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SDRF की मदों में रिकवरी एवं पुनर्निर्माण दरों का पुनर्निधारण, लाभान्वित होगा उत्तराखंड - Revision in rates of NDRF and SDRF

गृह मंत्रालय ने एसडीआरएफ की मदों में रिकवरी और पुनर्निर्माण की दरों का पुनर्निधारण किया है. जिसका आने वाले समय में उत्तराखंड को बड़ा लाभ मिलेगा इसके लिए सीएम धामी ने पीएम मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह से अनुरोध किया था.

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DRF और SDRF की दरों में संसोधन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 17, 2024, 6:25 PM IST

देहरादून: भारत सरकार के गृह मंत्रालय की आपदा प्रबंधन प्रभाग की ओर से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दरों का पुनर्निर्धारण किया है. जिस पर कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार जताया गया. पहले एसडीआरएफ की मदों में रिकवरी और पुनर्निर्माण के लिए मानक तय नहीं थे. दरें भी काफी कम थी. जिसके चलते आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.

इन्ही परेशानियों को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से कई बार गृह मंत्रालय, भारत सरकार को पत्र भेजकर अनुरोध किया गया था. साथ ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुद प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात कर एसडीआरएफ के मानक की धनराशि को बढ़ाये जाने का अनुरोध किया था. इस दौरान सीएम ने प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों की जानकारी देते हुए धनराशि बढ़ाये जाने का अनुरोध किया था. जिसके चलते गृह मंत्रालय ने अब रिकवरी और पुनर्निर्माण के सम्बन्ध में 14 अगस्त 2024 को विस्तृत नई दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं. साथ ही इसमें तमाम कार्यों के लिए लागू मानकों में वृद्धि भी कर दी गयी है. जिससे उत्तराखण्ड जैसे आपदा से प्रभावित हिमालयी राज्य को अत्यधिक फायदा होगा. आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों को दुरुस्त करने में सुविधा होगी.


