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झारखंड विधानसभा चुनाव: लालगढ़ में कौन मारेगा बाजी, विनोद फिर होंगे निर्वाचित या एनडीए के पाले में जायेगी सीट

बगोदर विधानसभा सीट पर भाकपा माले का दबदबा रहा है. इस बार भी मुकाबला भाकपा माले और बीजेपी के बीच ही रहने की उम्मीद है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 50 minutes ago

History of Bagodar Assembly seat
ईटीवी भारत ग्राफिक्स इमेज (ईटीवी भारत)

गिरिडीह: झारखंड के 81 विधानसभा सीट में से बगोदर ऐसी सीट है जिसे लालगढ़ कहा जाता है. इस सीट पर भाकपा माले का जोर रहा है. 1990 से यहां से भाकपा माले नेता महेन्द्र सिंह लगातार विधायक बनते रहे. महेन्द्र सिंह की हत्या के बाद वर्ष 2005 के चुनाव में उनके पुत्र विनोद कुमार सिंह भाकपा माले की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज की.

2009 में भी विनोद कुमार सिंह विधायक बने. 2014 में भाजपा के नागेंद्र महतो ने विनोद कुमार सिंह को पराजित किया. 2019 में एक बार फिर से विनोद कुमार सिंह ने भाजपा के नागेंद्र को पराजित किया. इस बार भी यहां पर सीधी भिड़ंत वर्तमान विधायक भाकपा माले नेता विनोद कुमार सिंह और भाजपा के बीच होना तय माना जा रहा है. इस बार की जंग काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है.

History of Bagodar Assembly seat
बगोदर विधानसभा चुनाव का परिणाण (ईटीवी भारत)

नागेंद्र देते रहे हैं सीधी टक्कर

वैसे तो 1990 से लेकर अब तक इस सीट पर सबसे ज्यादा भाकपा माले का कब्जा रहा है, लेकिन झारखंड अलग होने के बाद अगर किसी नेता ने भाकपा माले को कड़ी टक्कर दी है तो वो नागेंद्र महतो ही हैं. 2005 से लेकर 2019 तक नागेंद्र हर चुनाव में कड़ी टक्कर देते रहे, चाहे वो किसी भी पार्टी से लड़े. ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार भी मुकाबला नागेंद्र महतो से ही हो सकती है.

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2009 में भी विनोद कुमार सिंह विधायक बने. 2014 में भाजपा के नागेंद्र महतो ने विनोद कुमार सिंह को पराजित किया. 2019 में एक बार फिर से विनोद कुमार सिंह ने भाजपा के नागेंद्र को पराजित किया. इस बार भी यहां पर सीधी भिड़ंत वर्तमान विधायक भाकपा माले नेता विनोद कुमार सिंह और भाजपा के बीच होना तय माना जा रहा है. इस बार की जंग काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है.

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नागेंद्र देते रहे हैं सीधी टक्कर

वैसे तो 1990 से लेकर अब तक इस सीट पर सबसे ज्यादा भाकपा माले का कब्जा रहा है, लेकिन झारखंड अलग होने के बाद अगर किसी नेता ने भाकपा माले को कड़ी टक्कर दी है तो वो नागेंद्र महतो ही हैं. 2005 से लेकर 2019 तक नागेंद्र हर चुनाव में कड़ी टक्कर देते रहे, चाहे वो किसी भी पार्टी से लड़े. ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार भी मुकाबला नागेंद्र महतो से ही हो सकती है.

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