सिरमौर: ऐसा माना जाता है कि हमारा शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है. इन पंच तत्वों में पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश हैं. ये पांच तत्व शरीर के 7 मुख्य चक्रों में बंटे हुए हैं. इन पांच तत्वों और 7 चक्रों का आपसी संतुलन शरीर का स्वस्थ्य बनाए रखता है. पांच तत्वों में से एक जल, जिसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है. शरीर की सभी कोशिकाएं सही तरीके से काम करती रहें इसके लिए भी पानी बेहद जरूरी है.
हमारे शरीर का 60 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा पानी से बना है. लिहाजा हम सभी के लिए रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना जरूरी होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि शरीर दिन भर लगातार पानी बहाता रहता है. मुख्य रूप से मूत्र और पसीने के माध्यम से, लेकिन सांस लेने जैसी नियमित शारीरिक क्रियाओं से भी हमारे शरीर से पानी भाप के रूप में बाहर निकलता है. पानी की कमी आने पर स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है. ऐसे में पानी का सही मात्रा में सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. एक शोध के मुताबिक, मस्तिष्क और हृदय 73% पानी से बने होते हैं, फेफड़े लगभग 83%, त्वचा में 64%, मांसपेशियों और गुर्दे में 79% पानी होता है, हड्डियों में भी पानी की मात्रा 31% होती है.
आमतौर पर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है कि एक व्यक्ति को दिन भर (24 घंटे) में कितना पानी पीना चाहिए. इसको लेकर ईटीवी भारत ने हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के राजगढ़ में तैनात ब्लॉक मेडिकल आफिसर (बीएमओ) एवं विशेषज्ञ डाक्टर उपासना शर्मा से बातचीत की इस सवाल का सही जवाब ढूंढने का प्रयास किया.
डॉ. उपासना शर्मा ने बताया कि, 'एक दिन में एक महिला को 2 लीटर पानी की जरूरत होती है. जबकि एक पुरुष को प्रतिदिन 2.5 लीटर पानी का सेवन करना चाहिए. उन्होंने बताया कि चूंकि हमारा शरीर पानी को स्टोर नहीं कर सकता. लिहाजा इसके लिए जरूरी है कि हमें दिन में समय-समय पर पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए. ये पानी हमारे खून, डाइजेस्टिव जूसेस, पसीने आदि हर चीज में उपलब्ध होता है.' इसके अलावा वजन के अनुसार पर भी पानी की आवश्यकता होती है.
वजन | पानी की आवश्यकता (प्रतिदिन) |
72 किलोग्राम | 2.5 लीटर |
85 किलोग्राम | 3 लीटर |
100 किलोग्राम | 3.5 लीटर |
डॉ. उपासना ने बताया कि, 'यदि हम दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो हमें काफी नुकसान हो सकता है. हमारे शरीर में संक्रमण की चांसेज काफी बढ़ जाते हैं. जैसे यूरिन ट्रेक इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. बॉडी की कमी के कारण इससे डिहाइड्रेशन हो जाती है, जिससे इंसान को काफी कमजोरी लगती है. ऐसे में शरीर को प्रतिदिन जितने पानी की जरूरत है, उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि पानी हमारे शरीर के जितने भी मेटाबोलिज्म हैं, वो सभी को स्पोर्ट करता है.'
उम्र के हिसाब से कितना पानी पीना चाहिए और नवजात बच्चों को पानी मात्रा कितनी देनी चाहिए ये भी एक बड़ा सवाल है. डा. उपासना ने बताया कि, 'बच्चों में पानी का विशेष ध्यान रखना चाहिए. 6 महीने तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए. मां के दूध में पानी की भी पर्याप्त मात्रा होती है. लिहाजा बच्चे को आगे से पानी देने की कोई जरूरत नहीं होती. 6 महीने के बाद बच्चे को थोड़ा पानी पिलाना शुरू करना चाहिए. बड़े इंसानों की अपेक्षा बच्चों के लिए पानी की अलग मात्रा में जरूरत होती है.'
बच्चे की उम्र | पानी की मात्रा (प्रतिदिन |
1 से 3 साल | 4 कप इसमें पानी और दूध दोनों की मात्रा होती है |
4 से 8 साल | 5 कप |
13 साल | 7 से 8 कप |
14 से 18 साल | 8 से 11 गिलास |
पानी उबाल कर पीएं या ठंडा
बीएमओ डॉ. उपासना ने बताया कि पानी हमेशा साफ-सुथरा और उबालकर पीना चाहिए. हालांकि लोगों के घरों में एक्वागार्ड भी लगे होते हैं, लेकिन जहां नहीं लगे होते, वहां उबालकर पानी का सेवन करें. खासतौर पर बरसात के मौसम में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए. उन्होंने बताया कि खासतौर पर गर्मी के मौसम में पसीना अधिक आता है और शरीर से पानी ज्यादा निकलता है, उस दौरान यह जरूरी हो जाता है कि उसके मुताबिक पानी की मात्रा को बढ़ा दिया जाए. यदि कोई दस्त से पीड़ित होता है, तब तक ओआरएस घोल का इस्तेमाल कर पानी की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए, ताकि पानी की कमी शरीर में न हो पाए. पानी बहुत ही ज्यादा ठंडा और ना ही बहुत ज्यादा गर्म होना चाहिए.
कम पानी पीने से होनी वाली समस्याएं
हमारे शरीर में पानी की कमी होने पर हम डिहाइड्रेट हो जाते हैं. यानि हमारा शरीर जितना पानी ले रहा है, उससे ज्यादा खो रहा है. कभी कभार हमें डिहाइड्रेशन की शिकायत महसूस हो सकती है, लेकिन कुछ मामलों में यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के बाद भी आपको डिहाइड्रेशन की शिकायत लगती है तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
डिहाइड्रेशन के कुछ लक्षण
- सुस्त और थका हुआ महसूस करना
- गहरे पीले रंग और गंध वाला पेशाब
- शरीर में ऊर्जा की कमी
- सूखा मुंह
- सामान्य से कम पेशाब करना
- मासपेशियों में ऐंठन
- ज्यादा पानी पीने से होने वाली समस्या
ज्यादा पानी पीने के नुकसान
कुछ लोग दिनभर ज्यादा पानी पीने पर जोर देते हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी पीना शरीर के लिए अच्छा नहीं है. इससे वॉटर पॉइजनिंग, इन्टॉक्सिकेशन या फिर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में बाधा पहुंचने का अनुभव महसूस हो सकता है, क्योंकि कोशिकाओं (मस्तिष्क कोशिकाओं में भी) में बहुत अधिक पानी आने पर उनमें सूजन आ सकती है. मस्तिष्क की कोशिकाओं में सूजन होने पर ये आपके दिमाग के भीतर दबाव पैदा करती हैं. इससे भ्रम, सिरदर्द की शिकायत हो सकती है. दबाव बढ़ने से हाई बीपी, ब्रैडीकार्डिया के साथ हार्ट बीट के कम होने जैसी स्थितियों का कारण बन सकता है.
साफ सुथरे पानी का करें इस्तेमाल
डॉ. उपासना ने यह भी कहा कि, 'जल शक्ति विभाग की ओर से सप्लाई किए जाने वाला पानी साफ-सुथरा और ट्रीटिड होता है और उसी का इस्तेमाल करना चाहिए. तालाब-बावड़ियों के पानी में कीटाणु होने की संभावना रहती है, लिहाजा ऐसे पानी का सेवन करने से बचना चाहिए, ताकि किसी तरह की बीमारी की आशंका न रहे. इसलिए जरूरी है कि लोग साफ-सुथरा और प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें.'