नूंह: बरसात के चलते पुनहाना उपमंडल का मामलीका गांव टापू में तब्दील हो गया है. मामलीका गांव में चारओं तरफ पानी ही अपनी नजर आ रहा है. जलभराव होने की वजह से ना केवल फसलों के खराब होने की चिंता किसानों को सताने लगी है बल्कि इंसान से लेकर मवेशी तक सब परेशान हैं. पानी घरों में घुस रहा है। जिसने ग्रामीणों की टेंशन बढ़ा दी है. ग्रामीण इस पानी को निकलवाने के लिए अपने ग्राम पंचायत से संसाधन जुटा रहे हैं, लेकिन जितना पानी निकलता है, उतनी ही बरसात से पानी आसमान से नीचे गिर जाता है.
गांव की गलियों में भी भरा पानी
गांव की गलियां भी पानी से पूरी तरह से लबालब है. सब्जी की जो फसलें किसानों ने लगाई थी वो पूरी तरह से जलभराव की वजह से खराब हो गई हैं. अभी भी आसमान से लगातार बारिश हो रही है. ऐसे में किसानों के ऊपर कुदरत की मार अभी खत्म होने वाली नहीं है. चंद दिन पहले तक जो किसान बरसात की दुआ कर रहा था, वही किसान अब इस बारिश से पूरी तरह से तंग आ चुका है. गांव में ज्यादा पानी भरने की वजह से बीमारियां फैलने का भी खतरा मंडरा रहा है.
पशुओं को चारे की भी दिक्कत
ग्रामीण इस पानी को ट्रैक्टर और बोरवेल के माध्यम से उजीना ड्रेन में डाल रहे हैं, लेकिन पानी अधिक होने की वजह से जल्दी से यह समस्या का समाधान होता नहीं दिख रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से कोई पहल नहीं की जा रही है। ऐसे में इंसान तो इंसान बेजुबान जानवरों की भी जान पर बन आई है। इतना पानी होने की वजह से पशुओं को चारा तक की दिक्कत खड़ी हो गई है.
ग्रामीणों ने चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी
चंडीगढ़ मौसम विभाग ने अगले कई दिन तक प्रदेश में बरसात की संभावना जताई है. इससे मामलीका गांव में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगाई है, लेकिन इलाके के कई गांव में इसी तरह के हालात बने हुए हैं. प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है. ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों को चेतावनी दी है कि अगर उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वो विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.
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