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3 निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे वाले मामले में फैसला सुरक्षित, CJ की अगुवाई वाली खंडपीठ में मतभेद के बाद तीसरे जज को रेफर हुआ था केस - independent MLAs resignation case - INDEPENDENT MLAS RESIGNATION CASE

3 Independent MLAs Resignation Case: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 3 निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे वाले मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. गौरतलब है कि सीजे की अगुवाई वाली खंडपीठ में मतभेद होने के बाद इस मामले को तीसरे जज को रेफर किया गया था. पढ़िए पूरी खबर...

3 Independent MLAs Resignation Case
निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा मामला (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 28, 2024, 7:47 PM IST

Updated : May 28, 2024, 7:54 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों के मामले में हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस केस में मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ में विभाजित फैसला आया था. उसके बाद केस को तीसरे जज को रेफर किया गया था. अब न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

उल्लेखनीय है कि इस केस में पहले हाईकोर्ट की खंडपीठ में एक मुद्दे को लेकर असहमति हो गई थी. बाद में ये मामला हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा को रेफर किया गया था. अब न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. हिमाचल में एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर, देहरा के विधायक होशियार सिंह व हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा ने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है.

इस पर तीनों विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अदालत से आग्रह किया था कि वे विधानसभा अध्यक्ष को इस बारे में आदेश जारी करें. फिर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 8 अप्रैल को सुनाए फैसले में निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने से इनकार करते हुए स्पष्ट किया था कि कोर्ट विधानसभा सदस्यों के इस्तीफे स्वीकार करने की शक्तियां नहीं रखता. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर सहमति जताते हुए यह फैसला सुनाया था.

प्रार्थियों ने कोर्ट से विधानसभा स्पीकर को तय समय सीमा के भीतर उनके इस्तीफे मंजूर करने संबंधी आदेश की गुहार लगाई थी. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि ये अदालत विधानसभा स्पीकर को इस तरह के निर्देश नहीं दे सकता. वहीं, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने इस मुद्दे पर अलग मत प्रकट करते हुए कहा था कि विधानसभा स्पीकर को दो सप्ताह के भीतर निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने पर उचित निर्णय लें. खंडपीठ में इस मुद्दे पर सहमति न होने के कारण निर्णय के लिए इसे तीसरे न्यायाधीश के पास सुनवाई के लिए मामला रखने संबंधी आदेश पारित किए थे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 60 साल की आयु पूरी करने के बाद ही रिटायर होंगे क्लास फोर कर्मचारी, हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

शिमला: हिमाचल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों के मामले में हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस केस में मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ में विभाजित फैसला आया था. उसके बाद केस को तीसरे जज को रेफर किया गया था. अब न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

उल्लेखनीय है कि इस केस में पहले हाईकोर्ट की खंडपीठ में एक मुद्दे को लेकर असहमति हो गई थी. बाद में ये मामला हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा को रेफर किया गया था. अब न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. हिमाचल में एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर, देहरा के विधायक होशियार सिंह व हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा ने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है.

इस पर तीनों विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अदालत से आग्रह किया था कि वे विधानसभा अध्यक्ष को इस बारे में आदेश जारी करें. फिर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 8 अप्रैल को सुनाए फैसले में निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने से इनकार करते हुए स्पष्ट किया था कि कोर्ट विधानसभा सदस्यों के इस्तीफे स्वीकार करने की शक्तियां नहीं रखता. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर सहमति जताते हुए यह फैसला सुनाया था.

प्रार्थियों ने कोर्ट से विधानसभा स्पीकर को तय समय सीमा के भीतर उनके इस्तीफे मंजूर करने संबंधी आदेश की गुहार लगाई थी. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि ये अदालत विधानसभा स्पीकर को इस तरह के निर्देश नहीं दे सकता. वहीं, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने इस मुद्दे पर अलग मत प्रकट करते हुए कहा था कि विधानसभा स्पीकर को दो सप्ताह के भीतर निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने पर उचित निर्णय लें. खंडपीठ में इस मुद्दे पर सहमति न होने के कारण निर्णय के लिए इसे तीसरे न्यायाधीश के पास सुनवाई के लिए मामला रखने संबंधी आदेश पारित किए थे.

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Last Updated : May 28, 2024, 7:54 PM IST
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