लखनऊ/कानपुर : देश व प्रदेश के तमाम ऐसे संस्थान हैं, जहां आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ उन संस्थानों के विशेषज्ञों संग तमाम ऐसे कार्य कर रहे हैं, जो जनउपयोगी हों. इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए, अब आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने उप्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग संग करार किया है. इस करार के तहत आईआईटी कानपुर में बन रहे गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों संग सूबे में टेली मेडिसिन को बढ़ावा देने व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से चिकित्सीय उपकरण तैयार करने की कवायद करेंगे. करार के दौरान उप्र के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा पार्थ सारथी सेन शर्मा, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर इंचार्ज (गंगवाल स्कूल आफ मेडिकल साइंसेस) संदीप वर्मा, आईआईटी के वरिष्ठ प्रोफेसर अमिताभ बंदोपाध्याय व प्रोफेसर निशीथ श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे.
स्वास्थ्य सेवा को देंगे मजबूती : करार को लेकर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर एस गणेश ने कहा कि आईआईटी कानपुर के गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच यह साझेदारी एआई को टेलीहेल्थ और पॉइंट-ऑफ-केयर डायग्नोस्टिक्स में तालमेल बनाकर स्वास्थ्य सेवा को मजबूती प्रदान करेगी. हम एआई-संचालित समाधानों का इस्तेमाल करके स्वास्थ्य देखभाल में अंतराल को पाट सकते हैं और जनमानस की पहुंच में सुधार कर सकते हैं. डेटा का विश्लेषण करने और जनसंख्या-आधारित आवश्यकताओं और परिणामों की भविष्यवाणी करने के लिए एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करने से स्वास्थ्य देखभाल वितरण दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार होगा.
एआई का उपयोग कर मरीजों की देखभाल करेंगे विशेषज्ञ : प्रोफेसर संदीप वर्मा, प्रोफेसर-इन-चार्ज, गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के साथ यह परिवर्तनकारी पहल आईआईटी कानपुर द्वारा स्वास्थ्य देखभाल के वितरण में नवाचार करने और उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए परिदृश्य को बदलने के लिए एआई में अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए देखेगी. यह साझेदारी एक ऐसे भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगी जहां एआई-संचालित समाधान मरीजों की देखभाल और पहुंच को फिर से परिभाषित करेंगे.
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