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'मुख्यमंत्री भी हारते हैं चुनाव, ई त केंद्रीय और राज्य मंत्री ही हैं': इमामगंज के राजद प्रत्याशी का दीपा मांझी पर तंज - IMAMGANJ BY ELECTION

इमामगंज के राजद प्रत्याशी रोशन मांझी ने एनडीए प्रत्याशी दीपा मांझी पर तंज कसते हुए कहा कहा कि 'मुख्यमंत्री भी चुनाव में हारे हैं'.

Roshan Manjhi
राजद प्रत्याशी रोशन मांझी. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 25, 2024, 4:23 PM IST

गया: बिहार की चार विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है. 25 अक्टूबर को नामांकन की अंतिम तिथि है. अंतिम दिन इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से राजद प्रत्याशी रोशन मांझी ने नामांकन पर्चा दाखिल किया. अंतिम तिथि होने के कारण जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से विधि व्यवस्था के चौकस प्रबंध किए गए थे. नामांकन के बाद रोशन मांझी ने जीत का दावा करते हुए कहा कि उनकी किसी से चुनैती नहीं है. दीपा मांझी के मंत्रियों के परिवार से होने पर तंज कसा.

"इमामगंज क्षेत्र के बेटा हैं, वहां का बेटा जीतेगा तो क्षेत्र में विकास का ज्यादा काम करेगा. समस्या अनेक है परंतु जो भी समस्या है उसका हम निदान करेंगे. कोई चुनौती नहीं है, पिता-पुत्र केंद्र और राज्य में मंत्री हैं तो क्या. मुख्यमंत्री भी चुनाव हारते हैं. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी तो हारे थे."- रोशन मांझी, राजद प्रत्याशी, इमामगंज

राजद प्रत्याशी रोशन मांझी. (ETV Bharat)

9 सालों में कुछ काम नहीं हुआः रोशन मांझी ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में इमामगंज क्षेत्र में विकास के कार्य कम ही हुए हैं. जितना बड़ा नाम जीतन राम मांझी का था उसके अनुरुप क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ. क्षेत्र की जनता से अपील करेंगे कि हम आपके भाई और बेटा हैं. हम घर के रहने वाले हैं. हम दुख सुख में साथ रहे हैं, साथ खेले पढ़े लिखे हैं. क्षेत्र की स्थिति को जानते हैं. वह तो आएंगे और जाएंगे, हम तो यहीं रहेंगे.

पहले भी लड़ चुके हैं चुनावः इमामगंज विधानसभा उपचुनाव के लिए एनडीए गठबंधन से हम पार्टी ने केंद्रीय मंत्री सह इमामगंज क्षेत्र के पूर्व विधायक जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी को प्रत्याशी बनाया है, जबकि महागांठबंधन की ओर से राजद ने रोशन मांझी को प्रत्याशी बनाया है. रोशन मांझी राजद से 2010 में भी चुनाव लड़े थे. लगभग 42 हजार वोट इन्हें प्राप्त हुआ था. जबकि विरुद्ध में खड़े जदयू के प्रत्याशी उदय नारायण चौधरी की मात्र 1211 वोटों से जती हुई थी. बाद में रोशन मांझी, जदयू में शामिल हो गए थे.

नक्सली संगठन से नहीं रहा संबंधः रोशन मांझी, औरंगाबाद के सांसद अभय कुशवाहा के करीबी माने जाते हैं. अभय कुशवाहा के साथ ही लोकसभा चुनाव के समय रोशन मांझी भी जेडीयू छोड़कर राजद में शामिल हो गये थे. तभी से माना जा रहा था कि इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से राजद के प्रत्याशी हो सकते हैं. एक सवाल के जवाब में राजद प्रत्याशी ने कहा कि नक्सली संगठन से कभी उनका संबंध नहीं रहा है. अगर कोई ऐसा आरोप लगाता है तो वह बताए कि हम पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई.

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"इमामगंज क्षेत्र के बेटा हैं, वहां का बेटा जीतेगा तो क्षेत्र में विकास का ज्यादा काम करेगा. समस्या अनेक है परंतु जो भी समस्या है उसका हम निदान करेंगे. कोई चुनौती नहीं है, पिता-पुत्र केंद्र और राज्य में मंत्री हैं तो क्या. मुख्यमंत्री भी चुनाव हारते हैं. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी तो हारे थे."- रोशन मांझी, राजद प्रत्याशी, इमामगंज

राजद प्रत्याशी रोशन मांझी. (ETV Bharat)

9 सालों में कुछ काम नहीं हुआः रोशन मांझी ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में इमामगंज क्षेत्र में विकास के कार्य कम ही हुए हैं. जितना बड़ा नाम जीतन राम मांझी का था उसके अनुरुप क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ. क्षेत्र की जनता से अपील करेंगे कि हम आपके भाई और बेटा हैं. हम घर के रहने वाले हैं. हम दुख सुख में साथ रहे हैं, साथ खेले पढ़े लिखे हैं. क्षेत्र की स्थिति को जानते हैं. वह तो आएंगे और जाएंगे, हम तो यहीं रहेंगे.

पहले भी लड़ चुके हैं चुनावः इमामगंज विधानसभा उपचुनाव के लिए एनडीए गठबंधन से हम पार्टी ने केंद्रीय मंत्री सह इमामगंज क्षेत्र के पूर्व विधायक जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी को प्रत्याशी बनाया है, जबकि महागांठबंधन की ओर से राजद ने रोशन मांझी को प्रत्याशी बनाया है. रोशन मांझी राजद से 2010 में भी चुनाव लड़े थे. लगभग 42 हजार वोट इन्हें प्राप्त हुआ था. जबकि विरुद्ध में खड़े जदयू के प्रत्याशी उदय नारायण चौधरी की मात्र 1211 वोटों से जती हुई थी. बाद में रोशन मांझी, जदयू में शामिल हो गए थे.

नक्सली संगठन से नहीं रहा संबंधः रोशन मांझी, औरंगाबाद के सांसद अभय कुशवाहा के करीबी माने जाते हैं. अभय कुशवाहा के साथ ही लोकसभा चुनाव के समय रोशन मांझी भी जेडीयू छोड़कर राजद में शामिल हो गये थे. तभी से माना जा रहा था कि इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से राजद के प्रत्याशी हो सकते हैं. एक सवाल के जवाब में राजद प्रत्याशी ने कहा कि नक्सली संगठन से कभी उनका संबंध नहीं रहा है. अगर कोई ऐसा आरोप लगाता है तो वह बताए कि हम पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई.

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