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"सोनम वांगचुक को डिटेन करना गलत, तानाशाही रवैया से आम जनता की आवाज दबा रही केंद्र सरकार" - Sonam Wangchuk Detained

Mahiman Chandra on Sonam Wangchuk: 1 अक्टूबर को दिल्ली बॉर्डर पर सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों को रोक कर पुलिस द्वारा डिटेन किया गया. सोनम वांगचुक लद्दाख की मांगों को लेकर लेह से दिल्ली तक पदयात्रा कर रहे थे. वहीं, वांगचुक को डिटेन किए जाने पर हिमाचल क्लाइमेट वॉरियर संस्था ने केंद्र सरकार की कड़ी निंदा की है.

Mahiman Chandra on Sonam Wangchuk
हिमाचल क्लाइमेट वॉरियर संस्था ने सोनम वांगचुक को हिरासत में लेने पर जताई आपत्ति (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 2, 2024, 9:58 AM IST

Updated : Oct 2, 2024, 10:13 AM IST

कुल्लू: देश की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर जिस तरह से लद्दाख के पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक व उनके साथ पैदल चल रहे सहयोगियों को रोका गया और पुलिस के द्वारा जिस तरह से उन्हें थाने में ले जाकर डिटेन किया गया, वो सब लोकतंत्र के विरुद्ध है. केंद्र की सरकार इस मामले में तानाशाही रवैया को अपना रही है. ये बात ढालपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय हिमाचल क्लाइमेट वॉरियर संस्था के प्रदेश समन्वयक महिमन चंद्र ने कही.

महिमन चंद्र ने इस पूरी घटना की निंदा करते हुए कहा, "सोनम वांगचुक कई दिनों से लेह से पैदल दिल्ली की यात्रा कर रहे हैं. 2 अक्टूबर को उन्होंने राजघाट पर जाकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना था. सोनम वांगचुक केंद्र सरकार के समक्ष जो अपनी मांगें रख रहे हैं, वो सभी मांगे पहले ही चुनाव के दौरान केंद्र सरकार के द्वारा मानी गई है, लेकिन उसके बाद सरकार इन सब मांगों को भूल गई है. इन्हीं सभी मांगों को याद दिलाने के लिए सोनम वांगचुक के द्वारा यह पैदल यात्रा की गई थी, लेकिन सरकार अपने तानाशाही रवैया से आम जनता की आवाज को दबाने का काम कर रही है."

महिमन चंद्र ने कहा कि इससे पहले भी देश के पहलवानों के साथ, किसानों के साथ और कर्नाटक से आए लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार केंद्र सरकार कर चुकी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह सोचना चाहिए कि अगर हिमालय है तो ही देश और उसकी जनता है, क्योंकि हिमालय के पर्यावरण के साथ आज व्यापक रूप से छेड़छाड़ हो रही है. जो आने वाले समय में पूरे देश के लिए खतरे की घंटी है. ऐसे में केंद्र सरकार अपना तानाशाही रवैया छोड़े और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक द्वारा जो मांगें रखी गई है, उन पर जल्द से जल्द गौर करे और इसका समाधान निकालने की कोशिश करें.

ये भी पढ़ें: दिल्ली की पदयात्रा पर सोनम वांगचुक, लद्दाख को राज्य का दर्जा, जानें किन मांगों को केंद्र के समक्ष रखेंगे

ये भी पढ़ें: सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक 150 समर्थकों समेत हिरासत में, राहुल ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

कुल्लू: देश की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर जिस तरह से लद्दाख के पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक व उनके साथ पैदल चल रहे सहयोगियों को रोका गया और पुलिस के द्वारा जिस तरह से उन्हें थाने में ले जाकर डिटेन किया गया, वो सब लोकतंत्र के विरुद्ध है. केंद्र की सरकार इस मामले में तानाशाही रवैया को अपना रही है. ये बात ढालपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय हिमाचल क्लाइमेट वॉरियर संस्था के प्रदेश समन्वयक महिमन चंद्र ने कही.

महिमन चंद्र ने इस पूरी घटना की निंदा करते हुए कहा, "सोनम वांगचुक कई दिनों से लेह से पैदल दिल्ली की यात्रा कर रहे हैं. 2 अक्टूबर को उन्होंने राजघाट पर जाकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना था. सोनम वांगचुक केंद्र सरकार के समक्ष जो अपनी मांगें रख रहे हैं, वो सभी मांगे पहले ही चुनाव के दौरान केंद्र सरकार के द्वारा मानी गई है, लेकिन उसके बाद सरकार इन सब मांगों को भूल गई है. इन्हीं सभी मांगों को याद दिलाने के लिए सोनम वांगचुक के द्वारा यह पैदल यात्रा की गई थी, लेकिन सरकार अपने तानाशाही रवैया से आम जनता की आवाज को दबाने का काम कर रही है."

महिमन चंद्र ने कहा कि इससे पहले भी देश के पहलवानों के साथ, किसानों के साथ और कर्नाटक से आए लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार केंद्र सरकार कर चुकी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह सोचना चाहिए कि अगर हिमालय है तो ही देश और उसकी जनता है, क्योंकि हिमालय के पर्यावरण के साथ आज व्यापक रूप से छेड़छाड़ हो रही है. जो आने वाले समय में पूरे देश के लिए खतरे की घंटी है. ऐसे में केंद्र सरकार अपना तानाशाही रवैया छोड़े और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक द्वारा जो मांगें रखी गई है, उन पर जल्द से जल्द गौर करे और इसका समाधान निकालने की कोशिश करें.

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Last Updated : Oct 2, 2024, 10:13 AM IST
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