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थाईलैंड में वर्ल्ड एबिलिटी स्पोर्ट्स यूथ गेम्स में हिसार के ब्लेड रनर दिलबाग ने जीता गोल्ड, 5 साल की उम्र में खो दिया था पैर - BLADE RUNNER DILBAG WON GOLD

हिसार के कलवास निवासी ब्लेड रनर दिलबाग सिंह ने थाईलैंड में संपन्न हुई वर्ल्ड एबिलिटी स्पोर्ट्स यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक हासिल किया है.

BLADE RUNNER DILBAG WON GOLD
हिसार के ब्लेड रनर दिलबाग ने जीता गोल्ड (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 20, 2024, 6:57 PM IST

हिसार: जिले के गांव कलवास निवासी ब्लेड रनर दिलबाग सिंह ने थाईलैंड में संपन्न वर्ल्ड एबिलिटी स्पोर्ट्स यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक हासिल किया है. उन्होंने 100 मीटर दौड़ को पूरा करने में 17.57 सैकेंड का समय लिया.

5 वर्ष की आयु में खो दिया था पैर : दिलबाग के पिता ने बताया कि पांच वर्ष की उम्र में एक हादसे की वजह से उनके बेटे को एक पैर गंवाना पड़ा था. मेरा सपना था कि बेटा देश के लिए खेले, इसलिए ठीक होने के बाद अभ्यास शुरू हुआ और स्कूली स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं में उसने भाग लेना शुरू किया. उन्होंने बताया कि 100 मीटर दौड़ व लॉन्ग जंप की तैयारी के अभ्यास के लिए वर्ष 2021 से वो हिसार के गिरी सेंटर में आना लगा. दिन-रात अभ्यास करते हुए आज उनके बेटे ने स्वर्ण पदक हासिल किया है.

हिसार के ब्लेड रनर दिलबाग ने जीता गोल्ड (Etv Bharat)

दिलबाग को एक और कृत्रिम पैर की जरूरत : पिता लीलू राम ने बताया कि अपने बेटे को गांव कलवास से हिसार सुबह शाम अभ्यास के लिए लेकर आते हैं. आमजन का भरपूर सहयोग मिल रहा है. दिलबाग को एक और कृत्रिम पैर की आवश्यकता है, जिसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं, ताकि भविष्य में देश के लिए और भी पदक जीत सके.

BLADE RUNNER DILBAG WON GOLD
ब्लेड रनर दिलबाग (Etv Bharat)

रोज 5 घंटे अभ्यास करता है दिलबाग : दिलबाग ने बताया कि T63 कैटेगरी में वह देश का इकलौताा ब्लेड रनर है. 100 मीटर दौड़ व लॉन्ग जंप की प्रतियोगिता में खेलता हूं. उसने बताया कि हिसार के गिरी सेंटर में ढाई घंटे सुबह व ढाई घंटे शाम अभ्यास करता हूं. सप्ताह में दो दिन जिम में कसरत भी करता हूं. दिलबाग ने बताया कि जिस कृत्रिम पैर यानी ब्लेड लगाकर दौड़ लगाते हैं, वो शहरवासियों की मदद से ही मिला है. ओलंपिक ही उसका लक्ष्य है, जिसके लिए वो अभ्यास कर रहा है. दिलबाग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिव्यांगों को बहुत स्पोर्ट करते हैं, जिससे हमारा हौसला बढ़ता है.

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