गोरखपुर: मंडलीय कारागार गोरखपुर में एक बार फिर एचआईवी का केस सामने आने के बाद हड़कंप मचा है. इस बार दुष्कर्म का आरोपी बंदी एड्स पीड़ित पाया गया है. करीब 3 साल पहले वह रेप केस में जेल में आया था. पिछले दिनों पुराने मामले में वह जेल से बाहर निकाला था कि फिर ऐसे ही एकमामले में वह गुरुवार को जेल में लाया गया. यहां उसकी स्वास्थ्य जांच में पता चला कि वह HIV पॉजिटिव है. जेल प्रशासन की टेंशन यह है कि बंदी रेप के कई मामलों में शामिल रहा है. हालांकि एक-दो मामलों को छोड़ कोई पीड़त सामने नहीं आया है. फिर भी एक डायरी में रेप के केस में शामिल होने के उसके कबूलनामे से चिंता बढ़ गई है. दूसरे, वह हाल के दिनों में ही जेल से छूटा था. बंदी को जेल के अंदर एक अलग बैरक में रखकर निगरानी और इलाज किया जा रहा है.
प्रेमी जोड़ों को बनाता था शिकार
पता चला है कि यह बंदी खोराबार थाना क्षेत्र के कुस्मही जंगल में घूमने आने वाले प्रेमी जोड़ों को अपने दोस्तों के साथ पकड़ लेता. उन्हें मारता-पीटता, उनके साथ दुष्कर्म करता. जो भी उनके पास नगदी या समान होते थे, उन्हें लूट लेता था. ऐसे ही एक मामले में करीब 3 साल पहले गिरफ्तार कर जेल भेजा जा गया. सोमवार 24 जून को एक ऐसे ही मामले में जेल लाया गया तो उसकी जांच रिपोर्ट ने पूरे जेल प्रशासन को हिला दिया.
अपने शिकार के बारे में डायरी में लिखता
बताया जा रहा है कि रेप का यह आरोपी बाकायदा शिकार बनाए गए लोगों की डायरी मेंटेन करता था. पुलिस की पूछताछ सामने आया कि वह रेप के करीब 5 मामलों में संलिप्त रहा है. उसने इस बार फिर कुस्म्ही जंगल में एक प्रेमी युगल को शिकार बनाने की कोशिश की. एक युवक के साथ आई महिला के साथ बद्सलूकी और लूटपाट की कोशिश की. विरोध करने पर खुद को पुलिस वाला बताकर उन्हें अर्दब में लेना चाहा. पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस सक्रिय हुई और आरोपी को गिरफ्तार कर गुरुवार को जेल भेज दिया गया. जेल के अंदर पहुंचने और जांच के बाद उसने एक नई समस्या को जन्म दे दिया.
जेल में 5 साल के अंदर मिले 50 मरीज
जेल के अंदर एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने का यह कोई नया मामला नहीं है. पिछले 5 साल के ही रिकार्ड पर गौर करें तो 2018 से लेकर अभी तक 50 ऐसे बंदी मिले हैं, जो एचआईवी की चपेट में आए हैं. उनका जेल के भीतर ही इलाज चला. इस मामले में जेलर एके कुशवाहा ने बताया है कि आरोपी के जेल में आने के बाद उसकी जांच हुई है. जिसमें एचआईवी रिपोर्ट पॉजीटिव आई है. जरूरी निगरानी की जा रही है. इसकी जानकारी जिला प्रशासन को भी दी गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम उसका इलाज करेगी.
कब-कब मिले एड्स पीड़ित
गोरखपुर जेल में इसके पहले भी 2 मार्च 2018 को 24 कैदी एचआईवी संक्रमित पाए गए थे. इसके बाद अन्य जेलों में भी जांच कराई गई थी. जिसमें एक महिला बंदी भी शामिल थी. सीएम योगी के गृह क्षेत्र में इस रिपोर्ट से हड़काम मच गया था. सर्वाधिक एचआईवी पॉजिटिव विचाराधीन कैदी मिले थे. कुछ सजाफ्ता कैदी भी इसके जद में थे. 12 मार्च 2021 को भी नौ कैदी जेल में एचआईवी पॉजीटिव पाए गए थे. एक बार फिर 5 सितंबर 2022 को जेल में नौ कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए थे. इन सभी कैदियों का इलाज जेल के अंदर स्वास्थ्य विभाग की टीम करती रही है.