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लोकसभा चुनाव पर हल्द्वानी हिंसा इफेक्ट! 16 फीसदी वोट बिगाड़ेंगे गणित, यहां समझें समीकरण - नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट

Nainital Udham Singh Nagar Lok Sabha Seat हल्द्वानी हिंसा भले ही क्षेत्रीय स्तर पर बनभुलपुरा इलाके तक सीमित रही हो, लेकिन इस पर राजनीति का आकार राष्ट्रव्यापी रहा. राजनीतिक दल इस घटना को आगामी लोकसभा चुनाव के समीकरणों से भी जोड़ रहे हैं. ऐसे में हिंसा का सबसे ज्यादा असर नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर पड़ता दिख रहा है. लिहाजा, उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में सबसे हॉट मानी जाने वाली नैनीताल उधमसिंह नगर सीट पर हल्द्वानी हिंसा कितना असर डालेगी? विस्तार से पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

Nainital Udham Singh Nagar Lok Sabha seat
हल्द्वानी हिंसा का असर
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 18, 2024, 6:58 PM IST

Updated : Feb 18, 2024, 9:43 PM IST

हल्द्वानी हिंसा का असर

देहरादून: हल्द्वानी के बनभुलपुरा इलाके में हिंसा अवैध कब्जे जुड़ी थी, लेकिन इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जाने लगे. इतना ही नहीं मामले पर अब नफा नुकसान पर भी बहस शुरू हो गई. हालांकि, इस घटना से आगामी लोकसभा चुनाव में राष्ट्रव्यापी असर होने की बात कही जा रही है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर घटनास्थल क्षेत्र यानी नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर पड़ने की संभावना है. उधर, राजनीतिक दल इस सीट पर मौजूद 16% अल्पसंख्यक समाज के वोट का गणित लगा रहे हैं.

हल्द्वानी हिंसा का असर: लोकसभा चुनाव के दौरान हल्द्वानी हिंसा अपना एक अहम किरदार अदा कर सकती है. चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण का गणित राजनीतिक दलों के समीकरण को बना या बिगाड़ भी सकता है. यह बात राजनीतिक दल भी जानते हैं और इसीलिए हल्द्वानी हिंसा पर हर बात तोलकर आगे बढ़ाई जा रही है. फिलहाल, राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चिंता नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा को लेकर है, जो सीधे तौर पर इस हिंसा से जुड़ी सीट है.

नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट में करीब 19 लाख 10 हजार मतदाता हैं. जिसमें 16 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता और 14% दलित मतदाता हैं. ऐसे में हल्द्वानी हिंसा पर जहां एक तरफ कांग्रेस, बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है तो पार्टी के नेता स्पष्ट तौर पर ये मानते हैं कि यह दो समुदायों के बीच की लड़ाई नहीं है. बल्कि, प्रशासन के फेल्योर के कारण हिंसा हुई है. कांग्रेस प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी कहते हैं कि बीजेपी इस मामले पर राजनीति करना चाहती है और प्रशासन के फेल्योर को छुपाने की कोशिश की जा रही है.

Nainital Udham Singh Nagar Lok Sabha seat
नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट के आंकड़े

नैनीताल जिले की 5 विधानसभा में भीमताल, हल्द्वानी, कालाढूंगी, लाल कुआं और नैनीताल सीट इस लोकसभा क्षेत्र में आती है. इन पांच विधानसभा में 4 विधानसभाएं बीजेपी के खाते में है. जबकि, एक विधानसभा जो कि घटनास्थल से जुड़ी हल्द्वानी है, वहां पर कांग्रेस के विधायक चुनाव जीत कर आए हैं. इसी तरह उधम सिंह नगर जिले में 9 विधानसभा सीट हैं. जिसमें 5 पर कांग्रेस के प्रत्याशी विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे हैं. जबकि, 4 सीटों पर बीजेपी जीती.

इस लोकसभा सीट से कई दिग्गज नेता जीते: यह ऐसी लोकसभा सीट है, जहां से कई बड़े चेहरे चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी भी इस लोकसभा सीट से 3 बार सांसद बने थे. भगत सिंह कोश्यारी ने भी इस सीट से लोकसभा पहुंचने में कामयाबी हासिल की थी. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट भी इसी सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने हैं. गोविंद बल्लभ पंत के बेटे केसी पंत भी इस सीट पर जीतकर संसद पहुंचे थे.

हल्द्वानी हिंसा के बाद नैनीताल उधम सिंह नगर सीट सबसे ज्यादा चर्चाओं में आई है. इस सीट को लेकर फिलहाल, राजनीतिक दलों ने कई तरह के आकलन करने शुरू कर दिए हैं. हालांकि, हल्द्वानी हिंसा पर राजनीति को लेकर जवाब देते हुए बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला कहते हैं कि हल्द्वानी हिंसा पर पार्टी किसी भी तरह की राजनीति नहीं करना चाहती है.

