शिमला: हिमाचल कांग्रेस पर मंडरा रहे संकट के बादल पर्यवेक्षकों की बैठक के बाद भी छंटते नहीं दिख रहे हैं. गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह विक्रमादित्य सिंह ने पंचकूला में अयोग्य करार दिए 6 विधायकों से मुलाकात की है और अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने एक बार फिर बड़ी बातें कही हैं.
'बीजेपी की वर्किंग हमसे बेहतर है'
शिमला में प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री से अपनी शिकायतों को लेकर खुलकर बात की है और कहा कि वो कार्यकर्ताओं का दर्द कई बार मुख्यमंत्री को बता चुकी थीं. लेकिन बातें नहीं सुनी गई और ये स्थिति उत्पन्न हुई है. उन्होंने बीजेपी की कार्यप्रणाली को कांग्रेस से बेहतर करार दिया है.
"मैं पहले दिन से कह रही थी मुख्यमंत्री से कि आप संगठन को मजबूत करेंगे तभी हम आने वाले चुनावों का सामना करेंगे. ये कांग्रेस के लिए मुश्किल घड़ी है, आदरणीय मोदी जी के आदेश के अनुसार हमें फील्ड में कई दिक्कतें हो रही है. बीजेपी के मुकाबले हम फील्ड में कमजोर हैं. मैंने मुख्यमंत्री से कहा कि पार्टी को संगठित करने की जरूरत है. कांग्रेस में अभी बहुत कुछ करना बाकी है, बीजेपी की वर्किंग हमसे बेहतर है" - प्रतिभा सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस
क्या बीजेपी के टच में है वीरभद्र परिवार ?
राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग और शिमला में 3 दिन तक हुए पॉलिटिकल ड्रामें के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि वीरभद्र सिंह परिवार बीजेपी के टच में है. प्रतिभा सिंह ने कहा कि आगे की रणनीति आलाकमान के फैसले पर निर्भर है.
"हमने ये अभी सोचा नहीं है, ना इसपर कोई वर्किंग की है और ना हम बीजेपी के साथ संपर्क में है. आगे क्या हालात बनते हैं ये कांग्रेस आलाकमान को तय करना है कि वो किसको टिकट देना चाहती है, उसपर भी अब सोच विचार होगा. कांग्रेस आलाकमान का क्या आदेश होगा उसके हिसाब से हम आगे बढ़ेंगे."- प्रतिभा सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
प्रतिभा सिंह ने कहा कि हमारा सारा जीवन कांग्रेस में बीता, हमारी विचारधारा कांग्रेस की है लेकिन कल क्या स्थिति होती है इसपर हम कुछ नहीं कह सकते हैं. हम अपने केंद्रीय नेतृत्व से भी बात करेंगे और बताएंगे कि हिमाचल में क्या हालात हो गए हैं. हम आलाकमान से कहेंगे कि इस पर जल्दी फैसला लें.
कांग्रेस में सब ठीक नहीं है
दरअसल गुरुवार को शिमला में पर्यवेक्षकों के साथ हुई विधायकों की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें उन्होंन कहा कि अब सब ठीक हो गया है और ये सरकार 5 साल चलेगी. सुखविंदर सुक्खू के मुख्यमंत्री बने रहने के सवाल पर भी प्रतिभा सिंह ने भी अपना रुख साफ किया है.
"ऑबजर्वर्स के कहने से क्या होता है, पर्यवेक्षक तो चाहते हैं ऐसा हो लेकिन लोग क्या चाहते हैं इसे देखना होगा. अब पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद केंद्रीय आलाकमान के अगले आदेश का इंतजार है. हम जल्द से जल्द हाइकमान से मिलना चाहते हैं और हिमाचल के हालात बताना चाहते हैं और पूछना चाहते हैं कि हमें अब क्या करना है"- प्रतिभा सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
आगामी चुनावों में चेहरा कौन होगा ?
वैसे तो कांग्रेस को इस सवाल के जवाब से पहले मौजूदा हालात से निपटना है लेकिन कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाएगा. ऐसे में हिमाचल में किसके चेहरे पर चुनाव होगा इस सवाल पर प्रतिभा सिंह ने कहा कि "ये आलाकमान तय करेगा, मैं मौजूदा लोकसभा सांसद हूं और एक कार्यकर्ता के रूप में फील्ड में रहूंगी. प्रदेश अध्यक्ष के नाते संगठन को मजबूती देना मेरा काम है और इसके लिए मैं प्रयासरत हूं."
वीरभद्र सिंह की प्रतिमा रिज पर क्यों नहीं लग पाई ?
कांग्रेस के मौजूदा संकट के बीच बुधवार को विक्रमादित्य सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिमला के रिज मैदान पर अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा ना लगाए जाने का मामला भी उठाया. इस दौरान वो भावुक हो गए थे और उन्होंने कहा था कि 6 बार सीएम रहे जिस वीरभद्र सिंह की वजह से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी उसके लिए रिज पर इस सरकार ने 2 गज जमीन भी नहीं दी. वीरभद्र सिंह की प्रतिमा ना लगने के लिए प्रतिभा सिंह ने पूरी तरह से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को जिम्मेदार ठहरा दिया.
"रिज पर प्रतिमा लगाने का फैसला मुख्यमंत्री ने लेना था. रिज पर महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, यशवंत परमार, अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगी हुई है. रिज पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाना सिर्फ हमारी चाहत नहीं थी, नहीं कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता और दलों के लोग भी ये चाहते थे. क्योंकि लोगों की भावनाएं इससे जुड़ी हैं. विक्रमादित्य सिंह ने भी ये मामला उठाया था. - प्रतिभा सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
अयोग्य करार दिए विधायकों पर क्या कहा
प्रतिभा सिंह ने कहा कि 6 विधायकों को अयोग्य करार दिया गया है. वो अब अपने न्याय के लिए कोर्ट का रुख करेंगे. स्पीकर ने उनपर जो फैसला दिया उससे वे 6 विधायक भी आहत होंगे क्योंकि वो भी कांग्रेसी थे और अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे.
"उनकी भी कुछ ना कुछ डिमांड थी. जैसे राजेंद्र राणा हमीरपुर में बड़ा चेहरा हैं. उन्होंने पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल को हराया था. वो चाहते थे कि उन्हें सरकार में एडजस्ट किया जाएगा, एक साल से ज्यादा सरकार को हो गया, वो इंतजार करते रहे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ऐसी नौबत ही नहीं आती अगर उन्हें एडजस्ट कर दिया जाता."- प्रतिभा सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
प्रतिभा सिंह ने कहा कि अभी उनकी बात बागी विधायकों से नहीं हो पा रही हैं क्योंकि वो पंचकूला में सुरक्षा के बीच हैं और उनके फोन भी स्विच्ड ऑफ हैं. विक्रमादित्य के उन विधायकों से मुलाकात को लेकर प्रतिभा सिंह ने कहा कि मैं इस बारे में नहीं जानती.