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8 अगस्त को सुक्खू कैबिनेट की बैठक, कई अहम फैसलों पर लगेगी मुहर - Himachal Cabinet Meeting - HIMACHAL CABINET MEETING

Sukhu Cabinet Meeting On 8th August: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में 8 अगस्त को कैबिनेट मीटिंग होगी. इस बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगने की संभावना है. साथ ही रोजगार के मुद्दे पर सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है. पढ़िए पूरी खबर...

8 अगस्त को सुक्खू कैबिनेट की बैठक
8 अगस्त को सुक्खू कैबिनेट की बैठक (Etv Bharat FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 5, 2024, 7:41 AM IST

शिमला: 8 अगस्त को हिमाचल में मंत्रिमंडल की बैठक होगी. प्रदेश सचिवालय में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली इस कैबिनेट मीटिंग में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं. इससे पहले 25 जुलाई को मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें सैकड़ों पदों को भरने का निर्णय लिया गया था. अब 14 दिनों बाद फिर से मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली है. इसमें भी कई मसलों पर चर्चा हो सकती है.

कई पदों को सृजित करने पर निर्णय: प्रदेश में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है. ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक में रोजगार उपलब्ध कराने के निर्णयों पर युवाओं की नजर रहती है. 8 अगस्त को मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने और नई पदों को सृजित करने पर मुहर लग सकती है. वहीं, 15 अगस्त को कर्मचारियों को डीए की किस्त जारी होने की उम्मीद है. ऐसे मंत्रिमंडल की बैठक में कर्मचारियों को दिए जाने वाले डीए को लेकर चर्चा हो सकती हैं.

आपदा प्रभावितों के लिए हो सकता है बड़ा निर्णय: इसके अलावा मानसून सीजन में पिछले दिनों बादल फटने की घटना के वजह से कई लोग लापता हुए हैं, जिनकी तलाश जारी है. बादल फटने की वजह से विभिन्न क्षेत्रों में आई भीषण बाढ़ के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है. इस तरह से प्राकृतिक आपदा के प्रभावितों को राहत प्रदान करने को लेकर भी कोई निर्णय लिया जा सकता है. राज्य सरकार पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के लिए 4,500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज लेकर आई थी. इसमें पूरी तरह से टूट चुके घरों का निर्माण करने के लिए 7 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया था, जिससे प्रदेश में हजार प्रभावित परिवारों को लाभ पहुंचा था. इसके लिए सरकार ने अपने रिलीफ मैनुअल में भी संशोधन किया था.

होम स्टे को लेकर लिया जा सकता है निर्णय: मंत्रिमंडल की बैठक में होम स्टे नियम 2024 का प्रारूप तय करने के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति अपने सुझाव रख सकती है, जिसे मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद होम स्टे नियम 2024 तय किए जाएंगे. इसमें मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने लीज पर चल रहे होम स्टे का लाइसेंस रद्द करने का भी निर्णय लिया है. प्रदेश में करीब 60 फीसदी होम स्टे लीज पर चल रहे हैं. होम स्टे नियम 2008 के तहत जिस व्यक्ति के नाम लाइसेंस जारी हुआ है, उसे ही होम स्टे का संचालन करना होगा.

होम स्टे पंजीकरण की अवधि घटाई जा सकती है: इसी तरह से बाहरी राज्य के लोगों ने धारा 118 के तहत आवास के लिए सरकार से अनुमति ली है, लेकिन पर्यटन स्थलों में ऐसे लोगों ने बिना अनुमति के होम स्टे का चला रहे हैं. इसको लेकर भी मंत्रिमंडलीय उपसमिति लिए गए निर्णय को मंत्रिमंडल की बैठक में रख सकती है. इसके अलावा प्रदेश में चल रहे एक हजार से अधिक गैर पंजीकृत होम स्टे और बीएंडबी बंद करना भी प्रस्तावित है. पंजीकरण के बाद लाइसेंस की अवधि पांच साल से घटाकर दो साल करने एवं पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव है. जिस पर अब कैबिनेट पर अंतिम निर्णय होना है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल को विद्युत की शेड्यूलिंग से हर साल होगी ₹200 करोड़ की इनकम: सीएम सुक्खू

शिमला: 8 अगस्त को हिमाचल में मंत्रिमंडल की बैठक होगी. प्रदेश सचिवालय में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली इस कैबिनेट मीटिंग में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं. इससे पहले 25 जुलाई को मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें सैकड़ों पदों को भरने का निर्णय लिया गया था. अब 14 दिनों बाद फिर से मंत्रिमंडल की बैठक होने वाली है. इसमें भी कई मसलों पर चर्चा हो सकती है.

कई पदों को सृजित करने पर निर्णय: प्रदेश में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है. ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक में रोजगार उपलब्ध कराने के निर्णयों पर युवाओं की नजर रहती है. 8 अगस्त को मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने और नई पदों को सृजित करने पर मुहर लग सकती है. वहीं, 15 अगस्त को कर्मचारियों को डीए की किस्त जारी होने की उम्मीद है. ऐसे मंत्रिमंडल की बैठक में कर्मचारियों को दिए जाने वाले डीए को लेकर चर्चा हो सकती हैं.

आपदा प्रभावितों के लिए हो सकता है बड़ा निर्णय: इसके अलावा मानसून सीजन में पिछले दिनों बादल फटने की घटना के वजह से कई लोग लापता हुए हैं, जिनकी तलाश जारी है. बादल फटने की वजह से विभिन्न क्षेत्रों में आई भीषण बाढ़ के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है. इस तरह से प्राकृतिक आपदा के प्रभावितों को राहत प्रदान करने को लेकर भी कोई निर्णय लिया जा सकता है. राज्य सरकार पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के लिए 4,500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज लेकर आई थी. इसमें पूरी तरह से टूट चुके घरों का निर्माण करने के लिए 7 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया था, जिससे प्रदेश में हजार प्रभावित परिवारों को लाभ पहुंचा था. इसके लिए सरकार ने अपने रिलीफ मैनुअल में भी संशोधन किया था.

होम स्टे को लेकर लिया जा सकता है निर्णय: मंत्रिमंडल की बैठक में होम स्टे नियम 2024 का प्रारूप तय करने के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति अपने सुझाव रख सकती है, जिसे मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद होम स्टे नियम 2024 तय किए जाएंगे. इसमें मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने लीज पर चल रहे होम स्टे का लाइसेंस रद्द करने का भी निर्णय लिया है. प्रदेश में करीब 60 फीसदी होम स्टे लीज पर चल रहे हैं. होम स्टे नियम 2008 के तहत जिस व्यक्ति के नाम लाइसेंस जारी हुआ है, उसे ही होम स्टे का संचालन करना होगा.

होम स्टे पंजीकरण की अवधि घटाई जा सकती है: इसी तरह से बाहरी राज्य के लोगों ने धारा 118 के तहत आवास के लिए सरकार से अनुमति ली है, लेकिन पर्यटन स्थलों में ऐसे लोगों ने बिना अनुमति के होम स्टे का चला रहे हैं. इसको लेकर भी मंत्रिमंडलीय उपसमिति लिए गए निर्णय को मंत्रिमंडल की बैठक में रख सकती है. इसके अलावा प्रदेश में चल रहे एक हजार से अधिक गैर पंजीकृत होम स्टे और बीएंडबी बंद करना भी प्रस्तावित है. पंजीकरण के बाद लाइसेंस की अवधि पांच साल से घटाकर दो साल करने एवं पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव है. जिस पर अब कैबिनेट पर अंतिम निर्णय होना है.

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