इस मामले में प्रशासन अपना काम कर रहा है और जहां तक सवाल चुनाव का है तो बीजेपी उत्तराखंड में एक बार फिर पांचों सीटों पर लोकसभा चुनाव जीतने जा रही है. उन्होंने कहा कि हल्द्वानी जैसी घटनाओं पर कांग्रेस राजनीति करती है और इसका फायदा उठाने की भी कोशिश करती है.

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हल्द्वानी हिंसा का असर

देहरादून: हल्द्वानी के बनभुलपुरा इलाके में हिंसा अवैध कब्जे जुड़ी थी, लेकिन इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जाने लगे. इतना ही नहीं मामले पर अब नफा नुकसान पर भी बहस शुरू हो गई. हालांकि, इस घटना से आगामी लोकसभा चुनाव में राष्ट्रव्यापी असर होने की बात कही जा रही है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर घटनास्थल क्षेत्र यानी नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर पड़ने की संभावना है. उधर, राजनीतिक दल इस सीट पर मौजूद 16% अल्पसंख्यक समाज के वोट का गणित लगा रहे हैं.

हल्द्वानी हिंसा का असर: लोकसभा चुनाव के दौरान हल्द्वानी हिंसा अपना एक अहम किरदार अदा कर सकती है. चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण का गणित राजनीतिक दलों के समीकरण को बना या बिगाड़ भी सकता है. यह बात राजनीतिक दल भी जानते हैं और इसीलिए हल्द्वानी हिंसा पर हर बात तोलकर आगे बढ़ाई जा रही है. फिलहाल, राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चिंता नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा को लेकर है, जो सीधे तौर पर इस हिंसा से जुड़ी सीट है.

नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट में करीब 19 लाख 10 हजार मतदाता हैं. जिसमें 16 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता और 14% दलित मतदाता हैं. ऐसे में हल्द्वानी हिंसा पर जहां एक तरफ कांग्रेस, बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है तो पार्टी के नेता स्पष्ट तौर पर ये मानते हैं कि यह दो समुदायों के बीच की लड़ाई नहीं है. बल्कि, प्रशासन के फेल्योर के कारण हिंसा हुई है. कांग्रेस प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी कहते हैं कि बीजेपी इस मामले पर राजनीति करना चाहती है और प्रशासन के फेल्योर को छुपाने की कोशिश की जा रही है.

Nainital Udham Singh Nagar Lok Sabha seat
नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट के आंकड़े

नैनीताल जिले की 5 विधानसभा में भीमताल, हल्द्वानी, कालाढूंगी, लाल कुआं और नैनीताल सीट इस लोकसभा क्षेत्र में आती है. इन पांच विधानसभा में 4 विधानसभाएं बीजेपी के खाते में है. जबकि, एक विधानसभा जो कि घटनास्थल से जुड़ी हल्द्वानी है, वहां पर कांग्रेस के विधायक चुनाव जीत कर आए हैं. इसी तरह उधम सिंह नगर जिले में 9 विधानसभा सीट हैं. जिसमें 5 पर कांग्रेस के प्रत्याशी विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे हैं. जबकि, 4 सीटों पर बीजेपी जीती.

इस लोकसभा सीट से कई दिग्गज नेता जीते: यह ऐसी लोकसभा सीट है, जहां से कई बड़े चेहरे चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी भी इस लोकसभा सीट से 3 बार सांसद बने थे. भगत सिंह कोश्यारी ने भी इस सीट से लोकसभा पहुंचने में कामयाबी हासिल की थी. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट भी इसी सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने हैं. गोविंद बल्लभ पंत के बेटे केसी पंत भी इस सीट पर जीतकर संसद पहुंचे थे.

हल्द्वानी हिंसा के बाद नैनीताल उधम सिंह नगर सीट सबसे ज्यादा चर्चाओं में आई है. इस सीट को लेकर फिलहाल, राजनीतिक दलों ने कई तरह के आकलन करने शुरू कर दिए हैं. हालांकि, हल्द्वानी हिंसा पर राजनीति को लेकर जवाब देते हुए बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला कहते हैं कि हल्द्वानी हिंसा पर पार्टी किसी भी तरह की राजनीति नहीं करना चाहती है.

इस मामले में प्रशासन अपना काम कर रहा है और जहां तक सवाल चुनाव का है तो बीजेपी उत्तराखंड में एक बार फिर पांचों सीटों पर लोकसभा चुनाव जीतने जा रही है. उन्होंने कहा कि हल्द्वानी जैसी घटनाओं पर कांग्रेस राजनीति करती है और इसका फायदा उठाने की भी कोशिश करती है.

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Last Updated : Feb 18, 2024, 9:43 PM IST
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