सिरमौर: हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिले की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार की यात्रा में अक्सर लोग भटक जाते हैं. पड़ोसी राज्य उत्तराखंड निवासी एक युवक भी अपने 80 वर्षीय दादा के साथ चूड़धार यात्रा पर निकला था और देर रात रास्ता भटक गया. पुलिस ने सूचना मिलते ही दोनों दादा-पोते को रेस्क्यू कर चूड़धार पहुंचाया. बताया जा रहा है कि दोनों बीती रात हुई बारिश, कोहरे और तूफान के चलते वो अपना रास्ता भटक गए थे.
दरअसल इन दिनों चूड़धार छोटी पर चूड़ेश्वर महाराज के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. चूड़ेश्वर महाराज दो जिलों शिमला और सिरमौर की सीमाओं के बीच चूड़धार में स्थित हैं. यहां श्रद्धालु अपनी मन्नत मांगने के लिए शिरगुल महाराज यानी चूड़ेश्वर महादेव के दर्शन के लिए जाते हैं. इसी बीच उत्तराखंड के 80 वर्षीय जगत बुधवार को अपने पोते के साथ घर से चूड़धार के लिए रवाना हुए. जब वह चौपाल सराहन से ऊपर पैदल यात्रा करने लगे, तो ज्यादा बारिश, कोहरे और तूफान के चलते वह अपना रास्ता भटक गए.
जब चूड़ेश्वर सेवा समिति को ये सूचना मिली, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया. चूड़धार में तैनात पुलिस के जवान आरक्षी अखिल चौहान व आरक्षी मनोहर चौहान बिना किसी देरी के इनकी तलाश में निकले. चूड़धार से करीब 4 किलोमीटर दूर तराहा के रास्ते में पुलिस को यह दोनों व्यक्ति मिले. पुलिस जवानों ने बुजुर्ग को वहां से रेस्क्यू कर अपनी पीठ पर उठाकर देर रात चूड़धार पहुंचाया. चूड़धार सेवा समिति ने पुलिस जवानों के इस कार्य के सराहना की.
बता दें कि पिछले महीने मई माह में भी चूड़धार चोटी पर भारतीय मूल की दो विदेशी महिलाएं भी फंस गई थीं. इनमें से एक महिला की तबीयत खराब होने के कारण दोनों महिलाओं को भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा तीसरी नामक स्थान से रेस्क्यू किया गया था.
ये भी पढ़ें: चूड़धार जाने के नियमों में बदलाव, ये काम करने पर ही मिलेगी यात्रा की परमिशन