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Himachal Statehood Day: 25 जनवरी का वो ऐतिहासिक दिन, आसमान से गिर रही थी बर्फ और रिज से हुई घोषणा ने जीत लिया हर किसी का दिल

Himachal Pradesh Statehood Day: 25 जनवरी का दिन हिमाचल के काफी खास है. इस दिन हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था. बता दें कि पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद डॉक्टर यशवंत सिंह परमार हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री बने थे. 25 जनवरी 1971 के दिन तत्कालीन PM इंदिरा गांधी ने रिज मैदान से हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व की घोषणा की थी. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Pradesh Statehood Day
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 24, 2024, 12:47 PM IST

Updated : Jan 25, 2024, 1:47 PM IST

शिमला: 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था और इसी उपलक्ष्य पर हर साल 25 जनवरी को हिमाचल प्रदेश पूर्ण राज्यत्व दिवस मनाता है. 25 जनवरी 1971 का ऐतिहासिक दिन शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर टका बैंच से भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने हिमाचल के पूर्ण राज्य होने की घोषणा की.

शिमला में गिर रही थी बर्फ: बता दें कि 25 जनवरी 1971 का वो दिन काफी ऐतिहासिक था. उस दिन बर्फ गिर रही थी. तत्कालीन PM इंदिरा गांधी बड़ी मुश्किल से अनाडेल से रिज मैदान तक पहुंची थीं. उन्होंने रिज मैदान से हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व की घोषणा की. उस समय कई संस्थाएं हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व के खिलाफ भी थीं. बावजूद इसके लंबे संघर्ष के बाद हिमाचल को पूरे राज्य का स्टेटस दिया गया. तब डॉ. यशवंत सिंह परमार हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री बने थे.

Himachal Pradesh Statehood Day
पूर्ण राज्यत्व की घोषणा करतीं इंदिरा गांधी. (फाइल फोटो).

30 रियासतों का हुआ विलय: हिमाचल प्रदेश देश की आजादी के पूरे 8 महीने बाद 15 अप्रैल 1948 को 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों के विलय के परिणामस्वरूप चीफ कमिशनर प्रोविंस के रूप में अस्तित्व में आया. महासू, मंडी, चंबा और सिरमौर को अलग-अलग जिलों का दर्जा दिया गया. उस समय हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 10,451 वर्ग मील और जनसंख्या 9,83,367 थी. साल 1950 को हिमाचल को 'C' स्टेट का दर्जा देकर विधानसभा के गठन का प्रावधान कर दिया गया.

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डॉ. वाईएस परमार व वीरभद्र सिंह के साथ इंदिरा गांधी (फाइल फोटो).

बिलासपुर को हिमाचल में मिलाया: मार्च 1952 में डॉ. परमार ने इस प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की और अपने 3 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया. जुलाई 1954 में बिलासपुर को हिमाचल में मिलाकर इसे हिमाचल का पांचवां जिला बनाया गया. साल 1956 में 'स्टेट्स रिआर्गेनाइजेशन एक्ट' लागू होने के बाद 31 अक्टूबर 1956 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा समाप्त करके उसकी जगह यहां टेरिटोरियल काउंसिल बना दी गई. पहली नवंबर, 1956 को हिमाचल प्रदेश केंद्र शासित राज्य बना. साल 1963 में 'गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटोरीज एक्ट' पास करके 1 जुलाई 1963 को टेरिटोरियल काउंसिल को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में परिवर्तित किया गया. परिणामस्वरूप डॉ. वाईएस परमार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने.

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शिमला में इंदिरा गांधी. (फाइल फोटो)

पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना शेष था: साल 1966 में 'पंजाब स्टेट्स पुनर्गठन एक्ट' पास किया गया और कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, शिमला, नालागढ़, कंडाघाट, डलहौजी आदि क्षेत्र हिमाचल में शामिल किए गए. इससे हिमाचल का क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किलोमीटर हो गया, लेकिन इस प्रदेश के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना अभी शेष था. दिसंबर 1970 को संसद ने 'स्टेट ऑफ हिमाचल प्रदेश एक्ट-1970 पास किया.

और फिर आया वो ऐतिहासिक दिन: वहीं, 25 जनवरी 1971 को तत्कालीन PM इंदिरा गांधी ने स्वयं शिमला आकर यहां के ऐतिहासिक रिज मैदान में एकत्रित हजारों हिमाचलवासियों के बीच हिमाचल को पूर्ण राज्य प्रदान करने की घोषणा की. जब यह घोषणा की गई तो रिज मैदान पर बर्फ के फाहे गिर रहे थे. इस तरह हिमाचल प्रदेश भारत का 18वां राज्य बन गया.

