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कमाल का है आईआईटी में बना स्मार्ट स्प्रेयर, पेड़ों की पत्तियों और डंठलों तक पहुंचाएगा दवा - IIT KANPUR SMART SPRAYER

आईआईटी के विशेषज्ञों ने बगीचों में दवा छिड़काव में आने वाली समस्या से छुटकारा के बाबत खास स्मार्ट स्प्रेयर तैयार किया है. पढ़ें डिटेल खबर...

कानपुर आईआईटी में तैयार स्मार्ट स्प्रेयर.
कानपुर आईआईटी में तैयार स्मार्ट स्प्रेयर. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 20, 2025, 12:47 PM IST

कानपुर : अभी तक देश भर के किसान जब अपने बगीचों में जब दवा का छिड़काव करते थे तो उन्हें बहुत अधिक समय लगता था. साथ ही सभी पेड़ों पर दवा का छिड़काव ठीक ढंग से नहीं हो पता था. बहरहाल अब किसानों की समस्या का समाधान आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने कर दिया है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसा स्मार्ट स्प्रेयर विकसित किया है, जिसकी मदद से किसान जब अपने बगीचों में पेड़ों पर दवा या केमिकल्स का छिड़काव करेंगे तो वह पेड़ों की पत्तियों और डंठलों तक पहुंचेगा. साथ ही पहले की अपेक्षा 40 प्रतिशत तक केमिकल्स की बचत भी हो सकेगी.

जानकारी देते आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर भारत लोहानी. (Video Credit : ETV Bharat)

आईआईटी कानपुर में इस स्मार्ट स्प्रेयर को प्रोफेसर भारत लोहानी ने तैयार किया है. उनके साथ टीम में अक्षत आर्या, सौरभ यादव, मन्सवी और विवेक शामिल रहे. प्रोफेसर भरत ने बताया जब किसान अपने बगीचे में ट्रैक्टर से पहुंचेंगे तो उसमें पीछे इस स्मार्ट प्रेयर को आराम से लगा सकते हैं और जहां ट्रैक्टर चलेगा उसके ठीक पीछे लगे स्मार्ट एक्सप्रेस से दवा व केमिकल्स का छिड़काव होगा जो सीधे पेड़ों तक पहुंच जाएगा. इस स्मार्ट स्प्रेयर से छिड़काव उन स्थानों पर हो सकेगा, जहां पेड़ हैं. अगर पेड़ नहीं होंगे तो इस स्मार्ट स्प्रेयर काम ही नहीं करेगा.




उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा के किसानों के खेतों में होगा परीक्षण : प्रोफेसर भारत लोहानी ने बताया कि स्मार्ट स्प्रेयर का सफल परीक्षण आईआईटी कानपुर की लैब व आम के बागानों व सोनीपत के खेतों में हो गया है. अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र में खेतों में इसका परीक्षण होगा. इसके अलावा चार प्रोटोटाइप टेस्ट भी करेंगे. हमारी टीम ने एक एप भी बनाया है जो किसान के स्मार्टफोन पर अपलोड किया जाएगा और उसे एप की मदद से किसान जब खेतों में इस स्मार्ट स्प्रेयर को लेकर पहुंचेंगे तो उनके फोन पर स्वतः एक मैप तैयार हो जाएगा. जिसमें सभी पौधों की संरचना दिखेगी फिर जैसे-जैसे स्मार्ट प्रेयर से किसान बगीचों में दवा व कीटनाशक का छिड़काव कर देंगे वैसे-वैसे डाटा भी किसान के स्मार्टफोन पर दिखाई देगा और एक तय समय में किस पूरे खेत में दवा का छिड़काव कर लेंगे.

स्मार्ट स्प्रेयर की कीमत जल्द होगी तय : प्रोफेसर भारत ने बताया डिपार्मेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से आईआईटी कानपुर को प्रोजेक्ट मिला था. जिसमें उन्हें स्मार्ट स्प्रेयर बनाने के लिए फंडिंग की गई थी. आईआईटी कानपुर की ओर से स्मार्ट स्प्रेयर की मैन्युफैक्चरिंग के लिए कंपनी भी तय कर ली गई है, जो आईआईटी कानपुर के साथी इनक्यूबेटेड है. हालांकि अभी फिलहाल स्मार्ट स्प्रेयर की कोई तय कीमत नहीं है. जल्दी ही इसकी कीमत तय की जाएगी. साथ ही जो इसकी लाइफ होगी तो लगभग किसान तीन से चार सालों तक आसानी से इसे एक बार खरीद कर प्रयोग कर सकेंगे.

