शिमला: हिमाचल सरकार ने कम संख्या वाले स्कूलों को आसपास के स्कूलों में मर्ज करने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद कई स्कूलों को मर्ज किया जा चुका है. अब प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से प्राइमरी स्कूलों को मर्ज करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल हो रही हैं. याचिकाओं में कहा जा रहा है कि प्राइमरी स्कूलों के लिए नन्हें बच्चे दूर जाने में परेशान होंगे. कई स्कूलों का रास्ता जंगलों से होकर गुजरता है. इससे छोटे बच्चों की सुरक्षा का मामला भी सामने आ रहा है. ऐसे ही एक मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कुल्लू जिले के तहत आने वाले प्राइमरी स्कूल राशकट को उच्छ प्राइमरी स्कूल में मर्ज करने पर रोक लगा दी है.
5 नवंबर को अगली सुनवाई
इस मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. राशकट निवासी ठाकुर चंद ने याचिका में कहा है कि मणिकर्ण के पास राशकट प्राइमरी स्कूल को राजकीय प्राथमिक पाठशाला उच्छ में मर्ज किया गया है. इससे बच्चों को परेशानी होगी. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने मर्जर पर रोक लगा दी और मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को तय की है.
कुल्लू के सचिव को हाईकोर्ट के आदेश
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने इस मामले में जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण कुल्लू के सचिव को मौके पर जाकर यह पता लगाने के आदेश दिए थे कि प्रार्थी की याचिका में कही गई बातों में कितनी सच्चाई है? सचिव ने मौके पर जाकर रिपोर्ट बनाई. हाईकोर्ट ने प्राधिकरण की रिपोर्ट का अवलोकन करने पर कहा कि राशकट स्कूल के छोटे बच्चों का बरसात और सर्दियों के दौरान राजकीय प्राथमिक पाठशाला उच्छ तक पहुंचना मुश्किल होगा.
खतरनाक रास्तों को करना पड़ता है पार
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी ठाकुर चंद ने सरकार के 17 अगस्त को जारी उन आदेशों को चुनौती दी है, जिसके तहत राजकीय प्राथमिक पाठशाला राशकट को राजकीय प्राथमिक पाठशाला उच्छ में मर्ज करने की बात थी. प्रार्थी का याचिका के जरिए कहना था कि राशकट स्कूल से उच्छ स्कूल तक बच्चों को जाने में परेशानी है. छोटे बच्चों को इस स्कूल तक जाने के लिए नालों को पार करना पड़ेगा. बच्चों को खतरनाक पहाड़ी रास्तों से होते हुए जाना पड़ेगा, जहां उन्हें जंगली जानवरों का खतरा भी बना रहेगा. इसी तरह का तर्क सराहन ब्लॉक के निन्वी प्राइमरी स्कूल को गानवी स्कूल में मर्ज करने पर भी अभिभावकों ने दिया था. उस पर भी हाईकोर्ट ने स्कूल मर्ज करने पर रोक लगाई है.