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हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की घोषणा के बाद नाटी करते हुए इंदिरा गांधी (फाइल फोटो)

इंदिरा गांधी ने भी की थी नाटी: 25 जनवरी 1971 को तत्कालीन PM इंदिरा गांधी मालरोड से खुली जीप में रोड शो करते हुए रिज मैदान पहुंची थी. जिसके बाद रिज मैदान से इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की घोषणा की. हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से शिमला पहुंचे लोगों ने रिज पर नाटी यानि हिमाचली लोक नृत्य करके हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्य बनने का जश्न मनाया. इस मौके पर इंदिरा गांधी ने भी हिमाचल लोक नृत्य यानि नाटी का लुत्फ उठाया.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में कब होगी बारिश और बर्फबारी?, मौसम विभाग ने कह दी ये बात

शिमला: 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था और इसी उपलक्ष्य पर हर साल 25 जनवरी को हिमाचल प्रदेश पूर्ण राज्यत्व दिवस मनाता है. 25 जनवरी 1971 का ऐतिहासिक दिन शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर टका बैंच से भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने हिमाचल के पूर्ण राज्य होने की घोषणा की.

शिमला में गिर रही थी बर्फ: बता दें कि 25 जनवरी 1971 का वो दिन काफी ऐतिहासिक था. उस दिन बर्फ गिर रही थी. तत्कालीन PM इंदिरा गांधी बड़ी मुश्किल से अनाडेल से रिज मैदान तक पहुंची थीं. उन्होंने रिज मैदान से हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व की घोषणा की. उस समय कई संस्थाएं हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व के खिलाफ भी थीं. बावजूद इसके लंबे संघर्ष के बाद हिमाचल को पूरे राज्य का स्टेटस दिया गया. तब डॉ. यशवंत सिंह परमार हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री बने थे.

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पूर्ण राज्यत्व की घोषणा करतीं इंदिरा गांधी. (फाइल फोटो).

30 रियासतों का हुआ विलय: हिमाचल प्रदेश देश की आजादी के पूरे 8 महीने बाद 15 अप्रैल 1948 को 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों के विलय के परिणामस्वरूप चीफ कमिशनर प्रोविंस के रूप में अस्तित्व में आया. महासू, मंडी, चंबा और सिरमौर को अलग-अलग जिलों का दर्जा दिया गया. उस समय हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 10,451 वर्ग मील और जनसंख्या 9,83,367 थी. साल 1950 को हिमाचल को 'C' स्टेट का दर्जा देकर विधानसभा के गठन का प्रावधान कर दिया गया.

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डॉ. वाईएस परमार व वीरभद्र सिंह के साथ इंदिरा गांधी (फाइल फोटो).

बिलासपुर को हिमाचल में मिलाया: मार्च 1952 में डॉ. परमार ने इस प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की और अपने 3 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया. जुलाई 1954 में बिलासपुर को हिमाचल में मिलाकर इसे हिमाचल का पांचवां जिला बनाया गया. साल 1956 में 'स्टेट्स रिआर्गेनाइजेशन एक्ट' लागू होने के बाद 31 अक्टूबर 1956 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा समाप्त करके उसकी जगह यहां टेरिटोरियल काउंसिल बना दी गई. पहली नवंबर, 1956 को हिमाचल प्रदेश केंद्र शासित राज्य बना. साल 1963 में 'गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटोरीज एक्ट' पास करके 1 जुलाई 1963 को टेरिटोरियल काउंसिल को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में परिवर्तित किया गया. परिणामस्वरूप डॉ. वाईएस परमार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने.

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शिमला में इंदिरा गांधी. (फाइल फोटो)

पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना शेष था: साल 1966 में 'पंजाब स्टेट्स पुनर्गठन एक्ट' पास किया गया और कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, शिमला, नालागढ़, कंडाघाट, डलहौजी आदि क्षेत्र हिमाचल में शामिल किए गए. इससे हिमाचल का क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किलोमीटर हो गया, लेकिन इस प्रदेश के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना अभी शेष था. दिसंबर 1970 को संसद ने 'स्टेट ऑफ हिमाचल प्रदेश एक्ट-1970 पास किया.

और फिर आया वो ऐतिहासिक दिन: वहीं, 25 जनवरी 1971 को तत्कालीन PM इंदिरा गांधी ने स्वयं शिमला आकर यहां के ऐतिहासिक रिज मैदान में एकत्रित हजारों हिमाचलवासियों के बीच हिमाचल को पूर्ण राज्य प्रदान करने की घोषणा की. जब यह घोषणा की गई तो रिज मैदान पर बर्फ के फाहे गिर रहे थे. इस तरह हिमाचल प्रदेश भारत का 18वां राज्य बन गया.

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हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की घोषणा के बाद नाटी करते हुए इंदिरा गांधी (फाइल फोटो)

इंदिरा गांधी ने भी की थी नाटी: 25 जनवरी 1971 को तत्कालीन PM इंदिरा गांधी मालरोड से खुली जीप में रोड शो करते हुए रिज मैदान पहुंची थी. जिसके बाद रिज मैदान से इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की घोषणा की. हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से शिमला पहुंचे लोगों ने रिज पर नाटी यानि हिमाचली लोक नृत्य करके हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्य बनने का जश्न मनाया. इस मौके पर इंदिरा गांधी ने भी हिमाचल लोक नृत्य यानि नाटी का लुत्फ उठाया.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में कब होगी बारिश और बर्फबारी?, मौसम विभाग ने कह दी ये बात

Last Updated : Jan 25, 2024, 1:47 PM IST
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