टिहरी गढ़वाल: कौड़िया रिजर्व फॉरेस्ट में पर्यटकों को जंगल सफारी करा रहे 18 वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. नई टिहरी सहायक संभागीय अधिकारी ने कौड़िया वन क्षेत्र में संचालित किए जा रहे 18 वाहन सीज कर दिए हैं. बताया गया कि पर्यटकों को जंगल सफारी के लिए चलाए जा रहे सभी वाहनों की फिटनेस, परमिट और बीमा नहीं कराया गया था.
जंगल सफारी करा रहे 18 वाहन सीज: बगैर फिटनेस और बिना परमिट के पर्यटकों की जान जोखिम में डालकर जंगल सफारी कराने पर एआरटीओ ने कार्रवाई की है. इसके बाद कौड़िया वन क्षेत्र में लंबे समय से चल रहा जंगल सफारी कार्यक्रम ठप हो गया है. वन विभाग चंबा-मसूरी फल पट्टी क्षेत्र से जुड़े कौड़िया वन क्षेत्र में पर्यटकों को जंगल सफारी कराने के लिए लंबे समय से साइकिलिंग और चौपहिया वाहनों में जिप्सी और अन्य प्रकार के वाहनों का संचालन हो रहा था.
अवैध रूप से संचालित हो रहे थे वाहन: मसूरी-धनौल्टी से बड़ी संख्या में पर्यटक कौड़िया पहुंचकर घने वन क्षेत्र में वाहनों में घूमकर जंगल सफारी का लुत्फ उठाते हैं. इसके लिए वन विभाग की अनुमति से वहां 18 वाहन संचालित किए जा रहे थे. लेकिन यह सभी वाहन अवैध रूप से संचालित किए जा रहे थे.
एआरटीओ ने की चेकिंग: एआरटीओ सत्येंद्र राज ने बताया कि-
डीएम मयूर दीक्षित के निर्देश पर कौड़िया रिजर्व फॉरेस्ट में संचालित वाहनों की सघन चेकिंग की गई. जांच में पता चला कि सभी वाहन बिना प्रपत्र के ही संचालित किए जा रहे हैं. किसी भी वाहन में फिटनेस, परमिट और बीमा आदि कोई भी प्रमाणपत्र नहीं मिला. वाहनों का कर भी जमा नहीं कराया जा रहा था. कौड़िया रिजर्व फॉरेस्ट में सैलानियों की जान जोखिम में डालकर जंगल सफारी कराई जा रही थी. जंगल सफारी में संचालित सभी 18 वाहनों को सीज कर धनौल्टी तहसील परिसर भेज दिया गया है.
-सत्येंद्र राज, एआरटीओ-
वन विभाग ने झाड़ा पल्ला: वहीं वन विभाग के रेंजर ने आशीष डिमरी ने कहा कि-
कौड़िया वन क्षेत्र में वाहन संचालन के लिए वन विभाग सिर्फ अनुमति देता है. इसके एवज में वन विभाग वाहन चालक और पर्यटकों से शुल्क लेता है. वाहन का फिटनेस, इंश्योरेंस और अन्य पत्रावलियों की जांच करने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग की है.
-आशीष डिमरी, रेंजर-
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