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डिजिटल अरेस्ट से बचाएंगे ये तरीके, जानिए साइबर क्रिमिनल्स को कैसे पहचानें - CYBER FRAUD

आगरा में 12 घंटे में तीन शिक्षिकाएं बनी साइबर क्रिमिनल का निशाना, एक की मौत, दूसरी से दो लाख रुपये ठगे, तीसरी ने दिया चकमा

आगरा पुलिस कमिश्नरेट ने जारी की एडवाइजरी
आगरा पुलिस कमिश्नरेट ने जारी की एडवाइजरी (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 5, 2024, 4:19 PM IST

आगरा: साइबर क्रिमिनल हर दिन नए-नए तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. आगरा में एक दिन में साइबर क्रिमिनल ने शहर की तीन बुजुर्ग को ठगी के जाल में फंसाया. 30 सितंबर को जिसमें साइबर क्रिमिनल की धमकी और परिवार की बदनामी के डर से अलबतिया के सुभाष नगर निवासी शिक्षिका मालती की जान चली गई. जबकि, एमजी रोड निवासी रिटायर प्राचार्य सरोज भार्गव को आठ घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके बैंक खाता से दो लाख रुपये पार कर लिए. लेकिन रिटायर शिक्षिका आशालता चौहान अपनी सतर्कता से साइबर क्रिमिनल की जाल में नहीं फंसी. इन घटनाओं के बाद एसीपी डॉ. सुकन्या शर्माने साइबर क्रिमिनल की ठगी से जाल से बचने के टिप्स बताएं हैं. आइए, जानते साइबर क्रिमिनल के कॉल और डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें.

कैसे पहचाने डिजिटल अरेस्ट ?
एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि साइबर क्रिमिनल वीडियो कॉल करके मनी लॉण्डरिंग के केस, ड्रग्स, रेप समेत अन्य गंभीर केस में परिवार के किसी सदस्यों के पकड़े जाने की जानकारी देते हैं. इसके बाद मामले की जांच और मुकदमा दर्ज करने की धमकी देते हैं. कॉल करने वाला खुद को 'जांच अधिकारी' या अन्य अधिकारी बताता है. लगातार गिरफ़्तारी, जेल जाने और बदनामी होने की धमकी देगा. जो साइबर क्रिमिनल की बातों में आ गया या घबराया तो उसे साइबर क्रिमिनल जांच होने तक एक ही जगह पर बैठे रहने की कहते हैं. मुकदमा और जेल से बचाने के लिए डिमांड की जाए तो समझ जाएं कि ये साइबर क्रिमिनल की कॉल है. उसके झांसे में नहीं आएं, डरें नहीं और पुलिस को बताएं. क्योंकि पुलिस या किसी भी जांच एजेंसी के अधिकारी या कर्मचारी ऐसा नहीं करते हैं.

एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा (Video Credit; ETV Bharat)

डिजिटल अरेस्ट क्या होता है ?
साइबर क्रिमिनल पुलिस अधिकारी, इनकम टैक्स अधिकारी या अन्य अधिकारी बनकर लोगों को वीडियो कॉल करके ठगी कर शिकार बनाते हैं. जिसमें पीड़ित से कॉल नहीं काटने की धमकी दी जाती है. इसके साथ ही गिरफ्तारी और कार्रवाई का डर दिखाकर पैसे वसूलते हैं.

डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें.
डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें. (Photo Credit; ETV Bharat)

मलेशिया जा रहे आपके पार्सल में ड्रग्स है...रिटायर प्रिसिंपल को 8 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर ठगे दो लाख

आगरा पुलिस कमिश्नरेट ने जारी की एडवाइजरी

  • अनजान मोबाइल नंबर से कॉल करने वाला पुलिस वर्दी पहनकर या अन्य तरीकों से फंसाए तो सबसे पहले कॉल कट कर अपने परिवार व पुलिस को सूचना दें.
  • पुलिस कभी भी किसी को फोन कॉल करके या डरा धमका कर रुपये की डिमांड नहीं करती है. ऐसा होने पर तुरन्त पुलिस को सूचित करें.
  • साइबर अपराधी ऐसा भी कर रहे है कि फोन कॉल करके आपको किसी मामले से बचाने के लिये रुपयों की डिमांड करते हैं.
  • साइबर क्रिमिनल खुद को सीबीआई, एनआईए या किसी अन्य विभाग में अधिकारी या कर्मचारी बताकर आपके साथ फ्रॉड करने की कोशिश कर सकते हैं.
  • वेबसाइट, एप्लीकेशन अथवा कॉल एवं अन्य किसी भी माध्यम से आपको डराकर, झांसा देकर कोई डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास करें तो सतर्क हो जाएं.
  • मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स तस्करी या अन्य गंभीर मामले में अरेस्ट करने या जेल भेजने की धमकी दे तो तुरंत कॉल कट करके पुलिस को सूचना दें.
  • कॉल करने वाला शख्स अगर आपसे कहे कि आपका बेटा या बेटी ने कोई गंभीर अपराध किया है. वे पुलिस हिरासत में हैं. उन्हें छोड़ने की एवज में रुपये मांगे तो समझ जाएं कि ये कॉल साइबर क्रिमिनल का है. उसके झांसे में नहीं आएं.
  • यदि आपके मोबाइल पर 92 कोड वाले नंबर की कॉल आए तो उसे रिसीव नहीं करें.
  • अनजान मोबाइल नंबर से आने वाली व्हाट्सएप वीडियो व ऑडियो कॉल को रिसीव नहीं करें.
  • किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करें और अपनी बैंक डिटेल्स व ओटीपी किसी को शेयर नहीं करें.
  • अपनी व्यक्तिगत जानकारी, अपना कोई दस्तावेज, अपना पहचान समेत किसी को शेयर नहीं करें.