NDRF और SDRF की दरों में मुख्य संशोधन

  • पहले मैदानी इलाकों में पक्के घरों के लिये निर्धारित मानक 1.20 लाख प्रति घर था, जिसे अब 30 से 70 फीसदी क्षति होने की दशा में 90 हजार प्रति घर और 70 फीसदी से अधिक क्षति होने पर 1.80 लाख रुपए कर दिया गया है. इसी तरह पहाड़ी क्षेत्रों ने पहले निर्धारित मानक के अनुसार 1.30 लाख प्रति घर था, जिसे अब 30 से 70 फीसदी क्षति होने की दशा में 1.00 लाख रुपए प्रति घर और 70 फीसदी से अधिक क्षति होने पर 2.00 लाख रुपए प्रति घर कर दिया गया है.
  • प्राथमिक स्कूलों के लिए पहले से निर्धारित मानक के अनुसार प्रति विद्यालय 2 लाख की सीमा थी. ऐसे में अब वास्तविक व्यय के अनुसार परिवर्तित करते हुए प्राथमिक स्कूलों के लिये 30 से 70 फीसदी की क्षति होने पर 7.50 लाख रुपए और 70 फीसदी से अधिक की क्षति पर 15 लाख रुपए अनुमन्य किया गया है.
  • माध्यमिक/ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के नाम से पहले कोई मानक निर्धारित नहीं था, लेकिन अब माध्यमिक/ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के 30 से 70 फीसदी क्षति होने की दशा में 12.50 लाख और 70 फीसदी से अधिक की क्षति पर 25 लाख रुपए अनुमन्य किया गया है.
  • प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिये पहले 2.50 लाख प्रति यूनिट की अधिकतम सीमा थी. अब इसको संशोधित करते हुए, मैदानी क्षेत्र में मौजूद स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिये 30 से 70 फीसदी की क्षति तक 9.20 लाख और 70 फीसदी से अधिक की क्षति पर 18.40 लाख रुपए अनुमन्य किया गया है.
  • पर्वतीय क्षेत्र के लिये ये राशि 7.91 लाख और 15.81 लाख रुपए अनुमन्य की गई है. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) के लिये मैदानी क्षेत्रों में 70 प्रतिशत की क्षति तक 20.99 लाख और 70 फीसदी से अधिक की क्षति पर 41.97 लाख के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के लिये 70 प्रतिशत की क्षति तक 24.72 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक 49.45 लाख अनुमन्य है.
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CSC)मैदानी क्षेत्र के लिये 70 फीसदी की क्षति तक 79.06 लाख और 70 फीसदी से अधिक की क्षति पर 158.12 लाख के साथ ही पर्वतीय क्षेत्र के लिये 70 फीसदी की क्षति तक 92.86 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 185.72 लाख अनुमन्य किया गया है.
  • पुल प्रति संख्या में 70 फीसदी की क्षति तक 17.50 करोड़ और 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 35 करोड़ अनुमन्य किया गया है.
  • तटबन्ध प्रति किमी के लिये 70 प्रतिशत की क्षति तक 50 लाख और 70 फीसदी से अधिक की क्षति पर एक करोड़ रुपए अनुमन्य किया गया है.
  • सामुदायिक भवन के लिये निर्धारित मानकों में भी वृद्धि की गयी है.
  • सड़क एवं परिवहन खंड में ईकाई प्रति किमी के लिये प्रमुख जिला सड़कें के लिये मैदानी क्षेत्र में 70 फीसदी की सीमा तक 32 लाख और 70 फीसदी से अधिक होने पर 64 लाख रुपए अनुमन्य किया गया है. इसी तरह पर्वतीय क्षेत्रों में 70 फीसदी तक क्षति होने पर 93.75 लाख और 70 फीसदी से अधिक होने पर 187.75 लाख अनुमन्य है.
  • अन्य जिला सड़कों के लिये भी मैदानी क्षेत्रों में 70 फीसदी की सीमा तक 26.75 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक होने पर 54.50 लाख अनुमन्य किया गया है. इसी तरह पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 70 फीसदी की सीमा तक 80 लाख और 70 फीसदी से अधिक क्षति होने पर 159.88 लाख अनुमन्य किया गया है.

देहरादून: भारत सरकार के गृह मंत्रालय की आपदा प्रबंधन प्रभाग की ओर से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दरों का पुनर्निर्धारण किया है. जिस पर कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार जताया गया. पहले एसडीआरएफ की मदों में रिकवरी और पुनर्निर्माण के लिए मानक तय नहीं थे. दरें भी काफी कम थी. जिसके चलते आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.

इन्ही परेशानियों को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से कई बार गृह मंत्रालय, भारत सरकार को पत्र भेजकर अनुरोध किया गया था. साथ ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुद प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात कर एसडीआरएफ के मानक की धनराशि को बढ़ाये जाने का अनुरोध किया था. इस दौरान सीएम ने प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों की जानकारी देते हुए धनराशि बढ़ाये जाने का अनुरोध किया था. जिसके चलते गृह मंत्रालय ने अब रिकवरी और पुनर्निर्माण के सम्बन्ध में 14 अगस्त 2024 को विस्तृत नई दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं. साथ ही इसमें तमाम कार्यों के लिए लागू मानकों में वृद्धि भी कर दी गयी है. जिससे उत्तराखण्ड जैसे आपदा से प्रभावित हिमालयी राज्य को अत्यधिक फायदा होगा. आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों को दुरुस्त करने में सुविधा होगी.


