देहरादून: उत्तराखंड सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के साथ ही प्रदेश में कृषि कार्यों को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. इसके साथ ही किसानों के लिए तमाम योजनाएं संचालित कर रही है. जिससे किसान कृषि कार्यों से जुड़े रहें, लेकिन कृषि विभाग में प्रर्याप्त संख्या में सहायक कृषि अधिकारियों के न होने के चलते, योजनाएं सही ढंग से धरातल पर नहीं उतर पा रही हैं. मौजूदा स्थिति यह है कि कृषि विभाग में सहायक कृषि अधिकारियों की बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हुए हैं. जिसके चलते विभागीय कार्य योजना प्रभावित हो रही है.
भले ही राज्य सरकार किसानों की आय को बढ़ाने और प्रदेश में कृषि कार्यों को बढ़ावा देने के लिए तमाम योजनाएं संचालित कर रही हो लेकिन बिना कृषि अधिकारियों के ये संभव नहीं है. कृषि अधिकारी किसानों, पशुपालकों, सहकारी समितियों और कृषि क्षेत्र के अन्य लोगों को न सिर्फ तकनीकी सहायता प्रदान करता है बल्कि, सलाह भी देता है. जिससे फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही उसकी गुणवत्ता को भी बेहतर किया जाता है, लेकिन प्रदेश से तमाम जिलों में सहायक कृषि अधिकारियों के सैकड़ों पद खाली पड़े हुए हैं.
उत्तराखंड के कृषि विभाग में सहायक कृषि अधिकारी वर्ग-1 में कुल 233 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 188 पदों पर अधिकारी तैनात हैं, जबकि 45 पद खाली पड़े हुए हैं. सहायक कृषि अधिकारी वर्ग-2 में कुल 404 पद स्वीकृत हैं. जिसमे से 177 पदों पर अधिकारी तैनात हैं, जबकि 227 पद खाली पड़े हुए हैं. इसी क्रम में सहायक कृषि अधिकारी वर्ग-3 में कुल 483 पद स्वीकृत हैं. जिसमें से 117 पदों पर अधिकारी तैनात हैं. 366 पद खाली पड़े हुए हैं. यानी कृषि विभाग में सहायक कृषि अधिकारियों के कुल 1120 पद स्वीकृत हैं. जिसमें से मात्र 482 पदों पर ही अधिकारी तैनात हैं. 638 पद अभी भी खाली पड़े हुए हैं.
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से साल 2023 में कृषि विभाग के समूह- ग के खाली पड़े 354 पदों के लिए भर्ती की गई थी, लेकिन हाईकोर्ट के एक आदेश की वजह से भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई. ऐसे में हाईकोर्ट ने कृषि विभाग समेत अन्य विभागो के समूह-ग के खाली पड़े पदों को भरने की अनुमति दे दी है. लिहाजा, जल्द ही लोक सेवा आयोग के माध्यम से खाली पड़े पदों को भर दिया जाएगा.