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खराब लैपटॉप देने के मामले में HP पर 22 हजार का हर्जाना - Consumer Case

Financial compensation on HP, जयपुर जिला उपभोक्ता आयोग तृतीय ने खराब लैपटॉप बेचने पर एचपी पर 22 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. साथ ही आयोग ने एचपी को 2021 से 9 फीसदी ब्याज सहित राशि लौटाने को कहा है.

Financial compensation on HP
HP पर 22 हजार का हर्जाना (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 3, 2024, 10:37 PM IST

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग तृतीय ने खराब लैपटॉप बेचने पर एचपी पर 22 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही आयोग ने लैपटॉप के मूल्य के रूप में वसूली गई 42 हजार सात सौ रुपए की राशि परिवाद पेश करने की तिथि 27 सितंबर, 2021 से नौ फीसदी ब्याज सहित लौटाने को कहा है. आयोग ने यह आदेश दिनेश कुमार के परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए.

आयोग ने अपने आदेश में कहा कि कोई भी उपभोक्ता जब इतनी बड़ी राशि खर्च करता है तो वो चाहता है कि उसका उत्पाद चले. इसके अलावा सर्विस सेंटर पर कुशल इंजीनियरों द्वारा उसे संतुष्ट किया जाए और उसे उपभोक्ता संरक्षण कानून का सहारा नहीं लेना पड़े. परिवाद में अधिवक्ता जयसिंह राठौड ने बताया कि परिवादी ने 11 नवंबर, 2020 को 42 हजार सात सौ रुपए में एचपी का लैपटॉप खरीदा था. लैपटॉप खरीदने के कुछ दिनों बाद ही उसमें हैंग होने की समस्या आने लगी. इस पर उसने विपक्षी के सर्विस सेंटर से ठीक कराया, लेकिन कुछ दिनों बाद वापस दिक्कत होने लगी. इस पर उसने पुन: सर्विस सेंटर दिखाया तो लैपटॉप की मदर बोर्ड बदल दी गई. इसके बाद भी लैपटॉप पूरी तरह सही नहीं हुआ और उसमें बार-बार हैंग होने की समस्या आने लगी.

इसे भी पढ़ें - दिव्यांग को खराब डीप फ्रिज बेचने पर विक्रेता व निर्माता कंपनी पर 2.15 लाख रुपए हर्जाना - District Consumer Commission

इसलिए उसे लैपटॉप की वसूली कीमत और मानसिक संताप के लिए हर्जाना दिलाया जाए. जिसके विरोध में एचपी की ओर से कहा गया कि उनकी सेवाओं में कोई कमी नहीं है. मदरबोर्ड खराब होने पर उसे बदला भी गया था. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आयोग ने एचपी पर हर्जाना लगाते हुए लैपटॉप की वसूली कीमत लौटाने को कहा है.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग तृतीय ने खराब लैपटॉप बेचने पर एचपी पर 22 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही आयोग ने लैपटॉप के मूल्य के रूप में वसूली गई 42 हजार सात सौ रुपए की राशि परिवाद पेश करने की तिथि 27 सितंबर, 2021 से नौ फीसदी ब्याज सहित लौटाने को कहा है. आयोग ने यह आदेश दिनेश कुमार के परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए.

आयोग ने अपने आदेश में कहा कि कोई भी उपभोक्ता जब इतनी बड़ी राशि खर्च करता है तो वो चाहता है कि उसका उत्पाद चले. इसके अलावा सर्विस सेंटर पर कुशल इंजीनियरों द्वारा उसे संतुष्ट किया जाए और उसे उपभोक्ता संरक्षण कानून का सहारा नहीं लेना पड़े. परिवाद में अधिवक्ता जयसिंह राठौड ने बताया कि परिवादी ने 11 नवंबर, 2020 को 42 हजार सात सौ रुपए में एचपी का लैपटॉप खरीदा था. लैपटॉप खरीदने के कुछ दिनों बाद ही उसमें हैंग होने की समस्या आने लगी. इस पर उसने विपक्षी के सर्विस सेंटर से ठीक कराया, लेकिन कुछ दिनों बाद वापस दिक्कत होने लगी. इस पर उसने पुन: सर्विस सेंटर दिखाया तो लैपटॉप की मदर बोर्ड बदल दी गई. इसके बाद भी लैपटॉप पूरी तरह सही नहीं हुआ और उसमें बार-बार हैंग होने की समस्या आने लगी.

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इसलिए उसे लैपटॉप की वसूली कीमत और मानसिक संताप के लिए हर्जाना दिलाया जाए. जिसके विरोध में एचपी की ओर से कहा गया कि उनकी सेवाओं में कोई कमी नहीं है. मदरबोर्ड खराब होने पर उसे बदला भी गया था. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आयोग ने एचपी पर हर्जाना लगाते हुए लैपटॉप की वसूली कीमत लौटाने को कहा है.

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