कुल्लू: भारत में जहां हर साल नए साल की शुरुआत 1 जनवरी से होती है. वहीं, सनातन धर्म के नए साल की शुरुआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. इस साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 9 अप्रैल को शुरू हो रही है और इसी दिन से सनातन धर्म का नया साल शुरू होगा.
वही सनातन धर्म के अनुसार हर साल का राजा और मंत्री भी घोषित किया जाता है. ऐसे में हिंदू नव वर्ष के दिन जो वार पड़ता है, उसे ही साल का राजा माना जाता है. अबकी बार शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 9 अप्रैल मंगलवार के दिन पड़ रही है. ऐसे में नए संवत 2081 के राजा मंगल होंगे. इसके अलावा सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के अनुसार वर्ष का मंत्री नियुक्त किया जाता है और उसके अनुसार इस साल नव वर्ष के मंत्री शनि होंगे.
आचार्य आशीष शर्मा का कहना है कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर साल कोई ना कोई ग्रह राजा होता है और उसका प्रभाव पूरे साल मानव जीवन पर भी पड़ता है. इस साल नव विक्रम संवत 2081 की शुरुआत हो रही है और इस संवत का राजा मंगल ग्रह हैं. मंगल ग्रह को सभी ग्रहों के सेनापति के रूप में जाना जाता है और यह पराक्रम, साहस, प्रशासन, सिद्धांत के कारक भी माने गए हैं. मंगल का राजा के रूप में स्थापित होना अधिक शुभ नहीं माना जाता है. इसके राजा बनने से व्यक्ति के जीवन ही नहीं बल्कि पूरे विश्व स्तर पर उथल-पुथल के नए संकेत होते हैं.
ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि जब मंगल वर्ष के राजा होते हैं तो इस वर्ष में कई प्राकृतिक आपदाएं भी आई है और उसके अलावा युद्ध जैसी स्थिति भी निर्मित हुई है. इसके अलावा कई प्रकार के रोग और वर्षा की कमी का भी सामना करना पड़ सकता है.
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