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गैर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों पर कार्रवाई नहीं होने से हाईकोर्ट नाराज़, रिपोर्ट नहीं देने पर लगेगा जुर्माना

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 7, 2024, 11:01 PM IST

Highcourt Strict on Not Taking Action : गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर कार्रवाई न करने पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. कड़े शब्दों में सरकार को निर्देश देते हुए अगली सुनवाई पर रिपोर्ट नहीं देने पर सरकार को जुर्माने की चेतावनी दी गई है.

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सरकार के रूख पर हाईकोर्ट सख्त, अब लगेगा जुर्माना

चंडीगढ़: हरियाणा में इस वक्त कई गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं. प्रदेश सरकार ने लंबे अरसे से इनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की. ऐसे में अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को चेतावनी दी है. आपको बता दें कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर भी गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं की गई है.

हरियाणा सरकार को 26 फरवरी तक का वक्त : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पूरे मामले में नाराज़गी जताते हुए राज्य सरकार को मामले में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के लिए 26 फरवरी तक का वक्त दिया है. इस बारे में आदेश जारी करते हुए कार्यवाहक चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लुपिता बनर्जी की डिवीजन बेंच ने साफ शब्दों में कह दिया कि अगर अगली सुनवाई पर जवाब दायर नहीं किया जाता तो उस सूरत में राज्य सरकार पर 20 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा.

2017 में लगाई गई थी हाईकोर्ट में याचिका: हरियाणा में संचालित हो रहे गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को बंद कराने के लिए साल 2017 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. याचिकाकर्ता मनोज कुमार जायसवाल ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट को बताया था कि अकेले फरीदाबाद की बात की जाए तो यहां 550 से ज्यादा निजी स्कूल गैर मान्यता प्राप्त हैं. ऐसे में राज्य के बाकी जिलों में भी बड़ी तादाद में गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों का संचालन हो रहा है. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि राज्य सरकार जानकारी होने के बावजूद मामले में कोई सख्त एक्शन नहीं ले रही है.

राज्य शिक्षा निदेशक कर सकते हैं कार्रवाई : आपको बता दें कि हरियाणा एजुकेशन एक्ट के तहत गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के खिलाफ राज्य के शिक्षा निदेशक को कार्रवाई करने का अधिकार है. हाईकोर्ट ने मनोज कुमार जायसवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को 4 महीनों में सर्वे कर राज्य के गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की लिस्ट तैयार करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद भी राज्य सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया. ऐसे में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में दोबारा अर्जी दाखिल कर दी जिसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर सख्ती दिखाई है.

ये भी पढ़ें : हरियाणा के स्कूलों में बच्चों को मिलेगा दही पराठा, सरकार के हेल्दी मेन्यू में बाजरा-चना, खिचड़ी के साथ सब्जी-पुलाव भी शामिल

चंडीगढ़: हरियाणा में इस वक्त कई गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं. प्रदेश सरकार ने लंबे अरसे से इनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की. ऐसे में अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को चेतावनी दी है. आपको बता दें कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर भी गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं की गई है.

हरियाणा सरकार को 26 फरवरी तक का वक्त : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पूरे मामले में नाराज़गी जताते हुए राज्य सरकार को मामले में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के लिए 26 फरवरी तक का वक्त दिया है. इस बारे में आदेश जारी करते हुए कार्यवाहक चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लुपिता बनर्जी की डिवीजन बेंच ने साफ शब्दों में कह दिया कि अगर अगली सुनवाई पर जवाब दायर नहीं किया जाता तो उस सूरत में राज्य सरकार पर 20 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा.

2017 में लगाई गई थी हाईकोर्ट में याचिका: हरियाणा में संचालित हो रहे गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को बंद कराने के लिए साल 2017 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. याचिकाकर्ता मनोज कुमार जायसवाल ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट को बताया था कि अकेले फरीदाबाद की बात की जाए तो यहां 550 से ज्यादा निजी स्कूल गैर मान्यता प्राप्त हैं. ऐसे में राज्य के बाकी जिलों में भी बड़ी तादाद में गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों का संचालन हो रहा है. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि राज्य सरकार जानकारी होने के बावजूद मामले में कोई सख्त एक्शन नहीं ले रही है.

राज्य शिक्षा निदेशक कर सकते हैं कार्रवाई : आपको बता दें कि हरियाणा एजुकेशन एक्ट के तहत गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के खिलाफ राज्य के शिक्षा निदेशक को कार्रवाई करने का अधिकार है. हाईकोर्ट ने मनोज कुमार जायसवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को 4 महीनों में सर्वे कर राज्य के गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की लिस्ट तैयार करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद भी राज्य सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया. ऐसे में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में दोबारा अर्जी दाखिल कर दी जिसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर सख्ती दिखाई है.

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