जयपुर: एक गजब का संयोग प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में भरतपुर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा के रिटायरमेंट के दौरान हुआ है. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सांवरमल वर्मा के रिटायरमेंट से जुड़ी फाइल पर उनके ही बेटे कनिष्क कटारिया ने साइन किए हैं. कनिष्क कटारिया वर्तमान में कार्मिक विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं.
पहले हुआ था एक साथ प्रमोशन : दरअसल, सांवरमल वर्मा संभागीय आयुक्त, भरतपुर के पद से 30 सितंबर, 2024 को सेवानिवृत्त हुए हैं. उनके पुत्र कनिष्क कटारिया 2019 बैच के IAS ऑल इंडिया 1st रैंकर हैं और वर्तमान में कार्मिक विभाग, राजस्थान सरकार में संयुक्त सचिव हैं. उन्हें इस पद पर रहते हुए अपने पिता की सेवानिवृत्ति से जुड़ी फाइल पर आदेश हस्ताक्षर करने का सुखद अवसर मिला है. इससे पहले पिता पुत्र की यह आईएएस जोड़ी वेतन श्रृंखला के मामले में एक साथ पदोन्नत हुई है. इसकी जानकारी खुद आईएएस कनिष्क कटारिया ने सोशल मीडिया के जरिए भी दी थी.
कटारिया ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर बताया था कि उनके पिता सांवरमल वर्मा को भारतीय प्रशासनिक सेवा की चयन वेतन श्रृंखला से सुपरटाइम वेतन श्रृंखला (Level 14 in Pay Matrix) में पदोन्नत किया गया है. 1 जनवरी 2023 से प्रभावी हो रही इसी सूची में कनिष्क कटारिया कनिष्ठ वेतन श्रृंखला से वरिष्ठ वेतन श्रृंखला (Level 11 in Pay Matrix) में प्रमोट हुए हैं.
जयपुर संभागीय आयुक्त को सौंपा चार्ज : आपको बता दें भरतपुर संभागीय आयुक्त के पद से IAS सांवरमल वर्मा के रिटायरमेंट के बाद उनकी जगह एडिशनल चार्ज देने के आदेश पर उनके बेटे आईएएस कनिष्क कटारिया ने साइन किए हैं. 28 सितंबर को जारी एक आदेश के मुताबिक भरतपुर संभागीय आयुक्त के पद पर जयपुर संभागीय आयुक्त IAS रश्मि गुप्ता को अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है. वर्तमान में कनिष्क कटारिया कार्मिक विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं. मालूम हो कि किसी भी आईएएस, आईपीएस और आरएएस अधिकारी के ट्रांसफर, रिटायरमेंट सहित अन्य सेवा संबंधी आदेश पर संयुक्त सचिव ही हस्ताक्षर करते हैं.
कनिष्क लाखों की नौकरी छोड़ बने IAS : बता दें कि कनिष्क कटारिया उन युवाओं में से हैं, जिन्होंने पिता के सपने को पूरा करने के लिए लाखों रुपए की नौकरी छोड़कर यूपीएसी की सिविल सेवा में चयनित हुए. कनिष्क ने 2018 में भाग्य आजमया था और फर्स्ट रैंक हासिल की थी. इसको बाद कनिष्क को अपना होम कैडर ही मिला था. वह राजस्थान में साल 2019 बैच के आईएएस बने. फिर मसूरी में ट्रेनिंग करने के बाद बीकानेर में ट्रेनी ऐसिस्टेंट कलेक्टर के रूप में अपनी यात्रा शुरू की. इसके बाद कनिष्क कटारिया को जुलाई 2021 में कोटा के रामगंज मंडी में एसडीएम लगाया गया था. जनवरी 2023 में कनिष्क का प्रमोशन हुआ, इसके बाद से कार्मिक विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं.
कनिष्क कटारिया का सफर : यूपीएससी टॉपर 2018, कनिष्क कटारिया जयपुर, राजस्थान के मूल निवासी हैं. वह सिविल सेवकों के परिवार से आते हैं. उनके पिता और चाचा भी सिविल सेवा में हैं. उनके पिता, सांवरमल वर्मा आईएएस पद से रिटायर हुए हैं. चाचा, केसी वर्मा IAS हैं. कनिष्क कटारिया ने कोटा के सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. 2010 में, उन्होंने IIT JEE में 44वीं रैंक हासिल की थी, इसके बाद, उन्होंने IIT बॉम्बे में दाखिला लिया, जहां उन्होंने कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बीटेक किया. उन्होंने 2014 में अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की.
2016 तक कनिष्क कटारिया दक्षिण कोरिया में सैमसंग के साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करते थे. वहां उन्हें अच्छा खासा वेतन मिल रहा था. वे कहते हैं कि उनके मन में भारत की विकास कहानी का हिस्सा बनने की आकांक्षा पैदा हो गई थी. यहां तक कि अच्छी तनख्वाह और अच्छी नौकरी भी उन्हें अपने वतन से दूर नहीं रख सकी. कनिष्क कटारिया भारत लौट आए और IAS की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने डेटा साइंटिस्ट के तौर पर बैंगलोर में QPLUM में काम करना भी शुरू कर दिया, चूंकि उन्हें परीक्षा और इसकी अनूठी चुनौतियों के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी, इसलिए वे दिल्ली में ही रहे और करीब 7-8 महीने तक कोचिंग ली. मार्च 2018 से वे घर पर ही रहे और सेल्फ स्टडी में लग गए. 2018 में पूरी तैयारी कर भाग्य आजमया और नंबर एक रैंक हासिल की थी.