बागेश्वर: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में भारी बारिश ने तबाही मचा रखी है. भारी बारिश के कारण कपकोट के बड़ी पन्याली में पहाड़ी दरक गई. पहाड़ी से गिरे मलबे में चार कमरों का मकान दब गया. इस हादसे में एक गाय और बछड़े की मौत हो गई. पहाड़ी दरकने की आवाज सुनकर मकान में मौजूद परिवार के लोगों ने अन्य जगह जाकर अपनी जान बचाई. वही गांव में दो अन्य मकान ध्वस्त हुए है. इसके अलावा बैकोड़ी में नरसिंह मंदिर भी जमींदोज हो गया.
मलबे में दबा मकान: आपदा विभाग बागेश्वर से मिली जानकारी के अनुसार आज 26 जुलाई शनिवार सुबह तेज बारिश ने बड़ी पन्याली के थाड़थाना तोक में पहाड़ी दरक गई. मलबा उमेद सिंह पुत्र केदार सिंह के मकान को बहा ले गया. मकान के मलबे में जेवर, कपड़े और नकदी के साथ ही घर का सारा सामान दब गया. मलबे के साथ बहे मकान में दो कमरे बने थे, जिसमें दंपती रहते थे. उनका एक बेटा है, जो बाहर नौकरी करता है. दो कमरे निर्माणाधीन थे.
सैकड़ों नाली कृषि योग्य भूमि बही: वहीं, बड़ी पन्याली के उडेनाइजर तोक की पार्वती देवी पत्नी रतन सिंह, शेर सिंह पुत्र धीम का मकान भी ध्वस्त हो गया. सूचना मिलने पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आपदा प्रबंधन, राजस्व टीम ने मौके पर पहुंचकर मलबे में दबे जानवर और अन्य सामान की खोजबीन की. गांव में सैकड़ों नाली कृषि योग्य भूमि बह गई है.
भूस्खलन से बड़ी पन्याली ग्राम पंचायत के कुंदन सिंह पुत्र केदार सिंह, प्रेम सिंह पुत्र चंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह पुत्र कुंवर सिंह, जोगा सिंह पुत्र मोहन सिंह, भूपेंद्र सिंह पुत्र प्रताप सिंह, गोपाल सिंह पुत्र प्रताप सिंह, कुंदन सिंह पुत्र प्रताप सिंह के आवासीय मकानों को खतरा बना हुआ है.
प्राचीन मंदिर जमींदोज: वहीं भारी बारिश से दुगनाकुरी तहसील के बैकोड़ी में स्थित नरसिंह देवता का प्राचीन मंदिर जमीदोंज हो गया. भूस्खलन से स्थल पर मंदिर का नामोनिशान नहीं रहा. बैकोड़ी की पेयजल लाइन और पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया. कृषि भूमि और फसल मलबे में दबकर नष्ट हो गए. 3
दुगनाकुरी तहसील की नायब तहसीलदार प्राची बहुगुणा ने स्थलीय निरीक्षण कर क्षति का जायजा लिया और संबंधित विभागों को क्षतिपूर्ति के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए. वहीं, रेडक्रॉस सोसायटी और कपकोट विधायक ने भी क्षेत्रों में जाकर आपदा प्रभावित परिवारों को मदद की.
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