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क्या आपके पैसों पर ही होती है साइबर ठगों की नजर? 10 रुपये की ठगी पर भी क्यों होना चाहिए सतर्क

साइबर ठगी के मामले इन दिनों बढ़ते जा रहे हैं. लोगों को सतर्क करने के लिए पुलिस समय समय पर जागरुकता अभियान भी चलाती है.

ऐसे साइबर ठगों से रहें सावधान
ऐसे साइबर ठगों से रहें सावधान (कॉन्सेप्ट इमेज)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 9, 2024, 4:42 PM IST

शिमला: हिमाचल पुलिस ने साइबर फ्रॉड से लोगों को बचाने और जागरूकता फैलाने की मुहिम तेज कर दी है. इस सिलसिले में हिमाचल पुलिस फेसबुक पर पोस्ट करके लोगों को साइबर ठगी से बचने का हर संभव तरीका बता रही है. इसके बाद भी लोग लालच और अन्य कारणों से ठगों के जाल में फंस जाते हैं. साइबर ठगों से लोगों को बचाने के लिए बराबर जागरूक किया जा रहा है.

हिमाचल पुलिस ने वीडियो जारी कर बताया है कि क्या ठगों की नजर आपके पैसों पर ही रहती है. जी नहीं, ठगों की नजर आपके पैसों पर ही नहीं होती है, बल्कि आपकी निजी जानकारी पर भी ठग सेंधमारी करते हैं. हिमाचल पुलिस ने फेसबुक पर वीडियो जारी कर बताया है कि, कई बार ठग बड़ी रकम का झांसा देकर आपको भ्रमित कर सकते हैं. ठग फेसबुक, व्हाट्स एप, ईमेल और अन्य सोशल साइट्स पर टेक्स्ट मैसेज में फेक लिंक भेज सकते हैं. आपको इस फेक लिंक पर क्लिक करने के लिए मजबूर किया जा सकता है. इस फेक लिंक पर क्लिक करते ही आपका फोन हैक हो सकता है. आपके ईमेल का एक्सेस, यूपीआई एप और अन्य एप का एक्सेस ठगों के पास जा सकता है.

लिंक पर क्लिक करने से हो सकता है नुकसान

ऐसे में किसी भी लिंक पर क्लिक करने बचें. आपकी गोपनीय जानकारियां खतरे में हो सकती हैं. आपकी इस जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है. आपका बैंक खाता भी खाली किया जा सकता है. ऐसे में किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले रुकें, लिंक को जांचे और उसके डोमोन पर ध्यान दें. इसके बाद ही लिंक पर क्लिक करें. इसलिए किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, अपनी निजी जानकारी किसी अनजान वेबसाइट या व्यक्ति से भी साझा न करें.

ठगी होने पर करें शिकायत

अगर ठगों ने आपके खाते से धनराशि उड़ा ली है तो आप साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा https://cybercrime.gov.in/ पर भी कंप्लेंट दर्ज करवा सकते हैं. कई बार ठग आपके खाते से कोई बड़ी धनराशि नहीं निकालते हैं. ठग 10-20 रुपये ही आपके खाते से निकाल लेते हैं. इतनी छोटी रकम की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता है. जितनी गंभीरता किसी बड़ी रकम के लिए होनी चाहिए, उतनी ही छोटी रकम पर भी होनी चाहिए. छोटी सी छोटी रकम भी आपके खाते से निकलने पर शिकायत दर्ज करवाएं. छोटी रकम की ठगी होने का मतलब है कि आपके खाते की जानकारियां ठगों के पास पहुंच चुकी हैं. इसलिए इसकी भी शिकायत करना जरूरी है.

इन तरीकों से भी ठगी करते हैं ठग

इसके साथ ही अगर आपके मोबाइल पर अनजान नंबर से वीडियो कॉल तो उसे उठाने में जल्दी न करें, क्‍योंकि आपके साथ साइबर क्राइम की घटना हो सकती है. इससे आप सेक्सटॉर्शन का शिकार भी हो सकते हैं. इसके अलावा साइबर ठगों ने आजकल लोगों को ठगने के लिए ‘डिजिटल अरेस्ट’ का तरीका अपनाया है. इसमें ठग पुलिस, सीबीआई, एनआईए और आबकारी अधिकारी बनकर लोगों को फोन कर उन्हें डरा धमकाकर घर पर ही बंदी बना लेते हैं. ठग लोगों को फोन करके उनके आधार कार्ड, बैंक खाते, मोबाइल नंबर का उपयोग किसी गैरकानूनी काम के लिए होने का डर दिखाते हैं. यहां से लोगों को डराने-धमकाने का खेल शुरू होता है.

