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धामी मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक कल, करीब दो दर्जन प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर!

उत्तराखंड सचिवालय देहरादून में होंगी धामी मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक, आम जन से जुड़े कई प्रस्ताव पर होगी चर्चा.

CM Pushkar Singh Dhami
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार यानी 23 अक्टूबर को मंत्रिमंडल की बैठक होने जा रही है.उत्तराखंड सचिवालय देहरादून में सुबह 11:00 बजे से शुरू होने वाली मंत्रिमंडल की ये बैठक कई मायनों में बेहद खास रहने वाली है. क्योंकि इस बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है.

बता दें कि इससे पहले 11 सितंबर को धामी मंत्रिमंडल की बैठक होनी थी, लेकिन किसी कारणों ने बैठक को कैंसिल कर दिया गया था. इसके बाद 21 सितंबर की रात को आनन-फानन में कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कुछ ही प्रस्तावों पर मुहर लगी थी. ऐसे में करीब एक महीने के बाद कैबिनेट की बैठक होने जा रही है, जिसमें दो दर्जन से अधिक प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है.

मलिन बस्तियों पर अध्यादेश ला सकती है सरकार: मंत्रिमंडल की इस बैठक में प्रदेश के मलिन बस्तियों को अस्थाई रूप से राहत देने के लिए सरकार अध्यादेश के अवधि को बढ़ाने पर निर्णय ले सकती है. क्योंकि मलिन बस्तियों के अध्यादेश का कार्यकाल 23 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो रहा हैं. ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान मलिन बस्तियों को अस्थाई रूप से बचाने के लिए अध्यादेश ला सकती है.

यूसीसी पर हो सकती है चर्चा: इसके साथ ही यूसीसी की नियमावली तैयार करने के लिए गठित रूल्स मेकिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमेटी ने बीते दिन नियमावली का ड्राफ्ट सीएम धामी को सौंप दिया था. ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान प्रदेश में यूसीसी लागू करने की रणनीतियों पर चर्चा की जा सकता है.

इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा: साथ ही उत्तराखंड के पुराने बाजरों को नए सिरे से विकसित करने के लिए री-डेवलपमेंट नीति संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लग सकती है. इसके अलावा उत्तराखंड सरकार प्रदेश की एकल महिलाओं के लिए "मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना" संचालित करने जा रही है, लेकिन इस योजना में कुछ कमी होने के चलते धामी मंत्रिमंडल ने वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में उप समिति का गठन किया था. ताकि इस योजना को बेहतर ढंग से राज्य में लागू किया जा सके. इस योजना के लिए गठित उप समिति ने योजना का खाखा तैयार कर लिया है. जिसे 23 अक्टूबर को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा और फिर चर्चा करने के बाद पारित किया जाएगा.

तदार्थ और संविदा कर्मचारी को विनियमित किए जाने का प्रस्ताव: इसके अलावा प्रदेश के तदार्थ और संविदा कर्मचारी को विनियमित किए जाने संबंधित प्रस्ताव पर अगस्त महीने में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान मुहर लग गई थी, लेकिन इसके कट ऑफ डेट को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी. ऐसे में कैबिनेट बैठक में तदार्थ और संविदा कर्मचारी को विनियमित संबंधित कट ऑफ डेट पर मंत्रिमंडल मुहर लगा सकती है.

इसके अलावा 26 जुलाई को शौर्य दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी घोषणाएं की थी, जिसके तहत सेवा के शहीदों के आश्रितों को दी जाने वाली धनराशि को 10 लाख से बढ़कर 50 लाख करने संबंधित प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल के सम्मुख रखा जा सकता है.

उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर ही उत्तराखंड सरकार राजकीय कर्मचारी या पेंशनभोगियों की अविवाहित, विधवा और तलाकशुदा बेटी को पारिवारिक पेंशन देने का निर्णय लिया है. जिस पर वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के बाद अब इस प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल सहमति जता सकती है.

अतिथि शिक्षकों के मानदेय को बढ़ाने संबंधित प्रस्ताव, स्वास्थ्य सेवाओं की क्वालिटी को बेहतर करने के लिए स्टेट एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल का गठन करने संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लगने की संभावना है. वहीं प्रदेश की सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के 123 सीजनल मृतक कार्मिकों के आश्रितों को नौकरी दिए जाने संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है. .

दरअसल, अगस्त महीने में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के 68 मृतक आश्रितों को नौकरी दिए जाने संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लग गई थी. इसके साथ ही आयुर्वेद पाठ्यक्रमों में आयु सीमा में छूट दिए जाने संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लग सकती है.

उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई करने वाले डॉक्टर्स, दो साल तक दूसरे राज्यों में नही कर सकेंगे नौकरी इससे संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगने की संभावना है. इसके अलावा देहरादून में फोरेंसिक साइंस एक्सपोर्ट की तैनाती संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है. दरअसल, रजिस्ट्री में फ्रॉड केस होने पर गठित एसआईटी को संबंधित दस्तावेज की प्रामाणिकता जांचने के लिए चंडीगढ़ भेजना पड़ता है, लेकिन देहरादून में फोरेंसिक साइंस एक्सपोर्ट की तैनाती के बाद उन्हें चंडीगढ़ नहीं जाना पड़ेगा. इसके अलावा, शिक्षा, खेल, आयुर्वेद, स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों से संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लगने की संभावना है.

