई गई, अगर पुलिस थोड़ी देर कर देती तो, बच्चा अवसाद के चलते सुसाइड कर सकता था.

कोटा सिटी एसपी शरद चौधरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश की वाराणसी साइबर सेल से उन्हें सूचना मिली कि कोटा में एक स्टूडेंट ने सुसाइड किया है और उसके मोबाइल में महाराष्ट्र निवासी एक स्टूडेंट के भी सुसाइड करने की जानकारी मिली है. पुलिस ने मोबाइल नंबर और उसके नाम के आधार पर छात्र की तलाश शुरू की. कोटा में पढ़ रहे ढाई लाख बच्चों में से उस नाम के विद्यार्थियों को तलाशा गया और उन सभी पर फोकस होकर पूरी टीम जुट गई. पुलिस अधिकारी कोटा के सुसाइड पॉइंट पर भी पहुंचे और वहां भी निगरानी रखने लगे. आखिरकार उस छात्र की लोकेशन के आधार पर उसके कुन्हाड़ी स्थित हॉस्टल में पहुंची और उसे रूम से बाहर निकाला.

इसे भी पढ़ें-कोटा में रह रहे उत्तर प्रदेश के छात्र ने की खुदकुशी, ऑनलाइन B.Tech की पढ़ाई कर रहा था युवक

10 दिन पहले ही कोटा आया था छात्र : एसपी का कहना है कि बच्चा पूरी तरह से बदहवास स्थिति में था. कुछ देर और हो जाती, तो वह सुसाइड भी कर सकता था. ऐसे में उसकी काउंसलिंग करवाई गई है और उसके पेरेंट्स को बुलाकर छात्र को कोटा से वापस भेजा जा रहा है. पुलिस ने बताया कि स्टूडेंट मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी कर रहा है और उसे कोटा आए हुए 10 दिन ही हुए थे. छात्र कोचिंग भी नहीं जा रहा था, साथ ही छात्र ने सुबह से खाना भी नहीं खाया था.एसपी चौधरी का कहना है कि केवल छात्र के मोबाइल नंबर और उसका नाम के संबंध में जानकारी मिली थी. ऐसे में यह कौन सी कोचिंग का है, कहां रहता है. यह सब कुछ तलाशना काफी चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि छात्र पीजी में रहते हैं, स्टूडेंट की संख्या भी 2 लाख से ज्यादा है.

पुलिसकर्मियों ने छात्र को ढूंढ़कर बचाई जान

कोटा. कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने आने वाले विद्यार्थियों में सुसाइड की टेंडेंसी देखी जाती है. इसी को लेकर यहां पर कई तरह के प्रोग्राम जिला प्रशासन और पुलिस की तरफ से चलाए जा रहे हैं और इन छात्रों के अवसाद में जाने से रोकने के लिए भी पुलिस और प्रशासन प्रयासरत है. इसी बीच शनिवार को कोटा पुलिस को यूपी पुलिस से इनपुट मिला कि एक बच्चा सुसाइड कर सकता है, ऐसे समय में उसकी तलाश में पुलिस के 250 से ज्यादा अधिकारी और जवान जुट गए और उस छात्र को 3 घंटे के अंदर ढूंढ़ लिया. बाद में छात्र की काउंसलिंग करवाई गई, अगर पुलिस थोड़ी देर कर देती तो, बच्चा अवसाद के चलते सुसाइड कर सकता था.

कोटा सिटी एसपी शरद चौधरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश की वाराणसी साइबर सेल से उन्हें सूचना मिली कि कोटा में एक स्टूडेंट ने सुसाइड किया है और उसके मोबाइल में महाराष्ट्र निवासी एक स्टूडेंट के भी सुसाइड करने की जानकारी मिली है. पुलिस ने मोबाइल नंबर और उसके नाम के आधार पर छात्र की तलाश शुरू की. कोटा में पढ़ रहे ढाई लाख बच्चों में से उस नाम के विद्यार्थियों को तलाशा गया और उन सभी पर फोकस होकर पूरी टीम जुट गई. पुलिस अधिकारी कोटा के सुसाइड पॉइंट पर भी पहुंचे और वहां भी निगरानी रखने लगे. आखिरकार उस छात्र की लोकेशन के आधार पर उसके कुन्हाड़ी स्थित हॉस्टल में पहुंची और उसे रूम से बाहर निकाला.

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10 दिन पहले ही कोटा आया था छात्र : एसपी का कहना है कि बच्चा पूरी तरह से बदहवास स्थिति में था. कुछ देर और हो जाती, तो वह सुसाइड भी कर सकता था. ऐसे में उसकी काउंसलिंग करवाई गई है और उसके पेरेंट्स को बुलाकर छात्र को कोटा से वापस भेजा जा रहा है. पुलिस ने बताया कि स्टूडेंट मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी कर रहा है और उसे कोटा आए हुए 10 दिन ही हुए थे. छात्र कोचिंग भी नहीं जा रहा था, साथ ही छात्र ने सुबह से खाना भी नहीं खाया था.एसपी चौधरी का कहना है कि केवल छात्र के मोबाइल नंबर और उसका नाम के संबंध में जानकारी मिली थी. ऐसे में यह कौन सी कोचिंग का है, कहां रहता है. यह सब कुछ तलाशना काफी चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि छात्र पीजी में रहते हैं, स्टूडेंट की संख्या भी 2 लाख से ज्यादा है.

Last Updated : Feb 11, 2024, 3:50 PM IST
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