आगरा: साइबर क्रिमिनल हर दिन नए-नए तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. आगरा में एक दिन में साइबर क्रिमिनल ने शहर की तीन बुजुर्ग को ठगी के जाल में फंसाया. 30 सितंबर को जिसमें साइबर क्रिमिनल की धमकी और परिवार की बदनामी के डर से अलबतिया के सुभाष नगर निवासी शिक्षिका मालती की जान चली गई. जबकि, एमजी रोड निवासी रिटायर प्राचार्य सरोज भार्गव को आठ घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके बैंक खाता से दो लाख रुपये पार कर लिए. लेकिन रिटायर शिक्षिका आशालता चौहान अपनी सतर्कता से साइबर क्रिमिनल की जाल में नहीं फंसी. इन घटनाओं के बाद एसीपी डॉ. सुकन्या शर्माने साइबर क्रिमिनल की ठगी से जाल से बचने के टिप्स बताएं हैं. आइए, जानते साइबर क्रिमिनल के कॉल और डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें.

कैसे पहचाने डिजिटल अरेस्ट ?
एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि साइबर क्रिमिनल वीडियो कॉल करके मनी लॉण्डरिंग के केस, ड्रग्स, रेप समेत अन्य गंभीर केस में परिवार के किसी सदस्यों के पकड़े जाने की जानकारी देते हैं. इसके बाद मामले की जांच और मुकदमा दर्ज करने की धमकी देते हैं. कॉल करने वाला खुद को 'जांच अधिकारी' या अन्य अधिकारी बताता है. लगातार गिरफ़्तारी, जेल जाने और बदनामी होने की धमकी देगा. जो साइबर क्रिमिनल की बातों में आ गया या घबराया तो उसे साइबर क्रिमिनल जांच होने तक एक ही जगह पर बैठे रहने की कहते हैं. मुकदमा और जेल से बचाने के लिए डिमांड की जाए तो समझ जाएं कि ये साइबर क्रिमिनल की कॉल है. उसके झांसे में नहीं आएं, डरें नहीं और पुलिस को बताएं. क्योंकि पुलिस या किसी भी जांच एजेंसी के अधिकारी या कर्मचारी ऐसा नहीं करते हैं.

एसीपी डॉ. सुकन्या शर्मा (Video Credit; ETV Bharat)

डिजिटल अरेस्ट क्या होता है ?
साइबर क्रिमिनल पुलिस अधिकारी, इनकम टैक्स अधिकारी या अन्य अधिकारी बनकर लोगों को वीडियो कॉल करके ठगी कर शिकार बनाते हैं. जिसमें पीड़ित से कॉल नहीं काटने की धमकी दी जाती है. इसके साथ ही गिरफ्तारी और कार्रवाई का डर दिखाकर पैसे वसूलते हैं.

डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें.
डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें. (Photo Credit; ETV Bharat)

मलेशिया जा रहे आपके पार्सल में ड्रग्स है...रिटायर प्रिसिंपल को 8 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर ठगे दो लाख

आगरा पुलिस कमिश्नरेट ने जारी की एडवाइजरी

  • अनजान मोबाइल नंबर से कॉल करने वाला पुलिस वर्दी पहनकर या अन्य तरीकों से फंसाए तो सबसे पहले कॉल कट कर अपने परिवार व पुलिस को सूचना दें.
  • पुलिस कभी भी किसी को फोन कॉल करके या डरा धमका कर रुपये की डिमांड नहीं करती है. ऐसा होने पर तुरन्त पुलिस को सूचित करें.
  • साइबर अपराधी ऐसा भी कर रहे है कि फोन कॉल करके आपको किसी मामले से बचाने के लिये रुपयों की डिमांड करते हैं.
  • साइबर क्रिमिनल खुद को सीबीआई, एनआईए या किसी अन्य विभाग में अधिकारी या कर्मचारी बताकर आपके साथ फ्रॉड करने की कोशिश कर सकते हैं.
  • वेबसाइट, एप्लीकेशन अथवा कॉल एवं अन्य किसी भी माध्यम से आपको डराकर, झांसा देकर कोई डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास करें तो सतर्क हो जाएं.
  • मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स तस्करी या अन्य गंभीर मामले में अरेस्ट करने या जेल भेजने की धमकी दे तो तुरंत कॉल कट करके पुलिस को सूचना दें.
  • कॉल करने वाला शख्स अगर आपसे कहे कि आपका बेटा या बेटी ने कोई गंभीर अपराध किया है. वे पुलिस हिरासत में हैं. उन्हें छोड़ने की एवज में रुपये मांगे तो समझ जाएं कि ये कॉल साइबर क्रिमिनल का है. उसके झांसे में नहीं आएं.
  • यदि आपके मोबाइल पर 92 कोड वाले नंबर की कॉल आए तो उसे रिसीव नहीं करें.
  • अनजान मोबाइल नंबर से आने वाली व्हाट्सएप वीडियो व ऑडियो कॉल को रिसीव नहीं करें.
  • किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करें और अपनी बैंक डिटेल्स व ओटीपी किसी को शेयर नहीं करें.
  • अपनी व्यक्तिगत जानकारी, अपना कोई दस्तावेज, अपना पहचान समेत किसी को शेयर नहीं करें.

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