सिरमौर: हिमाचल में एक जून को होने वाले लोकसभा की चार सीटों पर चुनाव और विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज नेता कई दिनों से अपने-अपने पक्ष में वोट अपील करने में लगे हुए है. साथ ही प्रशासन के लोग वोट प्रतिशत बढ़ाने में जुटे हुए हैं. इसी बीच प्रदेश के नाहन विधानसभा में ग्रामीणों की एक टोली ने वोट बहिष्कार की धमकी दे दी है.
दरअसल सिरमौर जिले के नाहन विधानसभा क्षेत्र स्थित सलानी कटोला के वार्ड नंबर एक के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार की धमकी दी है. ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के बाद से ही उनके क्षेत्र की अनदेखी होती आ रही है. उनके एरिया में पक्की सड़क अब तक नहीं बनी है. गर्मी के दिनों में सड़कों पर धूल उड़ती रहती है. वहीं बरसात के मौसम में सड़के कीचड़ से सन जाती है. जिस कारण से बारिश के मौसम में आवाजाही लगभग ठप हो जाती है. अब ग्रामीणों ने यह फैसला किया है कि विकास नहीं तो वोट नहीं. इस बार वे बीजेपी हो या कांग्रेस किसी भी पार्टी को लोग वोट डालने के मूड में नहीं हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि जर्जर सड़क मार्ग से किसी बीमार या गर्भवती स्त्री को अस्पताल पहुंचने में बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. लोगों का आरोप है कि कई बार इसकी शिकायत राजनेताओं के अलावा प्रशासन से की गई. हर बार केवल आश्वान मिला है, सड़क निर्माण को लेकर कभी पहल नहीं की गई. जिला प्रशासन ने उन्हें इस बार रोड निर्माण का भरोसा दिलाया है. साथ ही उनसे वोट करने की अपील की है. इसके पहले 75 लोगों के हस्ताक्षर सहित डीसी को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया था. गौरतलब है कि क्षेत्र की आबादी 250 से 275 के करीब है.
क्या कहते हैं सलानी कटोला पंचायत के लोग
- सलानी कटोला पंचायत के धनवीर सिंह ने कहा कि "100 वर्षों से भी अधिक समय से हमारे गांव में सड़क और पुल की सुविधा नहीं है. हर पांच साल के बाद चुनाव आते हैं, चुनाव के समय आश्वासन मिलता है. उसके बाद उसकी सुध लेने कोई नहीं आता है. सड़क इतनी जर्जर हो गई है कि पैदल चलना मुश्किल हो गया है. गर्मी के दिनों में धूल उड़ती है और बरसात के दिनों में दलदल हो जाता है. बरसात के दिनों में रास्ता मुख्य मार्ग से कट जाता है, ऐसे समय में गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. समस्या को लेकर डीसी साहब के पास आए हैं, समस्या का समाधान नहीं हुआ तो इस बार गांव के लोग वोट बहिष्कार करेंगे".
- वहीं ताला देवी ने कहा कि "हमारे यहां रास्ते की हालत बहुत खराब है. जिसमें चलना मुश्किल है. स्कूली बच्चों का आना-जाना इसी रास्ते से होता है. उन्हें इसे लेकर खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. डेली ही बच्चों के कपड़े गंदे हो जाते हैं. उन पर धूल मिट्टी जम जाती है. ये सलानी कटोला के कई पंचायतों को जोड़ने वाली लगभग दो से ढाई किलोमीटर लंबी सड़क है. बरसात के दिनों में श्मशान घाट जाने में भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है". इस बार सड़क नहीं तो वोट नहीं. हम सभी इस बार वोट बहिष्कार कर रहे हैं".
- प्रदीप कुमार ने कहा कि "रास्ते की समस्या काफी पुरानी है, जिसका समाधान अबतक नहीं हो सका है. सड़क किनारे नदी गहरी होती जा रही है. पुलिया निर्माण नहीं होने से समस्या और बढ़ गई है. अगर इस बार समस्या का समाधान नहीं होता है तो सभी लोग मिलकर वोट बहिष्कार करेंगे"
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