मोहन सरकार ने बदला डेपुटेशन रुल, इस उम्र में कर्मचारियों के दूसरे विभाग में जानें पर रोक - MP HEALTH DEPARTMENT DEPUTATION
कर्मचारियों अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति पर मध्य प्रदेश सरकार का फैसला. मोहन यादव ने रिटायरमेंट से पहले दूसरे विभागों में जानें पर लगाई रोक.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Nov 3, 2024, 5:14 PM IST
|Updated : Nov 4, 2024, 1:28 PM IST
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारी, अधिकारियों को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. अब रिटायरमेंट अगले साल होना है तो कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति का लाभ नहीं मिल सकेगा. इसके साथ ही प्रतिनियुक्ति वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के छह माह पहले वापस अपने मूल विभाग में जाना होगा. कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन और अन्य देयकों के मामले में किसी तरह की विसंगति से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ये निर्णय लिया है.
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए आदेश
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने सभी कार्यालयों को आदेश जारी कर दिए हैं. आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में काम कर रहे चिकित्सा अधिकारी, स्पेशलिस्ट और अन्य कर्मचारी जो दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्ति पर हैं, उन्हें सेवानिवृत्ति के छह माह पूर्व अपने मूल विभाग में लौटना होगा. विभाग ने यह भी साफ किया है कि प्रतिनियुक्ति की अवधि दो साल की होती है. इसमें दो साल का कार्यकाल और बढ़ाया जा सकता है. इसके बाद प्रतिनियुक्ति की समय सीमा खत्म होने के बाद सभी को अपने मूल विभाग में वापस लौटना अनिवार्य है.
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रिटायरमेंट नजदीक तो प्रतिनियुक्ति नहीं
उधर रिटायरमेंट का समय नजदीक होने पर कर्मचारी, अधिकारी प्रतिनियुक्ति का लाभ नहीं ले सकेंगे. स्वास्थ्य विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि अब प्रतिनियुक्ति के समय यह देखा जाएगा कि कर्मचारी को रिटायरमेंट के छह माह पहले विभाग में वापस किया जा सके. अब यदि रिटायरमेंट को 2 साल से कम समय बचा है तो प्रतिनियुक्ति पर जाना मुश्किल हो जाएगा.
इसलिए लिया गया निर्णय
विभाग ने यह निर्णय इसलिए लिया है कि कर्मचारियों, अधिकारियों के रिटायरमेंट के बाद उनकी पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य देयकों के मामलों में परेशानी न आए. प्रतिनियुक्ति पर रहते रिटायर होने से मामला दो विभागों में उलझता है और इससे भुगतानों की प्रक्रिया में समय लगता है. क्योंकि प्रतिनियुक्ति के बाद कर्मचारी का यूनिक एम्पलाई कोड भी संबंधित विभाग में ट्रांसफर हो जाता है.