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HRTC के रिटायर्ड कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ गुस्सा, आत्मदाह की दी चेतावनी - HRTC retired employees DA arrear

हिमाचल परिवहन निगम के सेवानिवृत कर्मचारियों ने सरकार को मांगें न मानने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है. कर्मचारी डीए-एरियर न मिलने से नाराज हैं.

HRTC के रिटायर्ड कर्मचारियों की बैठक
HRTC के रिटायर्ड कर्मचारियों की बैठक (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 7, 2024, 2:11 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच जिला इकाई हमीरपुर की वैठक चालक प्रशिक्षण केन्द्र बस स्टैंड हमीरपुर में सोमवार सुबह दस बजे आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अजमेर ठाकुर ने की. वैठक में विशेष तौर पर प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश, प्रदेश सचिव नन्दलाल उपस्थित हुए. बैठक में पेंशनर कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर विशेष चर्चा की गई. पेंशनरों में प्रदेश सरकार से मांग करते हुए चेताया है कि अगर जल्द मांगें नही मानी तो पेंशनर्स आत्मदाह करने से भी गुरेज नही करेंगें.

जिला अध्यक्ष अजमेर ठाकुर ने कहा कि, '2 साल से चिकित्सा बिलों का भुगतान नही हुआ है, जबकि वृद्धावस्था में पेंशनर्स को भयानक बीमारियों से ग्रस्त हैं और बैंकों से कर्जा लेकर अपना इलाज करवा रहे हैं. 65-70 और 75 साल पूरे कर चुके पेंन्शनर्स को अभी तक 5-10 और 15 का लाभ भी नहीं दिया गया है, जबकि दूसरे विभागों में दे दिया गया है. 1-1-2016 से लम्बित एरियर और मंहगाई भते के एरियर का भुगतान भी परिवहन पेन्शनर्स को अभी तक नहीं हुआ है, जबकि दूसरे विभागों को दो किस्तें मिल चुकी हैं. सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है.'

अजमेर ठाकुर ने कहा कि, 'हमने भी सरकार के आदेशों का पालन करते हुए जनता को अपनी सेवाएं दी हैं. हिमाचल सरकार व निगम प्रबन्धन से मांग करते हैं कि कोर्ट से आए फैसलों को मान सम्मान देकर इसे शीघ्र अतिशीघ्र लागू किया जाए और हमें इस बुढ़ापे में सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर न किया जाए. अगर ऐसा होता है तो पेंशनर कर्मचारी आत्मदाह करने के लिए भी तैयार‌ हैं. अगर ऐसा होता है तो सरकार जिम्मेदार होगी.'

बता दें कि देशभर में शारदीय नवरात्रि के साथ ही 3 अक्टूबर से फेस्टिवल सीजन शुरू हो गया है. हिमाचल में भी फेस्टिवल सीजन में बाजार पूरी तरह से सज गए हैं, लेकिन प्रदेश में सवा दो लाख कर्मचारियों और पौने दो लाख पेंशनर्स को डीए की किस्त ना मिलने से मार्केट में रौनक गायब है.

हालत तो ये है कि रिटायर कर्मचारियों के खाते में अभी तक पेंशन तकसमय पर नहीं आई. इस तरह से अब फेस्टिवल सीजन में घर को सजाने के लिए सामान खरीदना तो दूर पेंशनर्स को रोजमर्रा के छोटे-मोटे खर्च चलाने के लिए भी पैसे के लाले पड़ गए हैं. वहीं, सरकारी कर्मचारियों ने भविष्य के लिए योजनाएं तैयार की थी. वे भी डीए ना मिलने से धरी की धरी रह गई हैं. ऐसे में लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के सब्र का बांध अब जवाब दे गया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कर्मचारियों को वेतन तो मिला लेकिन फेस्टिवल सीजन में नहीं मिला DA का सुख, इस दिन करेंगे प्रदर्शन

हमीरपुर: हिमाचल परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच जिला इकाई हमीरपुर की वैठक चालक प्रशिक्षण केन्द्र बस स्टैंड हमीरपुर में सोमवार सुबह दस बजे आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अजमेर ठाकुर ने की. वैठक में विशेष तौर पर प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश, प्रदेश सचिव नन्दलाल उपस्थित हुए. बैठक में पेंशनर कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर विशेष चर्चा की गई. पेंशनरों में प्रदेश सरकार से मांग करते हुए चेताया है कि अगर जल्द मांगें नही मानी तो पेंशनर्स आत्मदाह करने से भी गुरेज नही करेंगें.

जिला अध्यक्ष अजमेर ठाकुर ने कहा कि, '2 साल से चिकित्सा बिलों का भुगतान नही हुआ है, जबकि वृद्धावस्था में पेंशनर्स को भयानक बीमारियों से ग्रस्त हैं और बैंकों से कर्जा लेकर अपना इलाज करवा रहे हैं. 65-70 और 75 साल पूरे कर चुके पेंन्शनर्स को अभी तक 5-10 और 15 का लाभ भी नहीं दिया गया है, जबकि दूसरे विभागों में दे दिया गया है. 1-1-2016 से लम्बित एरियर और मंहगाई भते के एरियर का भुगतान भी परिवहन पेन्शनर्स को अभी तक नहीं हुआ है, जबकि दूसरे विभागों को दो किस्तें मिल चुकी हैं. सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है.'

अजमेर ठाकुर ने कहा कि, 'हमने भी सरकार के आदेशों का पालन करते हुए जनता को अपनी सेवाएं दी हैं. हिमाचल सरकार व निगम प्रबन्धन से मांग करते हैं कि कोर्ट से आए फैसलों को मान सम्मान देकर इसे शीघ्र अतिशीघ्र लागू किया जाए और हमें इस बुढ़ापे में सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर न किया जाए. अगर ऐसा होता है तो पेंशनर कर्मचारी आत्मदाह करने के लिए भी तैयार‌ हैं. अगर ऐसा होता है तो सरकार जिम्मेदार होगी.'

बता दें कि देशभर में शारदीय नवरात्रि के साथ ही 3 अक्टूबर से फेस्टिवल सीजन शुरू हो गया है. हिमाचल में भी फेस्टिवल सीजन में बाजार पूरी तरह से सज गए हैं, लेकिन प्रदेश में सवा दो लाख कर्मचारियों और पौने दो लाख पेंशनर्स को डीए की किस्त ना मिलने से मार्केट में रौनक गायब है.

हालत तो ये है कि रिटायर कर्मचारियों के खाते में अभी तक पेंशन तकसमय पर नहीं आई. इस तरह से अब फेस्टिवल सीजन में घर को सजाने के लिए सामान खरीदना तो दूर पेंशनर्स को रोजमर्रा के छोटे-मोटे खर्च चलाने के लिए भी पैसे के लाले पड़ गए हैं. वहीं, सरकारी कर्मचारियों ने भविष्य के लिए योजनाएं तैयार की थी. वे भी डीए ना मिलने से धरी की धरी रह गई हैं. ऐसे में लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के सब्र का बांध अब जवाब दे गया है.

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