शिमला: हिमाचल प्रदेश में सरकार और कर्मचारियों के बीच डीए और एरियर भुगतान को लेकर पहले से ही तकरार की स्थिति बनी हुई थी, वहीं, बीते दिन कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी द्वारा डीए और एरियर को लेकर कर्मचारियों को तेवर दिखाने से बात और बिगड़ गई. आज शिमला में सरकारी कर्मचारियों ने सड़क पर उतर कर मंत्री राजेश धर्माणी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. कर्मचारियों धर्माणी से माफी मांगने को कहा है, वरना परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है.
शिमला में प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा,
हिमाचल प्रदेश सचिवालय परिसंघ के महासचिव कमल शर्मा ने कहा, "कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने प्रदेश के 5 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को खुली धमकी दी हैं. उन्होंने ने धमकी दी है कि अगर आपको बैनिफिट चाहिए तो सरकार के साथ चलना होगा और नहीं चले तो उसमें कटौती की जाएगी. मैं धर्माणी जी से पूछना चाहता हूं कि क्या ये पाकिस्तान है कि जो यहां आपकी धमकियां चलेंगी. हम कर्मचारी साथी जो मांग कर रहे हैं, वह अपना हक मांग रहे हैं. हम 2016 से 2024 तक का एरियर मांग रहे हैं. जिसका हम काम कर चुके हैं. धर्माणी जी ये बताएं कि उनका कौन सा बकाया है, जो उन्हें लेना है".
बता दें कि पिछले लंबे समय से राज्य कर्मचारी महंगाई भत्ता और एरियर देने की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से खजाना खाली होने का हवाला दिया जा रहा है. जिसकी वजह से कर्मचारी और सुक्खू सरकार के बीच खींचतान चल रही है. वहीं, बीते दिनों कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने डीए और एरियर के मुद्दे पर कर्मचारियों को चेतावनी दी, जिससे कर्मचारी भड़क गए और उन्होंने मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा, मंत्री ने कहा "राज्य सरकार के पास सीमित विकल्प हैं. वर्तमान में जो कर्मचारियों को लाभ मिल रहे हैं, अगर कर्मचारी चाहते हैं कि वह मिलते रहे तो उन्हें सरकार के साथ खड़ा होना होगा. वरना आने वाले समय में कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ में कटौती हो सकती है. हर चीज पैसे से जुड़ी होती है. आजादी हमारे पास नोट छापने की नहीं है, जितना पैसा हमारे पास आएगा, उतना ही खर्च कर सकते हैं. सरकार संसाधनों को बढ़ाने की ओर ध्यान दे रही है."
कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कर्मचारियों को नसीहत दी कि, "अपनी राजनीति चमकाने के लिए कर्मचारी नेता उल्टे-सीधे बयान ना दें. जो जिम्मेवारी सरकार की है, वही कर्मचारियों की भी है. प्रदेश कर्मचारियों का भी है. ऐसे में प्रदेश के लिए उनकी भी जिम्मेवारी बनती है और जिसे उन्हें निभाना चाहिए. हमारी जिम्मेवारी उन परिवारों के प्रति भी है, जिन परिवारों के घरों से कोई सरकारी नौकरी नहीं करता. उन्हें ना तो कोई डीए मिलता है और ना ही अन्य लाभ मिलते हैं. ऐसे में हमें उनके प्रति भी अपनी वचनबद्धता निभानी है. सरकार एक वर्ग के लिए काम नहीं करती. सरकार पूरे समाज के लिए काम करती है."
ये भी पढ़ें: DA और एरियर की मांग पर कर्मचारियों पर भड़के मंत्री! "किसी सरकार के पास नहीं नोट छापने की आजादी"