शिमला: हिमाचल प्रदेश के सियासी गलियारों में इन दिनों कांग्रेस के सियासी संकट की सुगबुगाहट है. इस बीच शुक्रवार को कांग्रेस के बागी नेताओं को पंचकूला से कहीं और शिफ्ट करने का शोर मच गया. तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे, कोई गुरुग्राम तो कोई देहरादून की तरफ इशारा कर रहा था. दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं तो कयास भी मजबूत थे लेकिन शाम होते-होते साफ हो गया कि एक चार्टड विमान विधायकों को लेकर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की ओर उड़ा है.
ऋषिकेश के होटल पहुंचे बागी
दरअसल 27 फरवरी को पंचकूला के होटल में रुके हुए कांग्रेस के बागी नेताओं को देहरादून नहीं बल्कि ऋषिकेश के एक होटल में शिफ्ट किया गया है. कांग्रेस बागी नेता सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो और इंद्र दत्त लखनपाल को लेकर एक चार्टड विमान पंचकूला से उड़ा और देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पर लैंड किया. जहां से इन्हें गाड़ियों में ऋषिकेश के एक होटल में ठहराया गया है. वहीं, खबर है कि इन बागियों के साथ 3 निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा भी साथ में हैं.
मुख्यमंत्री ने जाहिर की चिंता
शुक्रवार को शिवरात्रि के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कांगड़ा दौरे पर थे. जहां सीएम ने बैजनाथ में शिवरात्रि के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की और जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भी बागियों को पंचकूला से कहीं और शिफ्ट करने का शक जताया था.
"आज प्रदेश का वातावरण ऐसा हो चुका है कि विधायक CRPF के कब्जे में थे. 9 दिन से वो पंचकूला के ललित होटल में ठहरे हुए थे. आज ही हमें पता लगा कि चार्टड प्लेन में उन्हें ले जाया गया है."- सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने एक बार फिर कहा कि बागियों को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने और कांग्रेस की सरकार को गिराने की कोशिश का पछतावा रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बागियों के परिजन उन्हें वापस लौटने के लिए बोल रहे थे, इसलिये उन्हें पंचकूला से शिफ्ट कर दिया गया है.
"जो विधायक हमारे यहां से गए हैं, 6 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायक हैं. उन पर क्या बीत रही होगी, क्या दर्द उनके सीने में होगा, क्या पीड़ा उनके मन में होगी. क्योंकि वो जानते हैं कि हमने गलत किया है. लोकतंत्र को कमजोर किया है. मैं ये भी जानता हूं कि ये जब बाहर आएंगे तो इनके मन में ये पीड़ा और पछतावा हमेशा होगा कि हमने कांग्रेस की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश की. बीजेपी ने कभी भी प्रदेश के हित नहीं देखा है, वो सिर्फ हित की बात करते हैं" - सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव में 6 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. जिसके कारण कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई थी और बीजेपी कैंडिडेट हर्ष महाजन चुनाव जीत गए थे. 9 विधायकों की क्रॉस वोटिंग से दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले थे और फिर लॉटरी के आधार पर बीजेपी को जीत मिली. लेकिन सदन में 40 विधायकों के साथ कांग्रेस की बहुमत वाली सरकार थी और ये सीट कांग्रेस की झोली में जाना तय मानी जा रही थी. लेकिन 6 कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी. जिसके बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन 6 विधायकों को अयोग्य करार दिया था. इनमें सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो और इंद्र दत्त लखनपाल शामिल हैं.