शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजनीति से जुड़े एक अहम मामले में गुरुवार को भी हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी. ये मामला सीपीएस की नियुक्ति के खिलाफ दाखिल याचिकाओं से जुड़ा है. बुधवार को इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से एडवोकेट विवेक ने बहस पूरी की. अब कल्पना देवी वाली याचिका में राज्य सरकार की तरफ से एडवोकेट दुष्यंत दवे बहस करेंगे. इस मामले में भाजपा नेता और विधायक सतपाल सिंह सत्ती व अन्य विधायकों ने भी याचिका दाखिल की थी. सत्ती व अन्य की याचिकाओं में उठाए गए बिंदुओं पर राज्य सरकार की तरफ से पेश वकील ने बहस पूरी की है. मामला न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर व न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ सुन रही है.
आज भी जारी रहेगी सुनवाई
उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में आग्रह किया था कि इस मामले में सरकार दो सीनियर एडवोकेट पेश करना चाहती है. चूंकि ये मामले में हाईकोर्ट का फैसला देश के सभी राज्यों के लिए अहम साबित होगा, लिहाजा कुछ वरिष्ठ कानूनविदों को इसमें पैरवी की इजाजत दी जाए. इस पर हाईकोर्ट ने 24 अप्रैल की सुनवाई के बाद मामले की हियरिंग 8 मई को तय की थी. अब आज यानी 9 मई गुरुवार को भी सुनवाई होगी. बता दें कि इस मामले में याचिकाकर्ताओं की तरफ से बहस पूरी की जा चुकी है.
क्या है सीपीएस की नियुक्ति से जुड़ा मामला
हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने छह सीपीएस नियुक्त किए हैं. सीपीएस की नियुक्ति को कल्पना देवी ने याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी. फिर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व विधायक सतपाल सिंह सत्ती व अन्यों ने भी याचिका दाखिल कर नियुक्ति को असंवैधानिक बताया और अदालत से आग्रह किया कि इन्हें हटाए जाने के आदेश दिए जाएं. फिलहाल, अदालत ने सीपीएस को मंत्रियों वाली सुविधाएं देने व उनसे मंत्रियों वाला काम लेने पर रोक लगा रखी है. राज्य सरकार ने सुंदर ठाकुर, संजय अवस्थी, राम कुमार चौधरी, आशीष बुटेल, किशोरी लाल व मोहन लाल ब्राक्टा को सीपीएस नियुक्त किया है. वहीं, पूर्व में हुई सुनवाई में सीपीएस की तरफ से अदालत को बताया गया कि वे केवल मंत्रियों की उनके कार्यों में सहायता करते हैं. उनकी नियुक्ति कानून के अनुसार ही की गई है. अब हाईकोर्ट में इस बिंदु पर सुनवाई हो रही है कि सीपीएस अपने पद पर बने रह सकते हैं या नहीं. फिलहाल, सुनवाई आज यानी गुरुवार को भी जारी रहेगी.