देहरादून: प्रकाश के पर्व दीपावली को लेकर बाजारों में दुकानें सज चुकी हैं तो वहीं लोगों की भीड़ भी खरीदारी के लिए उमड़ रही है. 29 अक्टूबर तो धनतेरस 2024 भी है. इस दिन लोग सोने-चांदी के आभूषण की खरीदारी करते हैं, लेकिन कई बार लोग जानकारी के अभाव में ठगी का भी शिकार हो जाते हैं. क्योंकि, त्योहारी सीजन में मिलने वाले सामानों की गुणवत्ता कई बार खरी नहीं होती है. ऐसे में इस धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषण या फिर अन्य कोई भी सामान खरीदने के दौरान क्या कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है? इसकी अहम जानकारियों से आपको रूबरू करवाते हैं.
हॉलमार्क देखकर ही खरीदें ज्वेलरी: भारतीय मानक ब्यूरो के प्रांतीय हेड/निदेशक सौरभ तिवारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि धनतेरस के अवसर पर जनता बढ़चढ़ कर ज्वेलरी की खरीदारी करती है. ऐसे में ज्वेलरी खरीदने के दौरान लोगों को ज्वेलरी पर बने हॉलमार्क पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि हॉलमार्क भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से निर्धारित एक मार्क है, जो 6 डिजिट का एचयूआईडी (Hallmark Unique Identification) कोड होता है. भारतीय मानक ब्यूरो के अधिनियम के तहत सभी ज्वेलरी में हॉलमार्क लगाना अनिवार्य है.
मैग्नीफाइड ग्लास से ज्वेलरी में देखें हॉलमार्क: लिहाजा, जब ज्वेलरी खरीदने जाएं तो वो दुकानदार से हॉलमार्क वाली ज्वेलरी ही खरीदें. साथ ही दुकानदार से 10x मैग्नीफाइड ग्लास लेकर ज्वेलरी पर बने हॉलमार्क को देखें. जब इससे संतुष्ट हो जाएं, उसके बाद ही ज्वेलरी को खरीदें. दरअसल, ज्वेलरी पर जो हॉलमार्क बनाया जाता है, वो ज्वेलरी के अंदर की तरफ होता है. साथ ही काफी छोटा होता है, जो सामान्य आंखों से पढ़ा नहीं जा सकता. ऐसे में 10x मैग्नीफाइड ग्लास लेकर उसे पढ़ें.
BIS Care App में 6 डिजिट डालकर जान सकते हैं सभी जानकारी: सौरभ तिवारी ने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से BIS Care App जारी किया गया है. इस एप में वेरीफाई एचयूआईडी की सुविधा दी गई है. इस पर हॉलमार्किंग के 6 डिजिट डालकर यह जानकारी ले सकते हैं कि इस आभूषण का निर्माण कहां हुआ है? साथ ही उसकी क्वालिटी क्या है? जिससे खरीदार को ये पता चल सकेगा कि जो आभूषण वो खरीद रहा है, उसकी क्वालिटी कितनी है?
BIS Care App में कर सकते हैं शिकायत: उन्होंने बताया कि अगर ज्वेलरी खरीद रहे हैं और उस पर हॉलमार्क नहीं है तो ये हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वो इसकी शिकायत भारतीय मानक ब्यूरो से करे. ताकि, अवैध रूप से बेची जा रही ज्वेलरी पर लगाम लगाते हुए कार्रवाई की जा सके. शिकायत करने के लिए उपभोक्ता को कहीं जाने की जरूरत नहीं है. बल्कि, BIS Care App में शिकायत की सुविधा भी उपलब्ध है.
अपने डिजाइन के मुताबिक ज्वेलरी बनवा रहे हैं तो रखें ये ध्यान: सौरभ तिवारी ने बताया कि अभी भी छोटे शहरों में ये प्रचलन देखा जा रहा है कि लोग अपने अनुसार और अपनी पसंद की डिजाइन की ज्वेलरी बनवाते हैं. लेकिन कोई भी रेडीमेड ज्वेलरी हो या फिर ऑर्डर देकर के बनवाई गई हो, उसमें हॉलमार्क को देखकर ही लेना है. हालांकि, जो लोकल स्तर पर ज्वेलरी बनाने का काम कर रहे हैं, उनको भी रजिस्ट्रेशन दिया जा रहा है.
लिहाजा, जिस भी व्यक्ति से ज्वेलरी बनवा रहे हैं, उससे ये सुनिश्चित कर लें कि उसके पास बीआईएस का रजिस्ट्रेशन हो. क्योंकि, जब कोई भी लोकल ज्वेलरी निर्माता आभूषण बनाता है और वो बीआईएस से रजिस्टर्ड है तो वो जांच केंद्र से जांच करवाकर हॉलमार्क लगवाता है.
धनतेरस के अवसर पर न सिर्फ लोग ज्वेलरी खरीदने हैं बल्कि, अन्य घरेलू चीजें जैसे बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान समेत अन्य चीजें भी खरीदते हैं. इस पर सौरभ तिवारी ने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो की आईएसआई मार्क स्कीम के तहत सभी उपभोक्ता उत्पादों में आईएसई मार्किंग लगती है. लिहाजा, जब भी कोई भी चीज बाजार से खरीदें तो यह सुनिश्चित करें कि उसे प्रोडक्ट पर बीआईएस की मुहर लगी हो और उस पर लाइसेंस नंबर लिखा हो.
इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद आर मार्क और बर्तन आईएसआई मार्क वाला ही लें: ज्वेलरी के अलावा अन्य उत्पादों में 10 डिजिट का लाइसेंस नंबर होता है. ऐसे में उपभोक्ता BIS Care App के जरिए भी उत्पादों की जानकारी ले सकते हैं. साथ ही कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर आर मार्क (R Mark) की सुविधा दी जाती है. इसके अलावा बर्तनों पर भी आईएसआई मार्क (ISI) का होना अनिवार्य है. ऐसे में बर्तन खरीदने के समय भी आईएसआई मार्किंग को जरूर देखें.
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