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बजट सत्र में गूंजा मानव-वन्यजीव संघर्ष मामला, BJP विधायक ने की विशेष सत्र बुलाने की मांग, कांग्रेस ने भी घेरा

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 28, 2024, 7:42 PM IST

Updated : Feb 28, 2024, 7:49 PM IST

Uttarakhand Assembly, Uttarakhand Human Wildlife Conflict उत्तराखंड में वन्य जीवों का आतंक है. आए दिन जंगली जानवरों द्वारा हमला करने के मामले सामने आते रहते हैं. इसी बीच बुधवार को विधानसभा में भी ये मामला गूंजा. सदन में बाघ, गुलदार,भालू और हाथी पर चर्चा की गई. बीजेपी विधायक महंत दिलीप रावत ने इस मुद्दे को लेकर विशेष सेशन बुलाने की मांग उठाई है.

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देहरादून: उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक बना हुआ है. इस संबंध में कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश और गोपाल राणा ने विधानसभा सदन में सवाल उठाया कि 2017 से अभी तक जंगली जानवरों के हमले में 445 लोग मारे जा चुके हैं और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं. बाघ, गुलदार, हाथी, भालू और बंदरों के झुंड से जनता परेशान है. ऐसे में सरकार इसको लेकर ठोस नीति लाए और एक टास्क फोर्स गठित करे. जिस पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तर देते हुए कहा कि सरकार बंदरों का बंध्याकरण मिशन मोड में कर रही है. जिसके चलते इनकी संख्या में कमी आई है. मानव वन्य जीव संघर्ष रोकने के लिए हेल्पलाइन का भी गठन किया गया है.

महंत दलीप रावत ने वन्य जीवों के बढ़ते हमलों पर जताई चिंता: बीजेपी विधायक महंत दलीप रावत ने मुख्यमंत्री और स्पीकर से मुलाकात कर वन्य जीवों के बढ़ते हमलों पर चिंता व्यक्त की. साथ ही इस मुद्दे पर एक ठोस नीति बनाने के लिए विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि एक ओर जंगली जानवरों के हमले से लोग मारे जा रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर वन अधिनियम के कारण तमाम विकास कार्य लटके पड़े हैं.

जंगली जानवरों के हमले में नौ लोगों की मौत: बता दें कि उत्तराखंड में अकेले इस साल अभी तक जंगली जानवरों के हमले में नौ लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 22 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. अभी तक आमतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में ही मामले सामने आते थे, लेकिन अब राजधानी देहरादून में भी इन दो महीनों में दो बच्चे गुलदार का शिकार बन चुके हैं. सीएम धामी तीन बार इसी मुद्दे पर फॉरेस्ट अफसरों की मीटिंग ले चुके हैं.

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देहरादून: उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक बना हुआ है. इस संबंध में कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश और गोपाल राणा ने विधानसभा सदन में सवाल उठाया कि 2017 से अभी तक जंगली जानवरों के हमले में 445 लोग मारे जा चुके हैं और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं. बाघ, गुलदार, हाथी, भालू और बंदरों के झुंड से जनता परेशान है. ऐसे में सरकार इसको लेकर ठोस नीति लाए और एक टास्क फोर्स गठित करे. जिस पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तर देते हुए कहा कि सरकार बंदरों का बंध्याकरण मिशन मोड में कर रही है. जिसके चलते इनकी संख्या में कमी आई है. मानव वन्य जीव संघर्ष रोकने के लिए हेल्पलाइन का भी गठन किया गया है.

महंत दलीप रावत ने वन्य जीवों के बढ़ते हमलों पर जताई चिंता: बीजेपी विधायक महंत दलीप रावत ने मुख्यमंत्री और स्पीकर से मुलाकात कर वन्य जीवों के बढ़ते हमलों पर चिंता व्यक्त की. साथ ही इस मुद्दे पर एक ठोस नीति बनाने के लिए विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि एक ओर जंगली जानवरों के हमले से लोग मारे जा रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर वन अधिनियम के कारण तमाम विकास कार्य लटके पड़े हैं.

जंगली जानवरों के हमले में नौ लोगों की मौत: बता दें कि उत्तराखंड में अकेले इस साल अभी तक जंगली जानवरों के हमले में नौ लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 22 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. अभी तक आमतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में ही मामले सामने आते थे, लेकिन अब राजधानी देहरादून में भी इन दो महीनों में दो बच्चे गुलदार का शिकार बन चुके हैं. सीएम धामी तीन बार इसी मुद्दे पर फॉरेस्ट अफसरों की मीटिंग ले चुके हैं.

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Last Updated : Feb 28, 2024, 7:49 PM IST
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