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नीतीश कुमार को सत्ता से हटाने के लिए हो रहा था बड़ा "खेला", EOU का सनसनीखेज खुलासा - Horse Trading in Bihar - HORSE TRADING IN BIHAR

फरवरी 2024 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता से हटाने के लिए बड़ा "खेला" हो रहा था. EOU ने सनसनीखेज खुलासा किया है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 7, 2024, 3:42 PM IST

Updated : Oct 7, 2024, 4:25 PM IST

पटनाः बिहार में नीतीश सरकार को सत्ता से हटाने के लिए साजिश हो रही थी. ईओयू ने अपनी जांच में इसका खुलासा किया है. EOU के अनुसार 12 फरवरी को एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान बड़ी साजिश रची गयी थी. जदयू के विधायकों को खरीदने की कोशिश हुई थी. पैसे के प्रलोभन में नहीं आने पर अपहरण तक की धमकी दी गयी थी. कुछ विधायकों द्वारा एडवांस के रूप में कुछ पैसे लेने के साक्ष्य अनुसंधान के दौरान आर्थिक अपराध इकाई को मिले हैं.

काले धन के इस्तेमाल के सबूतः आर्थिक अपराध इकाई को यह भी सबूत मिले हैं कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में बैठे लोगों के माध्यम से सत्तारूढ़ गठबंधन के कई विधायकों को खरीद फरोख्त करने की कोशिश गई थी. यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार विश्वास मत में हार जाती तो विधायकों को दूसरे राज्यों में हवाला के जरिए पूरे पैसे दिए जाते. इस बात की पुष्टि ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने की है.

मानवजीत सिंह ढिल्लो, ईओयू के डीआईजी. (ETV Bharat)

"हॉर्स ट्रेडिंग के इस केस में अब तक की जांच में EOU को पता चला है कि यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली NDA सरकार विश्वास मत में हार जाती, तो विधायकों को दूसरे राज्यों में हवाला के जरिए पूरे पैसे दिए जाते. EOU को सरकार को अव्यवस्थित करने के लिए विधायक के अपहरण और मतदान के लिए प्रलोभन के भी साक्ष्य मिले हैं."- मानवजीत सिंह ढिल्लो, ईओयू के डीआईजी

क्या है मामलाः बिहार में 12 फरवरी 2024 को नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठित एनडीए सरकार का फ्लोर टेस्ट था. मधुबनी के हरलाखी से जनता दल यूनाइटेड के विधायक सुधांशु शेखर ने 11 फरवरी को कोतवाली थाने में दो विधायकों के अपहरण और 10 करोड़ रुपए के प्रलोभन की शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि विधायक बीमा भारती और दिलीप राय का अपहरण किया गया है.

क्या लगाये थे आरोपः सुधांशु शेखर ने विधायकों के खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था. सुधांशु शेखर ने कहा था कि मेरे साथ कई विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई थी और मंत्री पद का ऑफर भी दिया गया था. सुधांशु शेखर ने हॉर्स ट्रेडिंग मामले में अपनी ही पार्टी के विधायक डॉ संजीव कुमार के साथ कई और विधायकों पर आरोप लगाया था. इस मामले में जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार को भी आरोपी बनाया था.

क्या हुआ था 12 फरवरी कोः बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट के दिन जेडीयू के तीन विधायक सदन में देरी से पहुंचे थे. वे स्पीकर चुनाव में शामिल नहीं हो पाए थे. नीतीश सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया था और जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को सौंपा गया था. आर्थिक इकाई की सिफारिश पर मामले की जांच में ED को भी लगाया गया था. इस बीच ईओयू भी जांच कर रहा था. बता दें कि फ्लोर टेस्ट वाले दिन राजद विधायक प्रह्लाद यादव, नीलम देवी और चेतन आनंद सत्ता पक्ष के साथ नजर आए थे.

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काले धन के इस्तेमाल के सबूतः आर्थिक अपराध इकाई को यह भी सबूत मिले हैं कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में बैठे लोगों के माध्यम से सत्तारूढ़ गठबंधन के कई विधायकों को खरीद फरोख्त करने की कोशिश गई थी. यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार विश्वास मत में हार जाती तो विधायकों को दूसरे राज्यों में हवाला के जरिए पूरे पैसे दिए जाते. इस बात की पुष्टि ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने की है.

मानवजीत सिंह ढिल्लो, ईओयू के डीआईजी. (ETV Bharat)

"हॉर्स ट्रेडिंग के इस केस में अब तक की जांच में EOU को पता चला है कि यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली NDA सरकार विश्वास मत में हार जाती, तो विधायकों को दूसरे राज्यों में हवाला के जरिए पूरे पैसे दिए जाते. EOU को सरकार को अव्यवस्थित करने के लिए विधायक के अपहरण और मतदान के लिए प्रलोभन के भी साक्ष्य मिले हैं."- मानवजीत सिंह ढिल्लो, ईओयू के डीआईजी

क्या है मामलाः बिहार में 12 फरवरी 2024 को नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठित एनडीए सरकार का फ्लोर टेस्ट था. मधुबनी के हरलाखी से जनता दल यूनाइटेड के विधायक सुधांशु शेखर ने 11 फरवरी को कोतवाली थाने में दो विधायकों के अपहरण और 10 करोड़ रुपए के प्रलोभन की शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि विधायक बीमा भारती और दिलीप राय का अपहरण किया गया है.

क्या लगाये थे आरोपः सुधांशु शेखर ने विधायकों के खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था. सुधांशु शेखर ने कहा था कि मेरे साथ कई विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई थी और मंत्री पद का ऑफर भी दिया गया था. सुधांशु शेखर ने हॉर्स ट्रेडिंग मामले में अपनी ही पार्टी के विधायक डॉ संजीव कुमार के साथ कई और विधायकों पर आरोप लगाया था. इस मामले में जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार को भी आरोपी बनाया था.

क्या हुआ था 12 फरवरी कोः बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट के दिन जेडीयू के तीन विधायक सदन में देरी से पहुंचे थे. वे स्पीकर चुनाव में शामिल नहीं हो पाए थे. नीतीश सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया था और जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को सौंपा गया था. आर्थिक इकाई की सिफारिश पर मामले की जांच में ED को भी लगाया गया था. इस बीच ईओयू भी जांच कर रहा था. बता दें कि फ्लोर टेस्ट वाले दिन राजद विधायक प्रह्लाद यादव, नीलम देवी और चेतन आनंद सत्ता पक्ष के साथ नजर आए थे.

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Last Updated : Oct 7, 2024, 4:25 PM IST
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