कानपुर : इस समय पूरी दुनिया साइबर हमलों से जूझ रही है. साइबर हैकर्स संस्थानों और लोगों के डाटा-गोपनीय जानकारियां चुरा ले रहे हैं. इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है. सिर्फ भारत ही नहीं, विदेशों में भी हैकर्स कंपनियों की वित्तीय जानकारियां चोरी कर रहे हैं. इन साइबर हमलों से सुरक्षा के लिए IIT कानपुर में एक नया सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. यह सॉफ्टवेयर न सिर्फ आपका डाटा सुरक्षित करेगा बल्कि साइबर अटैक होने पर चेतावनी भी देगा. आइए जानते हैं, इसके बारे में.
कैसे काम करता है आई-मिराज : आईआईटी कानपुर के डेटा के मुताबिक देश और दुनिया में करीब तीन लाख से अधिक मामले हैकिंग के दर्ज हो चुके हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि साइबर वर्ल्ड किस कदर असुरक्षित है. हैकर्स का अक्सर निशाना बड़े संस्थान और कंपनियां बनती हैं. इससे बचने के लिए आईआईटी कानपुर में आई-मिराज नाम का सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. आई-मिराज की खासियत यह है कि यह कंपनी के पूरे गोपनीय डेटा की क्लोन कॉपी तैयार कर देता है. फिर, जब साइबर अटैक होता है क्लोन कॉपी पर ही होता है. ऐसा होते ही संस्थानों के पास अटैकर्स की एक वार्निंग मिल जाती है. इसके बाद समय रहते संस्थान की गोपनीय जानकारियां सुरक्षित की जा सकती हैं.
हैकर्स को देगा चकमा : साइबर हमलों से बचाने में कारगर आई-मिराज हैकर्स को चकमा देगा. IIT कानपुर से पढ़ाई करने वाले व ट्रेकल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक शांतनु ने इस आई-मिराज सॉफ्टवेयर को बनाया है. ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत में शांतनु ने बताया कि आई-मिराज को हमने कुछ इस तरह से तैयार किया, जिससे अटैकर्स या हैकर्स को हम बेवकूफ बना सकें. उनका जो मकसद है, वह उसमें कामयाब न हो सकें. इसके लिए सॉफ्टवेयर में संस्थान का पूरा डाटा सुरक्षित करने के बाद हैकर्स उसे बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं. शांतनु ने बताया कि आईआईटी कानपुर के पास जो डाटा मौजूद है, उसके मुताबिक दुनिया में अभी तक साइबर अटैक के तीन लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं.