नई दिल्ली: 43वें विश्व व्यापार मेले में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित सरस आजीविका मेला, जो राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा समर्थित है, ने भारत मंडपम के हॉल नंबर 9 और 10 में अपनी छाप छोड़ दी है. यह मेला 27 नवंबर तक चलेगा, और इसमें 31 राज्यों की 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार अपने अद्भुत हस्तशिल्प का प्रदर्शन कर रही हैं.
भारी छूट के कारण बंपर खरीदारी: सरस आजीविका मेला में 10 से 20 प्रतिशत तक की भारी छूट ने खरीदारी को और भी आकर्षक बना दिया है. इस मेला में उपस्थित सभी स्टॉल्स पर ग्राहकों की भीड़ इकट्ठा हो रही है. विशेष रूप से सरस पवेलियन में 20 प्रतिशत तक का बंपर डिस्काउंट ग्राहकों को लुभा रहा है. लोगों ने जमकर खरीदारी की है, जिससे विक्रेताओं के चेहरे पर खुशी की लहर देखने को मिली है.
गोवा का काजू और अन्य विशेषताएं: गोवा की नव दुर्गा स्वयं सहायता समूह की सदस्य निशा विष्णुदास गावकर ने अपने स्टॉल पर विभिन्न प्रकार के काजू, बनाना चिप्स, कोकम, और गरम मसाले पेश किए हैं. उन्होंने बताया कि उनके स्टॉल पर सबसे ज्यादा बिक्री सॉल्टेड काजू और रोस्टेड काजू की हो रही है. निशा ने बताया कि अब तक लगभग पांच सौ किलो काजू की बिक्री हो चुकी है, और दिल्ली के ग्राहकों ने छिलके वाले काजू को विशेष पसंद किया है.
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वहीं, केरला के स्वयं सहायता समूह की प्रमिला और भुवनेश्वरी ने अपने स्टॉल पर केरला साड़ी, ड्रेस मेटेरियल, लुंगी, धोती, और टूपिस साड़ी जैसे सामान की बिक्री की है. उनके स्टॉल पर कीमतें पांच सौ से लेकर पचपन सौ रुपये तक हैं. इसके साथ ही, तमिलनाडु का गोल्डेन कंगन महिलाओं को बहुत आकर्षित कर रहा है, जिससे इसकी बिक्री भी तेजी से बढ़ रही है.
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