मंडी: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों जंगल आग में धधक रहे हैं. वहीं, मंडी जिले में भी आग का रौद्र रूप देखने को मिला, जब मंडी के जंगल आग की चपेट में आ गए. मंडी जिले में फायर सीजन शुरू होने के बाद से अब तक 141 घटनाओं में लाखों रुपए की वन संपदा आग में जलकर राख हो गई है. जंगलों में आग की सबसे ज्यादा घटनाएं 59 सकेत डिवीजन में सामने आई हैं.
रातभर जलता रहा रेहड़ाधार का जंगल
वहीं, मंडी शहर के साथ लगते रेहड़ाधार का जंगल बीती रातभर आग में दहकता रहा. आग बुझाने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. रातभर वन विभाग के कर्मचारी आग बुझाने में डटे रहे. सुबह अग्निशमन विभाग की टीम भी आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंची. जिसके बाद दोपहर 12 बजे तक कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया.
24 घंटे में जले 6 जंगल
पिछले 24 घंटे में वन वृत्त मंडी के तहत 5 मंडलों में से मंडी, नाचन, सुंदरनगर व करसोग में 6 स्थानों पर आग की घटनाएं सामने आई हैं. इनमें अधिकतर स्थानों पर वन विभाग की टीम ने आग पर काबू पा लिया है. अतिरिक्त कार्यभार डीएफओ मंडी अंबरीश शर्मा ने लोगों अपील करते हुए कहा कि यदि उनके आसपास जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आती है तो तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दें. इसके अलावा जो शरारती तत्व इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं उनकी जानकारी भी पुलिस तक पहुंचाएं.
हजारों हेक्टेयर जंगल जलकर राख
बता दें कि मंडी जिले में 1 अप्रैल से अब तक 141 आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. जिसमें वन विभाग को 29,84,193 रुपए का नुकसान हुआ है. आग की इन घटनाओं में 956.14 हेक्टेयर जमीन पर जंगल जल चुके हैं. जंगल में अग्निकांड के चलते 649.6 हेक्टेयर जमीन पर लगे प्राकृतिक पौधे भी जलकर राख हो गए हैं. वहीं, 306.54 हेक्टेयर में लगाए गए नए पौधे भी आग की भेंट चढ़ गए हैं. गर्मी ने इस बार पिछले पांच दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. हिमाचल प्रदेश में भी कई दिनों से पड़ रही चिलचिलाती गर्मी के बीच जंगलों में लगने वाली आग से हजारों हेक्टर भूमि का नुकसान पहुंचा है.
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