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शादी की उम्र बढ़ने से लड़कियों को मिलेगा पढ़ने का पूरा मौका, अपने पैरों पर हो सकेंगी खड़ी, बेटियों ने जताया CM सुक्खू का आभार - GIRL CHILD MARRIAGE AGE

Reaction on Himachal Girl Child Marriage Age Bill: हिमाचल में बेटियों की शादी की उम्र 21 करने को लेकर सुक्खू सरकार बिल लेकर आई है. जिसकी प्रदेश की युवती और महिलाएं सराहना कर रही है. उनका कहना है कि शादी की उम्र 21 साल होने से लड़कियों को पढ़ाई पूरा करने और अपने पैरों पर खड़े होने का मौका मिलेगा. पढ़िए पूरी खबर...

हिमाचल में लड़कियों की शादी की उम्र होगी 21 साल
हिमाचल में लड़कियों की शादी की उम्र होगी 21 साल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 3, 2024, 3:53 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों बजट सत्र चल रहा है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अबकी बार विधानसभा में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का विधेयक लाया है और राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून हिमाचल प्रदेश में लागू हो जाएगा. ऐसे में इस कानून के लागू होने से हिमाचल प्रदेश की युवतियां काफी खुश हैं और उन्होंने सरकार के इस फैसले की सराहना की है.

शादी की उम्र बढ़ने से लड़कियों को होगा फायदा: हिमाचल की युवतियों का कहना है कि 18 साल की उम्र में शादी करने से लड़कियों के जीवन में कई प्रकार के परिवर्तन आते हैं और उन परिवर्तनों के लिए लड़कियां बिल्कुल भी तैयार नहीं होती है. ऐसे में सरकार द्वारा जो लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल की गई है, उसे लड़कियों को अब शैक्षिक और आर्थिक रूप से मजबूत होने में काफी राहत मिलेगी.

जिला कुल्लू की समाजसेवी मीरा आचार्य ने कहा, "हिमाचल में शादी की उम्र अब 21 साल करने से लड़कियों को अपनी पढ़ाई पूरी करने का मौका मिलेगा. वह इस दौरान अपने करियर की और भी ध्यान दे सकेगी. 18 साल की उम्र में मानसिक विकास भी सही तरीके से नहीं होता है. इसलिए सरकार का निर्णय बिल्कुल सही हैं. शादी की उम्र बढ़ने से उन्हें बेहतर नौकरी के मौके मिलते हैं और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकती हैं".

बंजार की खेमा दीपक ने कहा, "18 साल की उम्र में लड़कियां न तो मानसिक रूप से शादी के लिए तैयार होती है और न ही वो शारीरिक रूप से तैयार होती हैं. 21 साल की उम्र तक उनका स्वास्थ्य भी बेहतर होता है और वो मानसिक रूप से भी मजबूत होती हैं. अब शादी की उम्र बढ़ने से लड़कियों की सेहत भी काफी सही होगी और वो उसे भविष्य में निर्णय लेने में भी आसानी होगी".

नेशनल पैरा एथलीट ज्योति ठाकुर ने कहा, "प्रदेश में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ने से बाल विवाह की घटनाओं में कमी आएगी और अविभावक भी इस तरह का कदम लेने से डरेंगे. क्योंकि कानून बनने से इसमें सजा का भी प्रावधान होगा. 18 साल की उम्र में शादी होने से लड़कियों को गर्भधारण से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिससे कई बार उनकी जान भी खतरे में पड़ जाती है. सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला लड़कियों की सेहत को भी सुरक्षित रखेगा".

कुल्लू की सृष्टि शर्मा ने कहा, "शादी की उम्र बढ़ाकर लड़कियों को अपने जीवन के बारे में सोचने और सही निर्णय लेने का ज्यादा समय मिलता है. लड़कियां 21 साल की उम्र तक अपने भविष्य के बारे में सही तरीके से निर्णय ले सकती है और अपने करियर का चुनाव भी सही तरीके से कर सकती है".

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 21 साल होगी लड़की की शादी की उम्र, जानिए किस राज्य में कितनी है विवाह की औसत आयु

ये भी पढ़ें: हिमाचल विधानसभा में लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने वाला विधेयक पेश, बिना चर्चा हुआ पारित

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों बजट सत्र चल रहा है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अबकी बार विधानसभा में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का विधेयक लाया है और राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून हिमाचल प्रदेश में लागू हो जाएगा. ऐसे में इस कानून के लागू होने से हिमाचल प्रदेश की युवतियां काफी खुश हैं और उन्होंने सरकार के इस फैसले की सराहना की है.

शादी की उम्र बढ़ने से लड़कियों को होगा फायदा: हिमाचल की युवतियों का कहना है कि 18 साल की उम्र में शादी करने से लड़कियों के जीवन में कई प्रकार के परिवर्तन आते हैं और उन परिवर्तनों के लिए लड़कियां बिल्कुल भी तैयार नहीं होती है. ऐसे में सरकार द्वारा जो लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल की गई है, उसे लड़कियों को अब शैक्षिक और आर्थिक रूप से मजबूत होने में काफी राहत मिलेगी.

जिला कुल्लू की समाजसेवी मीरा आचार्य ने कहा, "हिमाचल में शादी की उम्र अब 21 साल करने से लड़कियों को अपनी पढ़ाई पूरी करने का मौका मिलेगा. वह इस दौरान अपने करियर की और भी ध्यान दे सकेगी. 18 साल की उम्र में मानसिक विकास भी सही तरीके से नहीं होता है. इसलिए सरकार का निर्णय बिल्कुल सही हैं. शादी की उम्र बढ़ने से उन्हें बेहतर नौकरी के मौके मिलते हैं और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकती हैं".

बंजार की खेमा दीपक ने कहा, "18 साल की उम्र में लड़कियां न तो मानसिक रूप से शादी के लिए तैयार होती है और न ही वो शारीरिक रूप से तैयार होती हैं. 21 साल की उम्र तक उनका स्वास्थ्य भी बेहतर होता है और वो मानसिक रूप से भी मजबूत होती हैं. अब शादी की उम्र बढ़ने से लड़कियों की सेहत भी काफी सही होगी और वो उसे भविष्य में निर्णय लेने में भी आसानी होगी".

नेशनल पैरा एथलीट ज्योति ठाकुर ने कहा, "प्रदेश में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ने से बाल विवाह की घटनाओं में कमी आएगी और अविभावक भी इस तरह का कदम लेने से डरेंगे. क्योंकि कानून बनने से इसमें सजा का भी प्रावधान होगा. 18 साल की उम्र में शादी होने से लड़कियों को गर्भधारण से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिससे कई बार उनकी जान भी खतरे में पड़ जाती है. सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला लड़कियों की सेहत को भी सुरक्षित रखेगा".

कुल्लू की सृष्टि शर्मा ने कहा, "शादी की उम्र बढ़ाकर लड़कियों को अपने जीवन के बारे में सोचने और सही निर्णय लेने का ज्यादा समय मिलता है. लड़कियां 21 साल की उम्र तक अपने भविष्य के बारे में सही तरीके से निर्णय ले सकती है और अपने करियर का चुनाव भी सही तरीके से कर सकती है".

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