रायपुर : ज्योतिष शास्त्र में राहु ग्रह को अत्यंत क्रूर एवं पापी ग्रह कहा जाता है. क्योंकि राहु अपने जातकों को तुरंत फल देने का कारक होता है. रंक से राजा और राजा से रंक बनाने में भी राहु की ही भूमिका होती है. राहु के गुण की बात करे तो पहले, चौथे, सातवें, दसवें घर के चारों केंद्रीय स्थान, पांचवा और नवमें मूलत्रिकोण के स्थान पर राहु की उपस्थिति बड़े राजयोग का निर्माण करती है.
राहु आपको पहुंचा सकता है जेल : इसके अलावा तीसरा घर में रहकर राहु पराक्रमी एवं आध्यात्म की ओर ले जाने वाला छठे भाव में शत्रु का नाश करने वाला और 11 वें भाव में अचानक लाभ देने वाला होता है. 12 वें घर में भी इसकी उपस्थिति जीवन में अनावश्यक भटकाव देती है. जातक के बनते हुए काम को अचानक आखिरी क्षण में बिगाड़ देती है. 12 वें भाव के राहु में व्यक्ति जेल जाने की स्थिति में भी आ जाता है. कानूनी मामलों में उलझना पड़ता है.
कैसे करें राहु की शांति ?: ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "राहु की शांति के लिए राहु के 108 मंत्रों का जाप करना चाहिए. जैसे ओम राम राहवे नमः इसके अलावा गोमेद धारण करना चाहिए और मां दुर्गा तथा मां सरस्वती की उपासना करनी चाहिए. काल भैरव, बटुक भैरव की उपासना भी अत्यंत लाभदायक है. इस प्रकार राहु ग्रह एक श्रेष्ठ फल देने वाला ग्रह है. इससे घबराना नहीं चाहिए बल्कि इसकी उपासना करनी चाहिए. मां दुर्गा, मां सरस्वती एवं काल भैरव की उपासना राहु के दुष्प्रभाव को काफी हद तक कम कर देती है."
न्यायदाता ग्रह है राहु : ज्योतिष महेंद्र कुमार ठाकुर के मुताबिक ''राहु की स्थिति से कभी भी घबराना नहीं चाहिए. राहु 80% लाभ देता है, जबकि 20% ही हानि करता है. यदि राहु के प्रभाव को कम करने के लिए मंत्र जाप और उपासना की जाए तो राहु का प्रभाव शत प्रतिशत कम हो जाता है. इस प्रकार राहु को एक अच्छे न्यायदाता ग्रह के रूप में लिया जाना चाहिए. इसकी दशा महादशा में प्रसन्न होकर राहु देवता का स्वागत करना चाहिए."
Disclaimer : यहां प्रस्तुत सारी जानकारी ज्योतिष एवं शास्त्रों के ज्ञानियों के विचार हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.