अलीगढ़ : जिले के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्लास्टिक सर्जरी विभाग अब तक 382 कटे होठ और तालू वाले बच्चों की सफल सर्जरी करके बच्चों समेत उनके परिजनों के चेहरो पर मुस्कान लौटा चुका है. यह सर्जरी निशुल्क की जा रही है. जानिए क्यों जरूरी है बच्चों के कटे होंठ, तालु, नाक और जबड़े कि वक्त पर सर्जरी और कैसे करवाएं निशुल्क?
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्लॉस्टिक सर्जरी विभाग के एडवांस्ड थियेटर में बच्चों के कटे होंठ और तालू का ऑपरेशन कर बच्चों के चेहरे को सुंदर बनाया जा रहा है. यहां बच्चों की निशुल्क सर्जरी हो रही है. सर्जरी में आर्थिक मदद स्माइल ट्रेन अमेरिका कर रही है. अलीगढ़, आगरा, कासगंज, बुलंदशहर, एटा, हाथरस सहित अन्य जिलों से प्लॉस्टिक सर्जरी विभाग में बच्चे आ रहे हैं, जिनके होंठ और तालू कटे हैं. वर्ष 2024 में 42 बच्चों की कटे होंठ और तालू की सर्जरी हो चुकी है.
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प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष ने बताया: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद फहुद खुर्रम ने ईटीवी भारत को खास बातचीत में बताया कि 2014 में एएमयू और अमेरिका की संस्था 'स्माइल ट्रेन अमेरिका' के बीच एम.ओ.यू साइन हुआ था. जिसके तहत हमारे यहां बच्चों के कटे होट और तलुओं की निशुल्क सर्जरी की जा रही, अब तक 382 बच्चों की सर्जरी की जा चुकी है, जिसमें पिछले साल 2024 में 42 बच्चों की निशुल्क सर्जरी की गई.डॉ. खुर्रम ने बताया जो बच्चे हमारे मेडिकल कॉलेज में पैदा होते हैं, अगर इनके होठ या तालु कटे होते हैं. तो हम उनके परिजनों को पहले ही बता देते हैं कि आपके बच्चे की सर्जरी इस उम्र में की जा सकती है. इसके अलावा जो बच्चे हमारे पास उत्तर प्रदेश के दूसरे जिलों और भारत के दूसरे राज्यों से आते हैं. उनके परिजनों को बच्चों के होठों के सर्जरी के संबंध में बता देते हैं.इतनी है सर्जरी की आयु : डॉ. खुर्रम ने बताया कटे होठों की सर्जरी के लिए बच्चों की आयु 4 से 6 महीनें और इनका वजन 4 किलो से ज्यादा होना चाहिए, इसी तरह बच्चों के तालु की सर्जरी के लिए बच्चों की आयु 1 साल होनी चाहिए और जबड़े के ऑपरेशन हम उन बच्चों के करते हैं जिनकी आयु 8 से 9 साल हो और नाक का ऑपरेशन के लिए 16 से 17 साल आयु होना जरूरी है. डॉ खुर्रम ने बताया कि जिला अलीगढ़ में किसी और सरकारी अस्पताल में इस तरह की सर्जरी नहीं होती है क्योंकि प्लास्टिक सर्जरी विभाग एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में ही है.
वक्त पर सर्जरी न करवाने से क्या होगा ? : डॉक्टर खुर्रम ने बताया कि अगर वक्त पर कटे होंठ की सर्जरी नहीं करवाई जाए तो बच्चे के दांत टेढ़े मेढ़े निकलते हैं. जिससे बच्चे का चेहरा देखने में अच्छा नहीं लगता. इसी तरह कटे तालु कि सर्जरी अगर वक्त पर न करायी जाए तो बच्चे को बोलने में परेशानी होती है. उसकी आवाज साफ नहीं होती, इसलिए कटे होठ, तालु, नाक और जबड़े की सर्जरी वक्त पर होना बहुत जरूरी है. इसके संबंध में हम लोग जागरूकता प्रोग्राम भी करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि कटे होंठ और तालू की सर्जरी को लेकर जागरूकता बढ़ी है. उन्होंने लोगों से अपील कि अगर उनके यहां कटे होंठ और तालू वाले बच्चे हों, तो बेझिझक विभाग में आ सकते हैं.
कटे होंठ की सफल सर्जरी के बाद कटे तालु की सर्जरी कराने लौटे परिजन : अलीगढ़ जट्टारी क्षेत्र से अपने बच्चे की कटे तालु की सफल सर्जरी करवाने के बाद, बच्चे की दादी सुजन और मां पूनम ने बताया कि 9 महीने पहले बच्चे शशि का कटे होठ का ऑपरेशन भी यहां करवाया था, जो सफल रहा. इसलिए अब वे कटे तालु का ऑपरेशन करवाने आए थे, जो 11 फरवरी को हुआ. ऑपरेशन थिएटर से मेडिकल वार्ड में आने के बाद, महिलाओं ने यहां की सुविधाओं की सराहना की और कहा कि निशुल्क सर्जरी की गई है, किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई. उन्होंने डॉक्टरों का धन्यवाद भी किया.