प्रयागराज: धर्म और आस्था का महाजुटान प्रयागराज में हो रहा है. हर हिस्से में लोगों की मौजूदगी के साथ देशभक्ति के रंग भी देखने को मिल रहे हैं. कई शिविरों में तिरंगा शान से लहरा रहा है. गणतंत्र दिवस भी नजदीक है, हर कोई देश के इस महापर्व में देशभक्ति का रंग भी घोल रहा है.
ऐसे में अगर आप भी महाकुंभ में आ रहे हैं तो धर्म और आध्यात्म के साथ देशभक्ति के रंग में रंगने के लिए तैयार हो जाईए, क्योंकि 26 जनवरी से पहले महाकुंभ में तैयार हुई संविधान गैलरी आपको देश की उन तमाम बातों से रूबरू करवाएगी, जो शायद जानने के लिए आपको किताबों की मदद लेनी पड़ेगी.
महाकुंभ के एंट्री प्वाइंट के पास ही पर्यटक चौकी के पास आपको संविधान गैलरी मिलेगी. यह संविधान गैलरी देश के संविधान और गणतंत्र होने की पूरी कहानी को बयां करने के लिए काफी है. किस तरह से संविधान का निर्माण हुआ, किन कठिनाइयों से इसे डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने बनाया.
किन-किन देशों के संविधान की मदद के साथ अपने देश के संविधान को मजबूती प्रदान की गई इन सभी बातों का जिक्र इस संविधान गैलरी में आपको मिलेगा. कुंभ के आयोजन के दौरान लोगों को धर्म अध्यात्म संस्कृत और सभ्यता से रूबरू कराने के साथ देशभक्ति से भी जोड़ने की कवायत की गई है.
यही वजह है कि यहां पर तमाम संतों के शिविर पर तिरंगा झंडा भी पड़ता नजर आ रहा है. इन सब के बीच यहां पर बनाई गई संविधान गैलरी अपने देश के उसे बड़े हिस्से की जानकारी दे रही है जिसके बारे में जानने के लिए लोगों को मोटी-मोटी किताबें या घंटे इंटरनेट पर समय बिताना पड़ता है. यहां पर आने के बाद आपको देश के संविधान के प्रति वह जानकारियां मिलेंगी जो अद्भुत हैं.
एंट्री के साथ ही भारत के राष्ट्रीय चिह्न का विशालकाय रूप आपको देखने को मिलेगा. उसके बाद अंदर बड़े-बड़े डिस्प्ले बोर्ड पर भारत के संविधान के निर्माण की रूपरेखा से लेकर निर्माण के स्टेज अलग-अलग किस तरह से इसको तैयार किया गया है.
इसमें किन लोगों की महत्वपूर्ण भूमिकाएं थीं, किन लोगों की उपस्थिति में संविधान को अंतिम रूप दिया गया, पहला हस्ताक्षर किसका हुआ, कुल कितने पेज का संविधान है, संविधान की रूपरेखा तैयार करने के बाद इसे लिखने वाला व्यक्ति कौन था और तो और उस वक्त की वह अनदेखी तस्वीरें भी मौजूद हैं, जो शायद आपको कहीं भी देखने को ना मिले.
संविधान तैयार करते वक्त पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर महात्मा गांधी डॉ. भीमराव अंबेडकर और राजेंद्र प्रसाद सहित तमाम दिग्गजों की तस्वीरों के साथ ही संविधान पर पहले हस्ताक्षर करने वालों की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों को भी यहां पर बड़े ही खूबसूरत तरीके से प्रस्तुत किया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां आने वाले युवा इस संविधान गैलरी में काफी रुचि दिखा रहे हैं.
अपने मोबाइल में यहां रखें संविधान की प्रति के जरिए उसमें लिखी मुख्य बातों और अपने संविधान में दी गई नागरिकों को महत्वपूर्ण जानकारियां और उनके अधिकार को अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर रहे हैं, ताकि उन्हें भी इस बारे में जानकारी रहे कि उनके नैतिक अधिकार क्या है.
युवाओं का कहना है कि अब तक हमें संविधान के बारे में जानने के लिए किताबों को पढ़ना पड़ता था या इंटरनेट पर जाना पड़ता था, लेकिन यह जगह देखकर अच्छा लगा यहां पर तमाम जानकारियां एक ही छत के नीचे मिल नहीं है और 26 जनवरी से पहले हमें भी अपने संविधान के प्रति एक गर्व महसूस हो रहा है यहां पर आकर.
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