शिमला: हिमाचल प्रदेश से मानसून विदा हो गया है. प्रदेश में इस मानसून सीजन में सामान्य से 18 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं. प्रदेश से मानसून विदा होने का समय 25 सितंबर था. लेकिन इस साल 8 दिन देरी से मानसून विदा हुआ है. बीते साल भी 6 अक्टूबर को मानसून विदा हुआ था. मौसम विभाग के मुताबिक साल 1922 में रिकॉर्ड 1314.1 मिलीमीटर बारिश हुई थी. उसकी तुलना में इस बार 54 प्रतिशत कम बारिश हुई है.
प्रदेश में एक जून से 30 सितंबर के बीच मानसून सीजन के दौरान 734 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 600.9 मिलीमीटर बादल बरसे है. जून में सामान्य से 54 फीसदी कम, जुलाई में 29% और अगस्त में 5% कम बारिश हुई है. वहीं, सितंबर में सामान्य में 4 फीसदी अधिक बारिश हुई. प्रदेश में इस बार शिमला और ऊना को छोड़कर एक भी जिला ऐसा नहीं, जहां से सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो.
शिमला में 14 प्रतिशत और बिलासपुर में 2 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है. अन्य सभी जिलों में नॉर्मल से कम बरसात हुई. मानसून में इस बार भी बड़ी बारिश के चलते काफी जान माल का नुकसान हुआ है. इस मानसून सीजन में भारी बारिश के कारण 1360 करोड़ रुपए की सरकारी एवं निजी संपदा तबाह हुई है. लोक निर्माण विभाग की सबसे ज्यादा 633 करोड़ रुपए की संपत्ति बरसात में बह गई. जबकि 342 लोगों की जान गई है.
मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, "प्रदेश में 27 जून को मानसून ने दस्तक दी थी और 2 अक्टूबर को प्रदेश से मानसून विदा हो गया. इस बार मानसून में 18 फीसदी कम बारिश हुई है. हालांकि, शिमला और बिलासपुर में ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई. प्रदेश में अगले 5 दिन तक धूप खिलेगी. इससे तापमान में उछाल आएगा. खासकर दिन का पारा चढ़ेगा, लेकिन अधिक ऊंचे व नदी किनारे बसे शहरों के तापमान में गिरावट आनी शुरू हो गई है".
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