शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के प्राइमरी सहायक अध्यापकों यानी प्राइमरी असिस्टेंट टीचर्स (पीएटी) को बड़ी राहत दी है. अदालत ने प्राइमरी सहायक अध्यापकों को 18 दिसंबर 2014 से नियमित करने के आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने इस संदर्भ में अदालत में सैंकड़ों अध्यापकों की तरफ से दाखिल की गई याचिकाओं को स्वीकार करते हुए, उन्हें 18 दिसंबर 2014 से नियमित करने के आदेश दिए हैं.
इस मामले में प्रार्थियों ने जो याचिकाएं दाखिल की थीं, उनके अनुसार शुरू में वे ग्रामीण विद्या उपासक, पैरा टीचर्स और पीटीए अध्यापकों की तरह प्राइमरी असिस्टेंट टीचर्स स्कीम-2003 के तहत नियुक्त हुए थे. फिर वर्ष 2014-2015 में सरकार ने विद्या उपासक, पैरा टीचर्स और पीटीए शिक्षकों को अनुबंध पर लाया और 1 अप्रैल 2018 से नियमित भी कर दिया, लेकिन उन्हें यानी प्राइमरी असिस्टेंट टीचर्स को छोड़ दिया. इसके बाद सरकार ने 5 अगस्त 2020 को एक आदेश जारी किया और उन्हें 20 अगस्त 2020 से नियमित किया, जबकि पैरा टीचर्स को 18 दिसंबर 2014 से नियमित किया गया.
प्रार्थियों का कहना था कि वे पैरा टीचर्स की ही तरह पिछली तारीख से नियमितिकरण का हक रखते हैं. उन्होंने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए उन्हे बैक डेट से नियमितिकरण का लाभ देने की गुहार लगाई थी.
वहीं, सरकार का कहना था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने और वहां से यथा स्थिति बनाए रखने के आदेशों के कारण प्रार्थियों को नियमितीकरण का लाभ नहीं दिया जा सका.
सुप्रीम कोर्ट से फैसला पीटीए शिक्षकों के हक में आने के बाद उन्हें भी 20 अगस्त 2020 से नियमित कर दिया गया. कोर्ट ने सरकार के इस रवैए को मनमाना व भेदभावपूर्ण मानते हुए प्रार्थी शिक्षकों को 18 दिसंबर 2014 से सभी सेवा लाभों सहित नियमितीकरण का लाभ देने के आदेश पारित किए.
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