शिमला: हिमाचल में एक महीने से लगातार सूखे के हालत बने हुए हैं. प्रदेश में अक्टूबर का महीना भी सूखा बीत गया है. ऐसे में अब किसानों के चेहरों पर गेहूं सहित रबी सीजन में बिजी जाने वाली अन्य फसलों की बिजाई की चिंता नजर आने लगी है. वहीं, अगर इस महीने की बात की जाए तो मौसम विभाग ने अभी 8 नवंबर तक बारिश की कोई संभावना नहीं जताई है. ऐसे में समय पर बिजाई न होने से फसलों के उत्पादन पर भी इसका असर पड़ सकता है. हिमाचल में 15 नवंबर तक का समय गेहूं की बिजाई के लिए उपयुक्त माना जाता है. जमीन में पर्याप्त नमी होने पर किसान अक्टूबर महीने तक गेहूं की बिजाई कर लेते थे.
तीसरी बार सूखा बीत गया अक्टूबर का महीना
हिमाचल में मौसम की बेरुखी इस कदर रही है कि बीते 124 सालों में तीसरी बार अक्टूबर का महीना सूखा बीता है. प्रदेश में अक्टूबर महीने में 0.7 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. इस दौरान नॉर्मल बारिश का आंकड़ा 25.1 मिलीमीटर बारिश का है. ऐसे में इस महीने 1 से 31 अक्टूबर तक सामान्य से 97 फीसदी कम बारिश हुई है. छह जिलों हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, कुल्लू और चंबा में बारिश की एक भी बूंद नहीं गिरी है. वहीं, इस अवधि में ऊना में 8.6 मिलीमीटर, मंडी 3.4, कांगड़ा 1.5, किन्नौर 0.4 व शिमला में 0.2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. मौसम विभाग के मुताबिक 1901 से 2024 के बीच 1955 में अक्टूबर महीने में सबसे अधिक 413.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी. ये रिकॉर्ड अभी भी बरकरार है. मौसम विभाग के अनुसार अभी एक सप्ताह तक बारिश और बर्फबारी की कोई संभावना नहीं है.
रबी सीजन में इन फसलों की बिजाई
हिमाचल प्रदेश में रबी सीजन में गेहूं की बिजाई प्रमुख है. इसके अलावा इस मौसम में मटर, आलू, सरसों, पालक, मूली, चना, मसूर, अलसी, तारामीरा व धनिया की बिजाई की जाती है. इसके अलावा इन दिनों फूल गोभी, बंद गोभी ब्रोकली व प्याज की पनीरी की बिजाई के लिए भी उपयुक्त समय है. हिमाचल में 90 फीसदी कृषि योग्य भूमि बारिश पर आधारित है. ऐसे में लंबे समय से बारिश न होने के चलते जमीन से नमी गायब है. इस कारण अभी तक किसान फसलों की बिजाई नहीं कर पाए हैं.
कृषि विभाग से सेवानिवृत हुए सीनियर एसएमएस राम कृष्ण चौहान का कहना है, "हिमाचल प्रदेश में 15 नवंबर तक गेहूं की बिजाई हो जानी चाहिए. गेहूं की बिजाई के लिए खेतों में पर्याप्त नमी का होना बहुत जरूरी है."