ये भी पढ़ें: मोबाइल पर आए लिंक को क्लिक करते ही खाते से उड़े ₹16 लाख, रिटायर कर्मचारी को साइबर ठगों ने बनाया शिकार

ये भी पढ़ें: साइबर ठगों ने रिटायर HAS अफसर को किया डिजिटल अरेस्ट, खाते से उड़ाए ₹73 लाख रुपए

शिमला: हिमाचल पुलिस ने साइबर फ्रॉड से लोगों को बचाने और जागरूकता फैलाने की मुहिम तेज कर दी है. इस सिलसिले में हिमाचल पुलिस फेसबुक पर पोस्ट करके लोगों को साइबर ठगी से बचने का हर संभव तरीका बता रही है. इसके बाद भी लोग लालच और अन्य कारणों से ठगों के जाल में फंस जाते हैं. साइबर ठगों से लोगों को बचाने के लिए बराबर जागरूक किया जा रहा है.

हिमाचल पुलिस ने वीडियो जारी कर बताया है कि क्या ठगों की नजर आपके पैसों पर ही रहती है. जी नहीं, ठगों की नजर आपके पैसों पर ही नहीं होती है, बल्कि आपकी निजी जानकारी पर भी ठग सेंधमारी करते हैं. हिमाचल पुलिस ने फेसबुक पर वीडियो जारी कर बताया है कि, कई बार ठग बड़ी रकम का झांसा देकर आपको भ्रमित कर सकते हैं. ठग फेसबुक, व्हाट्स एप, ईमेल और अन्य सोशल साइट्स पर टेक्स्ट मैसेज में फेक लिंक भेज सकते हैं. आपको इस फेक लिंक पर क्लिक करने के लिए मजबूर किया जा सकता है. इस फेक लिंक पर क्लिक करते ही आपका फोन हैक हो सकता है. आपके ईमेल का एक्सेस, यूपीआई एप और अन्य एप का एक्सेस ठगों के पास जा सकता है.

लिंक पर क्लिक करने से हो सकता है नुकसान

ऐसे में किसी भी लिंक पर क्लिक करने बचें. आपकी गोपनीय जानकारियां खतरे में हो सकती हैं. आपकी इस जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है. आपका बैंक खाता भी खाली किया जा सकता है. ऐसे में किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले रुकें, लिंक को जांचे और उसके डोमोन पर ध्यान दें. इसके बाद ही लिंक पर क्लिक करें. इसलिए किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, अपनी निजी जानकारी किसी अनजान वेबसाइट या व्यक्ति से भी साझा न करें.

ठगी होने पर करें शिकायत

अगर ठगों ने आपके खाते से धनराशि उड़ा ली है तो आप साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा https://cybercrime.gov.in/ पर भी कंप्लेंट दर्ज करवा सकते हैं. कई बार ठग आपके खाते से कोई बड़ी धनराशि नहीं निकालते हैं. ठग 10-20 रुपये ही आपके खाते से निकाल लेते हैं. इतनी छोटी रकम की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता है. जितनी गंभीरता किसी बड़ी रकम के लिए होनी चाहिए, उतनी ही छोटी रकम पर भी होनी चाहिए. छोटी सी छोटी रकम भी आपके खाते से निकलने पर शिकायत दर्ज करवाएं. छोटी रकम की ठगी होने का मतलब है कि आपके खाते की जानकारियां ठगों के पास पहुंच चुकी हैं. इसलिए इसकी भी शिकायत करना जरूरी है.

इन तरीकों से भी ठगी करते हैं ठग

इसके साथ ही अगर आपके मोबाइल पर अनजान नंबर से वीडियो कॉल तो उसे उठाने में जल्दी न करें, क्‍योंकि आपके साथ साइबर क्राइम की घटना हो सकती है. इससे आप सेक्सटॉर्शन का शिकार भी हो सकते हैं. इसके अलावा साइबर ठगों ने आजकल लोगों को ठगने के लिए ‘डिजिटल अरेस्ट’ का तरीका अपनाया है. इसमें ठग पुलिस, सीबीआई, एनआईए और आबकारी अधिकारी बनकर लोगों को फोन कर उन्हें डरा धमकाकर घर पर ही बंदी बना लेते हैं. ठग लोगों को फोन करके उनके आधार कार्ड, बैंक खाते, मोबाइल नंबर का उपयोग किसी गैरकानूनी काम के लिए होने का डर दिखाते हैं. यहां से लोगों को डराने-धमकाने का खेल शुरू होता है.

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