यह भी पढ़ें : आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट बनाएंगे खेती के आधुनिक उत्पाद, जीबी पंत विवि से हुआ करार - Initiative of IIT Kanpur - INITIATIVE OF IIT KANPUR

यह भी पढ़ें : पालीः कपड़ा उद्योग की नई पहल...अब फैशन में ही होगा बचाव का उपयोग - fashion with new initiatives

कानपुर : अभी तक देश भर के किसान जब अपने बगीचों में जब दवा का छिड़काव करते थे तो उन्हें बहुत अधिक समय लगता था. साथ ही सभी पेड़ों पर दवा का छिड़काव ठीक ढंग से नहीं हो पता था. बहरहाल अब किसानों की समस्या का समाधान आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने कर दिया है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसा स्मार्ट स्प्रेयर विकसित किया है, जिसकी मदद से किसान जब अपने बगीचों में पेड़ों पर दवा या केमिकल्स का छिड़काव करेंगे तो वह पेड़ों की पत्तियों और डंठलों तक पहुंचेगा. साथ ही पहले की अपेक्षा 40 प्रतिशत तक केमिकल्स की बचत भी हो सकेगी.

जानकारी देते आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर भारत लोहानी. (Video Credit : ETV Bharat)

आईआईटी कानपुर में इस स्मार्ट स्प्रेयर को प्रोफेसर भारत लोहानी ने तैयार किया है. उनके साथ टीम में अक्षत आर्या, सौरभ यादव, मन्सवी और विवेक शामिल रहे. प्रोफेसर भरत ने बताया जब किसान अपने बगीचे में ट्रैक्टर से पहुंचेंगे तो उसमें पीछे इस स्मार्ट प्रेयर को आराम से लगा सकते हैं और जहां ट्रैक्टर चलेगा उसके ठीक पीछे लगे स्मार्ट एक्सप्रेस से दवा व केमिकल्स का छिड़काव होगा जो सीधे पेड़ों तक पहुंच जाएगा. इस स्मार्ट स्प्रेयर से छिड़काव उन स्थानों पर हो सकेगा, जहां पेड़ हैं. अगर पेड़ नहीं होंगे तो इस स्मार्ट स्प्रेयर काम ही नहीं करेगा.




उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा के किसानों के खेतों में होगा परीक्षण : प्रोफेसर भारत लोहानी ने बताया कि स्मार्ट स्प्रेयर का सफल परीक्षण आईआईटी कानपुर की लैब व आम के बागानों व सोनीपत के खेतों में हो गया है. अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र में खेतों में इसका परीक्षण होगा. इसके अलावा चार प्रोटोटाइप टेस्ट भी करेंगे. हमारी टीम ने एक एप भी बनाया है जो किसान के स्मार्टफोन पर अपलोड किया जाएगा और उसे एप की मदद से किसान जब खेतों में इस स्मार्ट स्प्रेयर को लेकर पहुंचेंगे तो उनके फोन पर स्वतः एक मैप तैयार हो जाएगा. जिसमें सभी पौधों की संरचना दिखेगी फिर जैसे-जैसे स्मार्ट प्रेयर से किसान बगीचों में दवा व कीटनाशक का छिड़काव कर देंगे वैसे-वैसे डाटा भी किसान के स्मार्टफोन पर दिखाई देगा और एक तय समय में किस पूरे खेत में दवा का छिड़काव कर लेंगे.

स्मार्ट स्प्रेयर की कीमत जल्द होगी तय : प्रोफेसर भारत ने बताया डिपार्मेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से आईआईटी कानपुर को प्रोजेक्ट मिला था. जिसमें उन्हें स्मार्ट स्प्रेयर बनाने के लिए फंडिंग की गई थी. आईआईटी कानपुर की ओर से स्मार्ट स्प्रेयर की मैन्युफैक्चरिंग के लिए कंपनी भी तय कर ली गई है, जो आईआईटी कानपुर के साथी इनक्यूबेटेड है. हालांकि अभी फिलहाल स्मार्ट स्प्रेयर की कोई तय कीमत नहीं है. जल्दी ही इसकी कीमत तय की जाएगी. साथ ही जो इसकी लाइफ होगी तो लगभग किसान तीन से चार सालों तक आसानी से इसे एक बार खरीद कर प्रयोग कर सकेंगे.

यह भी पढ़ें : आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट बनाएंगे खेती के आधुनिक उत्पाद, जीबी पंत विवि से हुआ करार - Initiative of IIT Kanpur - INITIATIVE OF IIT KANPUR

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