NDRF और SDRF की दरों में मुख्य संशोधन

  • पहले मैदानी इलाकों में पक्के घरों के लिये निर्धारित मानक 1.20 लाख प्रति घर था, जिसे अब 30 से 70 फीसदी क्षति होने की दशा में 90 हजार प्रति घर और 70 फीसदी से अधिक क्षति होने पर 1.80 लाख रुपए कर दिया गया है. इसी तरह पहाड़ी क्षेत्रों ने पहले निर्धारित मानक के अनुसार 1.30 लाख प्रति घर था, जिसे अब 30 से 70 फीसदी क्षति होने की दशा में 1.00 लाख रुपए प्रति घर और 70 फीसदी से अधिक क्षति होने पर 2.00 लाख रुपए प्रति घर कर दिया गया है.
  • प्राथमिक स्कूलों के लिए पहले से निर्धारित मानक के अनुसार प्रति विद्यालय 2 लाख की सीमा थी. ऐसे में अब वास्तविक व्यय के अनुसार परिवर्तित करते हुए प्राथमिक स्कूलों के लिये 30 से 70 फीसदी की क्षति होने पर 7.50 लाख रुपए और 70 फीसदी से अधिक की क्षति पर 15 लाख रुपए अनुमन्य किया गया है.
  • माध्यमिक/ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के नाम से पहले कोई मानक निर्धारित नहीं था, लेकिन अब माध्यमिक/ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के 30 से 70 फीसदी क्षति होने की दशा में 12.50 लाख और 70 फीसदी से अधिक की क्षति पर 25 लाख रुपए अनुमन्य किया गया है.
  • प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिये पहले 2.50 लाख प्रति यूनिट की अधिकतम सीमा थी. अब इसको संशोधित करते हुए, मैदानी क्षेत्र में मौजूद स्वास्थ्य उपकेंद्र के लिये 30 से 70 फीसदी की क्षति तक 9.20 लाख और 70 फीसदी से अधिक की क्षति पर 18.40 लाख रुपए अनुमन्य किया गया है.
  • पर्वतीय क्षेत्र के लिये ये राशि 7.91 लाख और 15.81 लाख रुपए अनुमन्य की गई है. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) के लिये मैदानी क्षेत्रों में 70 प्रतिशत की क्षति तक 20.99 लाख और 70 फीसदी से अधिक की क्षति पर 41.97 लाख के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के लिये 70 प्रतिशत की क्षति तक 24.72 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक 49.45 लाख अनुमन्य है.
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CSC)मैदानी क्षेत्र के लिये 70 फीसदी की क्षति तक 79.06 लाख और 70 फीसदी से अधिक की क्षति पर 158.12 लाख के साथ ही पर्वतीय क्षेत्र के लिये 70 फीसदी की क्षति तक 92.86 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 185.72 लाख अनुमन्य किया गया है.
  • पुल प्रति संख्या में 70 फीसदी की क्षति तक 17.50 करोड़ और 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 35 करोड़ अनुमन्य किया गया है.
  • तटबन्ध प्रति किमी के लिये 70 प्रतिशत की क्षति तक 50 लाख और 70 फीसदी से अधिक की क्षति पर एक करोड़ रुपए अनुमन्य किया गया है.
  • सामुदायिक भवन के लिये निर्धारित मानकों में भी वृद्धि की गयी है.
  • सड़क एवं परिवहन खंड में ईकाई प्रति किमी के लिये प्रमुख जिला सड़कें के लिये मैदानी क्षेत्र में 70 फीसदी की सीमा तक 32 लाख और 70 फीसदी से अधिक होने पर 64 लाख रुपए अनुमन्य किया गया है. इसी तरह पर्वतीय क्षेत्रों में 70 फीसदी तक क्षति होने पर 93.75 लाख और 70 फीसदी से अधिक होने पर 187.75 लाख अनुमन्य है.
  • अन्य जिला सड़कों के लिये भी मैदानी क्षेत्रों में 70 फीसदी की सीमा तक 26.75 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक होने पर 54.50 लाख अनुमन्य किया गया है. इसी तरह पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 70 फीसदी की सीमा तक 80 लाख और 70 फीसदी से अधिक क्षति होने पर 159.88 लाख अनुमन्य किया गया है.
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