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सावधान! महाकुंभ से पहले साइबर ठग सक्रिय, फेक वेबसाइट बनाकर कर रहे होटल-टेंट सिटी में बुकिंग - PRAYAGRAJ MAHAKUMBH 2025

महाकुंभ मेला क्षेत्र में ठहरने वाले श्रद्धालुओं को साइबर ठग बना रहे शिकार, होटल की फर्जी वेबसाइट के माध्यम से कर रहे हैं ठगी

प्रयागराज के होटलों की फर्जी वेबसाइट से ठगी.
प्रयागराज के होटलों की फर्जी वेबसाइट से ठगी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 56 minutes ago

प्रयागराज: संगम नगरी में महाकुंभ शुरू होने से पहले साइबर ठग सक्रिय हो गए हैं. महाकुंभ में दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को साइबर ठग अपना निशाना बना रहे हैं. नामी होटलों की फर्जी वेबसाइट बनाकर बुकिंग के नाम पर ठगी करने के कई मामले सामने आए हैं. एक शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज जांच शुरू कर दी गई है. कान्हा श्याम होटल के महाप्रबंधक रुपेश कुमार सिंह ने पुलिस को बताया कि साइबर ठग उनके होटल के नाम पर क्यूआर कोड के माध्यम से कुंभ में शामिल होने वाला श्रद्धालुओं के साथ ठगी कर रहे हैं.

44 फेक वेबसाइट पुलिस के रडार परः होटल कान्हा श्याम के अलावा होटल अजय इंटरनेशनल, मारवाड़ी धर्मशाला आदि के नाम पर ठगी की जा रही है. साइबर थाना प्रभारी राजीव कुमार तिवारी का कहना है कि शहर के 50 से अधिक होटल के नाम पर फर्जी वेबसाइटें बना ली गई हैं. उन्होंने बताया कि महाकुंभ मेला क्षेत्र में साइबर थाना बनाया जा रहा है. प्रदेश के चुनिंदा साइबर एक्सपर्ट्स की एक स्पेशल टीम बुलाई गई है. फेंक, डार्क वेबसाइट व सोशल मीडिया के शातिरों से श्रद्धालुओं को बचाने के लिए संदेहास्पद 44 वेबसाइटों को रडार पर लिया गया है. इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

54 वेबसाइट बंद करने का दावाः बता दें कि महाकुंभ में टेंट सिटी में बुकिंग के नाम पर kumbhcottagebooking.com आदि फर्जी बेबसाइट से ठगी की शिकायत मिलने पर साइबर थाना पुलिस ने 15 दिसंबर को केस दर्ज किया था. लेकिन, इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. साइबर पुलिस का दावा है कि फर्जी वेबसाइट से चल रहे ठगी के खेल को बंद कर दिया गया है. अब तक लगभग 54 वेबसाइट बंद की गई हैं.

ऐसे पहचानें फर्जी वेबसाइटः साइबर सेल पुलिस के एक्सपर्ट जय सिंह पटेल ने बताया कि फर्जी वेबसाइट्स असली की हुबहू नकाल होती हैं. कुछ अक्षर में बदलाव रहता है. फर्जी बेबसाइट्स कुछ समय के लिए ही लाइन होता है, इनको ट्रैक करना मुश्किल होता है. इसलिए कोई बुकिंग करने से पहले यूआरएल की अच्छी तरह से जांच कर लें. वेबसाइट का यूआरएल https से शुरू हो रहा हो, लॉक आइकन हो. केवल सरकारी या प्रमाणित एजेंसियों से ही बुकिंग करें. बुकिंग के नाम पर वैवेबसाइट या व्हाट्सएप से मिले एपीके फाइल इंस्टॉल न करें.

इसे भी पढ़ें-कानपुर RPF के ये दो स्मार्ट कुत्ते महाकुंभ में होंगे तैनात, एक बम खोजने का एक्सपर्ट, दूसरा चोर पकड़ने में माहिर, महीने में 40,000 होते खर्च

प्रयागराज: संगम नगरी में महाकुंभ शुरू होने से पहले साइबर ठग सक्रिय हो गए हैं. महाकुंभ में दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को साइबर ठग अपना निशाना बना रहे हैं. नामी होटलों की फर्जी वेबसाइट बनाकर बुकिंग के नाम पर ठगी करने के कई मामले सामने आए हैं. एक शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज जांच शुरू कर दी गई है. कान्हा श्याम होटल के महाप्रबंधक रुपेश कुमार सिंह ने पुलिस को बताया कि साइबर ठग उनके होटल के नाम पर क्यूआर कोड के माध्यम से कुंभ में शामिल होने वाला श्रद्धालुओं के साथ ठगी कर रहे हैं.

44 फेक वेबसाइट पुलिस के रडार परः होटल कान्हा श्याम के अलावा होटल अजय इंटरनेशनल, मारवाड़ी धर्मशाला आदि के नाम पर ठगी की जा रही है. साइबर थाना प्रभारी राजीव कुमार तिवारी का कहना है कि शहर के 50 से अधिक होटल के नाम पर फर्जी वेबसाइटें बना ली गई हैं. उन्होंने बताया कि महाकुंभ मेला क्षेत्र में साइबर थाना बनाया जा रहा है. प्रदेश के चुनिंदा साइबर एक्सपर्ट्स की एक स्पेशल टीम बुलाई गई है. फेंक, डार्क वेबसाइट व सोशल मीडिया के शातिरों से श्रद्धालुओं को बचाने के लिए संदेहास्पद 44 वेबसाइटों को रडार पर लिया गया है. इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

54 वेबसाइट बंद करने का दावाः बता दें कि महाकुंभ में टेंट सिटी में बुकिंग के नाम पर kumbhcottagebooking.com आदि फर्जी बेबसाइट से ठगी की शिकायत मिलने पर साइबर थाना पुलिस ने 15 दिसंबर को केस दर्ज किया था. लेकिन, इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. साइबर पुलिस का दावा है कि फर्जी वेबसाइट से चल रहे ठगी के खेल को बंद कर दिया गया है. अब तक लगभग 54 वेबसाइट बंद की गई हैं.

ऐसे पहचानें फर्जी वेबसाइटः साइबर सेल पुलिस के एक्सपर्ट जय सिंह पटेल ने बताया कि फर्जी वेबसाइट्स असली की हुबहू नकाल होती हैं. कुछ अक्षर में बदलाव रहता है. फर्जी बेबसाइट्स कुछ समय के लिए ही लाइन होता है, इनको ट्रैक करना मुश्किल होता है. इसलिए कोई बुकिंग करने से पहले यूआरएल की अच्छी तरह से जांच कर लें. वेबसाइट का यूआरएल https से शुरू हो रहा हो, लॉक आइकन हो. केवल सरकारी या प्रमाणित एजेंसियों से ही बुकिंग करें. बुकिंग के नाम पर वैवेबसाइट या व्हाट्सएप से मिले एपीके फाइल इंस्टॉल न करें.

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