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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार यानी 23 अक्टूबर को मंत्रिमंडल की बैठक होने जा रही है.उत्तराखंड सचिवालय देहरादून में सुबह 11:00 बजे से शुरू होने वाली मंत्रिमंडल की ये बैठक कई मायनों में बेहद खास रहने वाली है. क्योंकि इस बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है.

बता दें कि इससे पहले 11 सितंबर को धामी मंत्रिमंडल की बैठक होनी थी, लेकिन किसी कारणों ने बैठक को कैंसिल कर दिया गया था. इसके बाद 21 सितंबर की रात को आनन-फानन में कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कुछ ही प्रस्तावों पर मुहर लगी थी. ऐसे में करीब एक महीने के बाद कैबिनेट की बैठक होने जा रही है, जिसमें दो दर्जन से अधिक प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है.

मलिन बस्तियों पर अध्यादेश ला सकती है सरकार: मंत्रिमंडल की इस बैठक में प्रदेश के मलिन बस्तियों को अस्थाई रूप से राहत देने के लिए सरकार अध्यादेश के अवधि को बढ़ाने पर निर्णय ले सकती है. क्योंकि मलिन बस्तियों के अध्यादेश का कार्यकाल 23 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो रहा हैं. ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान मलिन बस्तियों को अस्थाई रूप से बचाने के लिए अध्यादेश ला सकती है.

यूसीसी पर हो सकती है चर्चा: इसके साथ ही यूसीसी की नियमावली तैयार करने के लिए गठित रूल्स मेकिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमेटी ने बीते दिन नियमावली का ड्राफ्ट सीएम धामी को सौंप दिया था. ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान प्रदेश में यूसीसी लागू करने की रणनीतियों पर चर्चा की जा सकता है.

इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा: साथ ही उत्तराखंड के पुराने बाजरों को नए सिरे से विकसित करने के लिए री-डेवलपमेंट नीति संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लग सकती है. इसके अलावा उत्तराखंड सरकार प्रदेश की एकल महिलाओं के लिए "मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना" संचालित करने जा रही है, लेकिन इस योजना में कुछ कमी होने के चलते धामी मंत्रिमंडल ने वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में उप समिति का गठन किया था. ताकि इस योजना को बेहतर ढंग से राज्य में लागू किया जा सके. इस योजना के लिए गठित उप समिति ने योजना का खाखा तैयार कर लिया है. जिसे 23 अक्टूबर को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा और फिर चर्चा करने के बाद पारित किया जाएगा.

तदार्थ और संविदा कर्मचारी को विनियमित किए जाने का प्रस्ताव: इसके अलावा प्रदेश के तदार्थ और संविदा कर्मचारी को विनियमित किए जाने संबंधित प्रस्ताव पर अगस्त महीने में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान मुहर लग गई थी, लेकिन इसके कट ऑफ डेट को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी. ऐसे में कैबिनेट बैठक में तदार्थ और संविदा कर्मचारी को विनियमित संबंधित कट ऑफ डेट पर मंत्रिमंडल मुहर लगा सकती है.

इसके अलावा 26 जुलाई को शौर्य दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी घोषणाएं की थी, जिसके तहत सेवा के शहीदों के आश्रितों को दी जाने वाली धनराशि को 10 लाख से बढ़कर 50 लाख करने संबंधित प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल के सम्मुख रखा जा सकता है.

उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर ही उत्तराखंड सरकार राजकीय कर्मचारी या पेंशनभोगियों की अविवाहित, विधवा और तलाकशुदा बेटी को पारिवारिक पेंशन देने का निर्णय लिया है. जिस पर वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के बाद अब इस प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल सहमति जता सकती है.

अतिथि शिक्षकों के मानदेय को बढ़ाने संबंधित प्रस्ताव, स्वास्थ्य सेवाओं की क्वालिटी को बेहतर करने के लिए स्टेट एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल का गठन करने संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लगने की संभावना है. वहीं प्रदेश की सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के 123 सीजनल मृतक कार्मिकों के आश्रितों को नौकरी दिए जाने संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है. .

दरअसल, अगस्त महीने में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के 68 मृतक आश्रितों को नौकरी दिए जाने संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लग गई थी. इसके साथ ही आयुर्वेद पाठ्यक्रमों में आयु सीमा में छूट दिए जाने संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लग सकती है.

उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल कॉलेज में पीजी की पढ़ाई करने वाले डॉक्टर्स, दो साल तक दूसरे राज्यों में नही कर सकेंगे नौकरी इससे संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगने की संभावना है. इसके अलावा देहरादून में फोरेंसिक साइंस एक्सपोर्ट की तैनाती संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है. दरअसल, रजिस्ट्री में फ्रॉड केस होने पर गठित एसआईटी को संबंधित दस्तावेज की प्रामाणिकता जांचने के लिए चंडीगढ़ भेजना पड़ता है, लेकिन देहरादून में फोरेंसिक साइंस एक्सपोर्ट की तैनाती के बाद उन्हें चंडीगढ़ नहीं जाना पड़ेगा. इसके अलावा, शिक्षा, खेल, आयुर्वेद, स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों से संबंधित प्रस्ताव पर भी मुहर लगने की संभावना है.

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