जोधपुर : झोलाछाप डॉक्टरों से आमजन को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अब उन संस्थानों पर कार्रवाई शुरू कर दी है, जिनका रजिस्ट्रेशन क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत नहीं हैं. इसके तहत शनिवार को डिप्टी सीएमएचओ जोधपुर ग्रामीण डॉ. प्रीतम सिंह सांखला ने केरू में अवैध रूप से संचालित हो रहे एक क्लिनिक को सीज किया.
डॉ. सांखला ने बताया कि आमजन को बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तत्पर है. सरकार की ओर से स्वास्थ्य संस्थानों का विस्तार किया गया है. इसके बावजूद झोलाछाप प्रैक्टिशनर अवैध रूप से क्लिनिक चलाकर लोगों का इलाज करने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
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बिना डिग्री डिप्लोमा के कर रहे उपचार : उन्होंने बताया कि केरू ग्राम में जिस क्लिनिक पर जांच की गई, वहां मौके पर अवैध रूप से दवाइयां, ड्रिप और बेड लगा होना पाया गया. संचालक के पास किसी भी तरह के मेडिकल की डिग्री या डिप्लोमा नहीं मिला. उन्होंने बताया कि संबंधित क्लिनिक को सीज करके राजीव गांधी थाने में संचालक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाकर आगे की कार्रवाई की जा रही है. इस दौरान आरसीएचओ डॉ कुणाल साहू व केरू बीसीएमएचओ डॉ सुरेश कुमार भी मोजूद रहे.
ये है क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के प्रावधान : क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत किसी भी स्वास्थ्य संस्थान का संचालन करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. इस रजिस्ट्रेशन में संस्थान की सम्पूर्ण जानकारी देनी होती है. साथ में डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन, एक्सरे रजिस्ट्रेशन सहित अन्य दस्तावेज लगते हैं. डिप्टी सीएमएचओ डॉक्टर सांखला ने बताया कि जिले में संचालित अस्पताल एवं क्लिनिक, जो कि मेडिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में पंजीकृत नहीं है, तथा अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई जारी है.